फैक्ट चैक: नेमप्लेट से संबंधित नहीं खली का वीडियो, विवाद से छह दिन पहले का है

फैक्ट चेक: द ग्रेट खली ने किया योगी सरकार के कांवड़ यात्रा वाले फैसले का विरोध? वायरल वीडियो का संबंध नहीं इस विवाद से
मशहूर रेसलर दिलीप सिंह राणा उर्फ द ग्रेट खली का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से शेयर किया जा रहा है. वीडियो में वह एक फल की दुकान पर बैठे हैं और आम खा रहे हैं. सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर करते हुए लोगों ने दावा किया कि ऐसा करके वह उत्तर प्रदेश सरकार की दुकानों पर नेम प्लेट लगाने के फैसले का विरोध कर रहे हैं.हमने वीडियो की पड़ताल की तो ये झूठ निकला.

दावा
द ग्रेट खली ने मुस्लिमों की दुकान पर आम खाके योगी सरकार के उस फैसले का विरोध किया जिसमें कांवड़ यात्रा के दौरान पड़ने वाली खाने-पीने की दुकानों पर मालिक का नाम लिखने के लिए कहा गया है.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
खली का ये वीडियो योगी सरकार के कांवड़ यात्रा वाले आदेश से पहले का है. वीडियो का यूपी सरकार के आदेश से कोई संबंध नहीं है.

नई दिल्ली,25 जुलाई 2024,उत्तर प्रदेश सरकार ने 22 जुलाई से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा के रास्ते पर पड़ने वाली खाने-पीने की दुकानों पर दुकानदार के नाम लिखने के आदेश जारी किये हैं. योगी सरकार का ये आदेश विवादों में आ गया. उत्तर प्रदेश सरकार पर समाजिक भेदभाव को बढ़ावा देने के आरोप लग रहे हैं.विपक्षी दलों के अलावा एनडीए के कुछ सहयोगी दलों ने भी इसका विरोध किया है.
इसी बीच मशहूर रेसलर दिलीप सिंह राणा उर्फ द ग्रेट खली का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल है जिसमें वो सड़क किनारे किसी ठेले पर आम खाते हुए दिख रहे हैं. उनके आसपास कुछ लोग खड़े हैं जिन्होंने इस्लामिक टोपियां पहनी हुई है. सोशल मीडिया यूजर्स की मानें तो खली ने मुस्लिम दुकानदारों के यहां आम खा कर उत्तर प्रदेश सरकार के कांवड़ यात्रा वाले नियम का विरोध किया.
एक एक्स यूजर ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, “द ग्रेट खली ने मुस्लिम भाइयों से फल खाकर नेम प्लेट वाले नियमों का विरोध किया !!” इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
कुछ यूजर्स ने ये भी कहा कि “द ग्रेट खली ने मुस्लिम भाइयों से फल खाकर योगी आदित्यनाथ के मुंह पर मारा तमाचा, और सभी देशवासियों से भाईचारे की अपील की”. वायरल वीडियो फेसबुक और इंस्टाग्राम पर खूब शेयर किया जा रहा है. ऐसे एक पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

हमने फैक्ट चेक में पाया कि खली का ये वीडियो योगी सरकार के कांवड़ यात्रा वाले आदेश से पहले का है. वीडियो का उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश से कोई संबंध नहीं है.

कैसे पता चली सच्चाई?

वायरल वीडियो हमें खली के आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर मिला. खली ने इस वीडियो को 11 जुलाई 2024 को पोस्ट किया था.

यहां गौर करने वाली बात ये है कि कांवड़ यात्रा से जुड़ा निर्देश उत्तर प्रदेश की मुजफ्फरनगर पुलिस ने 17 जुलाई को जारी किया था. मुजफ्फरनगर पुलिस ने कहा था कि कांवड़ यात्रा के रास्ते पर पड़ने वाली सभी खाने-पीने की दुकानों पर दुकान के मालिक या वहां काम करने वालों का नाम लिखा जाना चाहिए ताकि कांवड़ियों में कोई भ्रम न पैदा हो. एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक,इसके बाद ये आदेश पूरे प्रदेश में लागू कर दिया गया है.

इससे ये साफ हो जाता है कि खली का मुस्लिम दुकानदारों के यहां आम खाने का ये वीडियो इस आदेश से पहले का है.

कहां का है खली का ये वीडियो?

इस वीडियो के बारे में जानने के लिए हमने खली की टीम से संपर्क किया.उनकी मैनेजमेंट टीम से जुड़े अनिल राणा ने बताया कि वायरल वीडियो 11 जुलाई 2024 को ही शूट किया गया था.राणा का कहना था कि खली,हिमाचल प्रदेश से लौट रहे थे.इस दौरान हरियाणा के यमुनानगर में वो सड़क किनारे इस आम की दुकान पर रुके थे.

अनिल ने साफ तौर पर कहा कि इस वीडियो का उत्तर प्रदेश सरकार के कांवड़ यात्रा वाले निर्देश से कोई संबंध नहीं है. उन्होंने कहा कि वीडियो के साथ शेयर किये जा रहे दावों में कोई सच्चाई नहीं है.

दिलीप सिंह राणा उर्फ द ग्रेट खली 10 फरवरी 2022 को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे. उन्होंने 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों के लिए चुनाव प्रचार भी किया था.

Fact Check: क्या सच में द ग्रेट खली ने नेमप्लेट वाले नियमों का विरोध किया है? पढ़ें वायरल वीडियो की पड़ताल
नेमप्लेट विवाद के बीच सोशल मीडिया पर एक काफी तेजी से वायरल हो रहा है। इसे साझा कर दावा किया जा रहा है कि द ग्रेट खली ने नेमप्लेट नियमों का विरोध किया है। हमारी पड़ताल में यह दावा पूरी तरह से भ्रामक निकला।

The Great Khali really did not oppose the nameplate rules viral video is misleading
कांवड़ मार्गों पर स्थित दुकानों पर मालिक के ‘नेमप्लेट’ लगाने के आदेश को लेकर बवाल खड़ा हो गया है। यह आदेश पहले केवल उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के लिए था लेकिन अब इसे राज्यभर में लागू कर दिया गया। इसके बाद ऐसा ही आदेश उत्तराखंड में हरिद्वार प्रशासन और मध्य प्रदेश ने भी जारी कर दिया। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया और इसने फिलहाल फैसले पर अंतरिम रोक लगा दी है। इस विवाद के बीच सोशल मीडिया पर एक काफी तेजी से वायरल हो रहा है। इसे साझा कर दावा किया जा रहा है कि द ग्रेट खली ने नेमप्लेट नियमों का विरोध किया है।
क्या है दावा?
सोशल मीडिया एप एक्स पर वायरल वीडियो में दिखाया गया है कि मशहूर पहलवान द ग्रेट खली एक फल की दुकान पर फल खा रहे हैं। वाजिद खान नाम के एक्स यूजर ने एक्स पर वीडियो साझा किया और लिखा, ‘द ग्रेट खली ने मुस्लिम भाइयों से फल खाकर नेम प्लेट वाले नियमों का विरोध किया !!’
मिस्टर कूल नाम के एक एक्स यूजर ने भी वीडियो साझा किया और लिखा, ‘द ग्रेट खली ने मुसलमानों से फल खाकर नेम प्लेट वाले नियमों का विरोध करते हुए आम को चूस-चूस कर खाया!’ अन्य सोशल मीडिया पर भी यह वीडियो कुछ ऐसे ही कैप्शन के साथ वायरल हो रहा है।’

पड़ताल
इस वीडियो की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले गूगल पर वायरल वीडियो के की-फ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च किया। गूगल रिजल्ट में हमें वीडियो से संबंधित एक रील द ग्रेट खली के आधिकारिक फेसबुक अकाउंट पर मिली। 11 जुलाई, 2024 को खली ने यह रील साझा की थी। जबकि 11 जुलाई तक नेमप्लेट का विवाद शुरू भी नहीं हुआ था।
पूरे विवाद की शुरुआत मुजफ्फरनगर से हुई थी तो इस घटनाक्रम की अधिक जानकारी को हमने अमर उजाला नेटवर्क, मुजफ्फरनगर से संपर्क किया। इस दौरान हमें 17 जुलाई, 2024 को अमर उजाला की प्रकाशित रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट के अनुसार, कांवड़ यात्रा को सकुशल संपन्न कराने को मुजफ्फरनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कांवड़ यात्रा वाले मार्ग पर स्थित ढाबों और होटलों पर प्रोपराइटर व संचालकों के नाम लिखने के आदेश दिए थे। पुलिस ने हाईवे व नगर में आदेशों का पालन कराना शुरू कर दिया।
पड़ताल का परिणाम
पड़ताल से साफ है कि यह दावा कि द ग्रेट खली ने नेमप्लेट नियमों का विरोध किया है, पूरी तरह से भ्रामक है। पहलवान का वायरल वीडियो नेमप्लेट विवाद होने के पहले का है।

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