समान नागरिक संहिता प्रारूप समिति की अध्यक्ष पूर्व जज रंजना प्रकाश देसाई

उत्‍तराखंड : यूनिफार्म सिविल कोड पर ड्राफ्ट कमेटी गठित, सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज रंजना प्रकाश देसाई होंगी इसकी अध्‍यक्ष
उत्‍तराखंड सरकार ने राज्‍य में समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। सरकार ने इसके लिए ड्राफ्टिंग कमेटी की घोषणा की है। सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज रंजना प्रकाश देसाई कमेटी की अध्‍यक्ष होंगी।

उत्‍तराखंड  सरकार ने राज्‍य में समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाया है।

देहरादून 27 मई। पुष्कर सिंह धामी सरकार ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने के संकल्प को पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। समान नागरिक संहिता के परीक्षण एवं क्रियान्वयन को पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति गठित की गई है। उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई समिति की अध्यक्ष होंगी।

न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई (जन्म 30 अक्टूबर 1949) भारत के सर्वोच्च न्यायालय की न्यायाधीश और भारत के परिसीमन आयोग की प्रमुख रही हैं । वह पहले महाराष्ट्र राज्य की लोक अभियोजक थीं, और सर्वोच्च न्यायालय से नियुक्ति से पहले उन्होंने बॉम्बे उच्च न्यायालय में एक न्यायाधीश के रूप में कार्य किया। सुप्रीम कोर्ट से अपनी सेवानिवृत्ति के बाद, देसाई बिजली के लिए भारतीय अपीलीय न्यायाधिकरण की अध्यक्ष भी रही हैं। ।

समिति में सिक्किम उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश प्रमोद कोहली, सामाजिक कार्यकर्त्‍ता मनु गौड़, सेवानिवृत्त आइएएस एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह और दून विश्वविद्यालय की कुलपति डाक्टर सुरेखा डंगवाल समिति के सदस्य बनाए गए हैं। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि समिति जल्द ही यूसीसी का मसौदा तैयार करेगी। इसके बाद सरकार इसे लागू करेगी।

 

वादा पूरा करने की ओर धामी की पहल

Uniform Civil Code: समान नागरिक संहिता यानि यूनिफार्म सिविल कोड को देशभर में लागू करना भाजपा का एक बड़ा एजेंडा रहा है और राज्य स्तर पर उत्तराखंड ने इसे लागू करने की दिशा में एक कदम बढ़ा दिया है। उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश की भाजपा सरकार भी अपने-अपने राज्यों में इसे लेकर आने वाले दिनों में कदम बढ़ा सकती है।

हाइलाइट्स
1-समान नागरिक संहिता को लेकर उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है
2-इस संबंध में तमाम पहलुओं पर विचार कर सुझाव देने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन कर दिया है
3-SC के सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति बनी है

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सरकार के इस फैसले की जानकारी देते हुए ट्वीट किया। इस ट्वीट में उन्‍होंने लिखा- देवभूमि की संस्कृति को संरक्षित करते हुए सभी धार्मिक समुदायों को एकरूपता प्रदान करने के लिए न्यायाधीश उच्चतम न्यायालय (सेवानिवृत्त) रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में समान नागरिक संहिता के क्रियान्वयन हेतु विशेषज्ञ समिति का गठन कर दिया गया है।

राज्यपाल की स्वीकृति से विशेषज्ञ समिति का गठन
समिति के गठन को लेकर राज्य सरकार की अधिसूचना में कहा गया है कि उत्तराखंड राज्य में रहने वाले सभी नागरिकों के व्यक्तिगत नागरिक मामलों को नियंत्रित करने वाले सभी प्रासंगिक कानूनों की जांच करने और मसौदा कानून या मौजूदा कानून में संशोधन के साथ उस पर रिपोर्ट करने के लिए इस समि‍ति का गठन किया जा रहा है। इसके अलावा विवाह, तलाक, संपत्ति के अधिकार, उत्तराधिकार से संबंधित लागू कानून और विरासत, गोद लेने और रख-रखाव और सरंक्षता इत्यादि एवं समान नागरिक संहिता के परीक्षण एवं क्रियान्वयन हेतु राज्यपाल की स्वीकृति से विशेषज्ञ समिति का गठन किया जा रहा है।

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के दौरान पुष्कर सिंह धामी ने राज्य की जनता से यह वादा किया था कि दोबारा सत्ता में आने के बाद उनकी सरकार राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए समिति का गठन करेगी। चुनावी वादे को पूरा करते हुए धामी सरकार ने विशेषज्ञ समिति का गठन कर दिया।

दरअसल, समान नागरिक संहिता यानि यूनिफार्म सिविल कोड को देशभर में लागू करना भाजपा का एक बड़ा एजेंडा रहा है और राज्य स्तर पर उत्तराखंड ने इसे लागू करने की दिशा में एक कदम बढ़ा दिया है। उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश की भाजपा सरकार भी अपने-अपने राज्यों में इसे लेकर आने वाले दिनों में कदम बढ़ा सकती है

समान नागरिक संहिता धामी सरकार के शीर्ष एजेंडे में

 

समान नागरिक संहिता धामी सरकार के शीर्ष एजेंडे में शामिल है। पांचवीं विधानसभा के चुनाव में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और सत्तारूढ़ भाजपा इसे प्रमुख चुनावी मुद्दा बना चुकी है। प्रदेश में भाजपा की दोबारा दो-तिहाई बहुमत से सरकार बनते ही मंत्रिमंडल की बीती 24 मार्च को पहली बैठक में इसे लागू करने का संकल्प पारित किया गया था। इस संकल्प पर आगे बढ़ते हुए शुक्रवार को विशेषज्ञ समिति गठित की गई। अपर मुख्य सचिव गृह राधा रतूड़ी ने इस संबंध में आदेश जारी किया

आदेश में समिति के विचारार्थ बिंदुओं की जानकारी भी दी

आदेश में समान नागरिक संहिता को लेकर विशेषज्ञ समिति के विचारार्थ बिंदुओं की जानकारी भी दी गई। प्रदेश में रहने वाले सभी नागरिकों के व्यक्तिगत नागरिक मामलों को नियंत्रित करने वाले सभी प्रासंगिक कानूनों की जांच करने और मसौदा कानून बनाने पर समिति विचार करेगी।

साथ में मौजूदा कानून में संशोधन के साथ उस पर रिपोर्ट करने के लिए विवाह, तलाक, संपत्ति के अधिकार, उत्तराधिकार से संबंधित लागू कानून और विरासत, गोद लेने तथा रखरखाव व संरक्षता इत्यादि का अध्ययन भी करेगी।

मसौदा तैयार होने के बाद किया जाएगा इसे लागू

समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार होने के बाद प्रदेश में इसे लागू किया जाएगा। गोवा के बाद उत्तराखंड भी देश का ऐसा राज्य बन जाएगा, जहां समान नागरिक संहिता लागू होगी। गोवा राज्य के अस्तित्व में आने के बाद से ही वहां समान नागरिक संहिता लागू है।

समान नागरिक संहिता के क्रियान्वयन को विशेषज्ञ समिति का किया गठन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कर कहा कि देवभूमि की संस्कृति को संरक्षित करते हुए सभी धार्मिक समुदायों को एकरूपता प्रदान करने के लिए उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में समान नागरिक संहिता के क्रियान्वयन को विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है।

 

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