नकली प्रपत्र रैकेट:बनफूलपुरा के सभी CSC सेंटर्स की 5 साल की करतूतों की होगी जांच
हल्द्वानी नकली प्रपत्र रैकेट का अनावरण, सभी CSC सेंटर्स की होगी जांच, एक्शन भी शुरू
SDM राहुल शाह ने बताया कि नकली प्रपत्र बनाने का यह मामला अत्यंत गंभीर है. इससे सरकारी सेवाओं की विश्वसनीयता प्रभावित होती है
HALDWANI CSC CENTERS INVESTIGATION
हल्द्वानी 14 नवंबर 2025 : वनभूलपुरा इलाके में नकली प्रपत्र तैयार करने के मामले ने प्रशासनिक स्तर पर हड़कंप मचा दिया है. मामला तब उजागर हुआ जब हल्द्वानी के वनभूलपुरा क्षेत्र के एक CSC (कॉमन सर्विस सेंटर) में प्रपत्र लेखक के नकली प्रमाण पत्र तैयार करने की शिकायत सामने आई. जांच में आरोप लगा कि सरकारी प्रपत्रों से छेड़छाड़ की गई है. सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग हुआ है. इस गंभीर मामले में धारा 420 समेत कई धाराओं में मुकदमा की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
SDM हल्द्वानी राहुल शाह ने बताया कि इस CSC सेंटर में वर्ष 2020 से अब तक जारी सभी प्रमाण पत्रों की जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि यह मामला केवल एक सेंटर तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे वनभूलपुरा क्षेत्र के CSC सेंटर्स संदेह की परिधि में हैं. सभी सेंटर्स की व्यापक जांच होगी.
SDM राहुल शाह ने बताया कि नकली प्रपत्र बनाने का यह मामला अत्यंत गंभीर है. इससे सरकारी सेवाओं की विश्वसनीयता प्रभावित होती है.उन्होंने बताया कि टीम जल्द ही सभी रिकॉर्ड की जांच पूरी कर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगी. इधर मामले पर हल्द्वानी नगर निगम के मेयर गजराज सिंह बिष्ट ने भी चिंता व्यक्त करते हुए मामले में कठोर कार्रवाई की मांग की. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में ऐसे रैकेट्स काफी समय से सक्रिय है. इन पर कड़ी निगरानी की जरूरत है. मेयर ने कहा कि नकली प्रपत्र बनाने का यह काम किसी एक व्यक्ति या सेंटर से नहीं चल रहा, बल्कि इसके पीछे एक पूरा नेटवर्क है, जो व्यवस्थित तरीके से काम करता है. उन्होंने कहा कि यह नेटवर्क न सिर्फ नकली प्रपत्र बल्कि नकली फैक्ट्री से लेकर अवैध कामों में भी लिप्त हो सकता है.
मेयर गजराज बिष्ट ने कहा कि अब समय आ गया है कि प्रशासन एक बड़े स्तर पर अभियान चलाकर ऐसे गिरोहों पर लगाम लगाए. उन्होंने कहा कि राज्य बनने के बाद ऐसे मामले बढे है, जो चिंताजनक है. उन्होंने कहा कि कठोर प्रशासनिक कार्रवाई बेहद जरूरी है. जिससे नकली प्रपत्र का पूरा खेल बंद हो सके.
नकली प्रपत्र तैयार करने का यह मामला न केवल प्रशासन के कामकाज पर सवाल खड़े करता है बल्कि सामान्य जन की सुरक्षा और विश्वसनीयता से भी जुड़ा है. जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद कई और अनावरण की संभावना है।
- तहसील कर्मचारी फर्जी डाक्यूमेंट्स से बना रहा था स्थाई निवास, कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने किया भंडाफोड़
उत्तराखंड में किस तरह नकली प्रपत्र से स्थायी निवास प्रमाण पत्र बनाए जा रहे है, उसका कुमाऊं कमिश्नर ने अनावरण किया
कमिश्नर दीपक रावत ने किया भंडाफोड़
उत्तराखंड में किस तरह के नकली प्रपत्र इस्तेमाल कर स्थायी निवासी बनाये जा रहे है, इसका आज भंडाफोड़ हुआ है. कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत गुरुवार 13 नवंबर देर शाम हल्द्वानी के बनभूलपुरा के सीएससी सेंटर पर छापा मारा. तभी उन्होंने आवेदन लेखक फैजान मिकरानी को नकली प्रपत्र बनाते रंगे हाथ पकड़ा.
दरअसल, कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत को जनता दरबार में शिकायत मिली थी कि फर्जी दस्तावेज के आधार पर उत्तराखंड के प्रमाण पत्र बनाए जा रहे है. शिकायतकर्ता ने कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत को बताया था कि उसके नाम पर बरेली निवासी एक व्यक्ति का स्थायी निवास प्रमाण पत्र बना दिया गया है. कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने सच का पता लगाने को मामले की गोपनीय जांच कराई.
कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत की छापेमारी में बड़ा अनावरण
गोपनीय जांच में कुमाऊं कमिश्नर रावत को पता चला कि फैजान मिकरानी नाम का व्यक्ति नकली प्रपत्र बनाता है. इसके बाद गुरुवार 13 नवंबर देर शाम कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत वनभूलपुरा क्षेत्र के सीएससी सेंटर पहुंचे. कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत के सीएससी सेंटर में पहुंचते ही हड़कंप मच गया.
कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत की जांच में सामने आया कि फैजान मिकरानी ही फर्जी प्रपत्र बनाता है, जो हल्द्वानी तहसील में आवेदक लेखक है. कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत को सीएससी सेंटर से कई लोगों के व्यक्तिगत प्रपत्र मिले है.
कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने बताया कि जनता दरबार में उनके सामने एक शिकायत आई थी.जिसमें बताया गया था कि उत्तर प्रदेश के बरेली का रईस अहमद कुछ समय से हल्द्वानी में है, लेकिन उसका स्थायी निवास प्रमाण पत्र बना है. बरेली के रईस अहमद का स्थायी निवास बनाने को हल्द्वानी के ही एक रईस अहमद नाम के व्यक्ति के दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया, जिसके पास पहले से ही स्थायी निवास का प्रमाण पत्र है.
कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत के अनुसार मामले की जांच हुई तो फैजान मिकरानी नाम सामने आया,जो हल्द्वानी तहसील में आवेदक लेखक है.फैजान मिकरानी के पास कोई व्यक्ति आय प्रमाण पत्र बनवाने गए थे,उसी का मोबाइल नंबर फैजान मिकरानी ने इस्तेमाल किया.यानी फैजान मिकरानी ने आय प्रमाण पत्र बनवाने वाले व्यक्ति के मोबाइल नंबर से आवेदन कर दो नकली स्थायी निवास प्रमाण पत्र बना दिए.वहीं जब सीएससी सेंटर में छापा मारा गया तो वहां पर कई व्यक्तियों के व्यक्तिगत प्रपत्र भी मिले,जो नहीं होने चाहिए थे.
कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने बताया कि इस मामले में अभी तहसील से मुकदमा होगा. ऐसे और कितने मामले है,उनका पता लगाने को विस्तृत जांच भी करायी जाएगी.उत्तराखंड में इस तरह का अपराध किसी भी कीमत पर सहन नहीं होगा.मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसको लेकर साफ निर्देश दिए है.
TAGGED:
हल्द्वानी फर्जी दस्तावेज मामला
हल्द्वानी CSC सेंटर्स जांच
HALDWANI FAKE DOCUMENTS CASE
HALDWANI CSC CENTERS INVESTIGATION
HALDWANI CSC CENTERS INVESTIGATION
