नसीर का दिल ढूंढता है फुर्सत के वे मुगलों वाले दिन
नसीर का दिल ढूंढता है फुर्सत के वो रात-दिन
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हाँ! नसीर उन दिनों को शिद्दत से याद कर रहे हैं जब मुग़ल भारत आए थे। भारत को उन्होंने सभ्य बनाया था। जब मुगल इस देश में रिफ्यूज़ी बन कर आए और उन्होंने हम अनपढ़ , गरीब और असभ्य लोगों को डांस, कल्चर और भाषा सिखाई और हमें ऐसी इमारतें दी जो उनके वतन में भी कभी नहीं बनी थीं।
नसीर ने एक वेबसाइट को दिये इंटरव्यू में कहा है कि भारत अब वो देश रहा नहीं। क्योंकि कुछ फर्जी बाबाओं ने इस्लाम, मुसलमानों और बापू के खिलाफ गंदे और अभद्र अपशब्दों का इस्तेमाल किया।
भले ही नसीर अपनी कौम के उनलोगों की बातों पर चुप्पी साधे रहे जिन्होंने भारत को टुकड़े-टुकड़े करने की बात कही थी। जिन्होंने भारत को आसाम से अलग करने की बात कही थी।
लेकिन नसीर को इन फर्जी बाबाओं की धमकी से गुस्सा आ गया। मासूम फिल्म के एक्टर रहे नसीर को इतना गुस्सा आ गया कि उन्होंने भी हैदराबादी अकबर ओवैसी की बात पर मुहर लगाते हुए कह दिया कि हम भी 20 करोड़ हैं। ऐवईं चुप्प नहीं बैठेंगे। हम भी बदला लेंगे।
अब नसीरुद्दीन शाह से तो ऐसी उम्मीद नहीं थी। क्योंकि वो तो कलाकार हैं। उनके गानों में भी तबला बजता होगा जिसे भारत के मृंदग को काट कर बना दिया गया था। उनके फिल्मों में भी कथक स्टाइल में मुज़रा होता होगा जिसे भारत के प्राचीन नृत्यों में हेरफेर कर मुगलों के काल में ढाल दिया गया।
नसीर की फिल्मों की शूटिंग्स भी कुव्व्त उल इस्लाम ( इस्लाम की ताकत) यानी कुतुबमिनार में हुई होगी जहां आज भी चंद्रगुप्त विक्रमादित्य का लौह स्तंभ खड़ा है जो बताता है कि इस इलाके को तोड़ कर ही इस मस्जिद को बनाया गया होगा। वैसे भी कांग्रेस के जमाने से पहले से ही वहाँ आर्कियोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की तख्ती जड़ी हुई है जिसमें लिखा हुआ है कि कुव्व्त उल इस्लाम( कुतुबमीनार और इस इलाके की इमारतें) को 27 हिंदू जैन मंदिरों को तोड़ कर बनाया गया था। और ये बात मुगलों के आने के पहले ही हो चुकी थी।
नासिर को वो फुर्सत के दिन याद आ रहे होंगे जब फुर्सत निकाल कर औरंगजेब ने काशी के मंदिर को तोड़ा था और ज्ञानवापी मस्जिद बना कर हिन्दू मुस्लिम एकता की बुनियाद रखी थी।
खैर हम तो असभ्य थे ही । मुगलों ने हम पर ऐसा अहसान किया है जिसके बल पर नसीर आज भी हमें धमकी दे सकते हैं कि हम 20 करोड़ चुप्प नहीं बैठने वाले हैं।
नसीर तो भले आदमी लगते रहे हैं मुझे। आगे भी लगेंगे। हो सकता है कि वो इन फर्जी बाबाओं की बात को सेलेक्टिवली लेकर देश में इन बाबाओं के साथ मिल कर एक माहौल खड़ा करने की कलाकारी कर रहे हों। वैसे भी नसीर जैसा बड़ा कलाकार तो सेलेक्टिव रोल्स ही करता है ।
जब 140 करोड़ की आबादी में एक अखलाक का मुद्दा देश को हिला देता है लेकिन अंकित वर्मा का कत्ल नसीर के जमीर को हिला नहीं पाता तो बेशक मान लिया जाना चाहिए कि वो सच में बड़े कलाकार हैं जो अपनी इच्छा से अपना रोल निभाने के लिए तैयार होते हैंँ।
जो भी हो नसीर ने मुझे निराश ही किया है। क्योंकि वो और शाहरुख ऐसे कलाकार रहे हैं जो हमेशा मुझे प्रिय रहे हैं। नसीर की बीवी ही हिंदू नहीं है बल्कि उनके बच्चों के नाम भी हिंदू नाम जैसे हैं ।
लेकिन अब नसीर ऐसा कह रहे हैं तो क्या करें हम जैसे लोग जो इन फर्जी बाबाओं को जम कर गरियाते हैं लेकिन नसीर जैसे लोग ओवैसी पर चुप्पी साध कर हमें मूर्ख साबित कर देते हैं।
Ajit Kumar की कलम से
नसीरुद्दीन शाह बोले- ‘रिफ्यूजी थे मुगल, मोदीराज में मुस्लिम हाशिए पर, हरिद्वार धर्मसंसद में नरसंहार की बातों से छिड़ सकता है गृहयुद्ध’
नसीरुद्दीन शाह ने कहा, ‘एक संगठित तरीके से मुस्लिमों को असुरक्षित महसूस कराया जा रहा है। ये हमें डराने के लिए किया जा रहा है, लेकिन हमें डरना नहीं चाहिए।’
‘अगर मुस्लिमों के नरसंहार की बातें होंगी तो भारत का मुसलमान चुप नहीं बैठेगा, वह लड़ेगा। अगर कोई हमें कुचलना चाहेगा तो पलटवार करेंगे। हां अगर ऐसा होगा, हम ऐसा ही करेंगे। हम अपने घरों की रक्षा कर रहे हैं, अपने परिवार और अपने बच्चों की।’ ये बातें कही हैं बॉलीवुड एक्टर नसीरुद्दीन शाह ने द वायर को दिए इंटरव्यू में कही हैं। इंटरव्यू में मुगलों से लेकर हरिद्वार धर्मसंसद तक बहुत बातों पर नसीरुद्दीन शाह ने अपने विचार रखे। इस इंटरव्यू की क्लिप्स सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। नसीरुद्दीन शाह की बातों को लेकर सोशल मीडिया पर एक तरह से संग्राम छिड़ गया है।
नसीरुद्दीन ने कहा कि इन दिनों बार-बार मुगलों की बात होती है। वो भूल जाते हैं कि मुगल ही वो लोग हैं, जिन्होंने बहुत सारा योगदान दिया है। मुगल ने यहां स्मारक, कल्चर, डांस, शायरी, पेंटिंग, साहित्य… समेत बहुत सी चीजें दीं। तैमूर, नादिर शाह और गजनी की कोई बात नहीं करता। ये लोग लुटेरे थे। वो आए, लूटा और चले गए। मुगलों के बारे में क्या कहें… उनको क्या कहना सही होगा… उन्हें रिफ्यूजी… हां वो रिफ्यूजी जैसे ही थे।
35 मिनट के इस इंटरव्यू में नसीरुद्दीन शाह से पूछा गया कि ‘नरेंद्र मोदी के इंडिया’ में एक मुस्लिम होने के नाते क्या फीलिंग आती है। इसके जवाब में नसीरुद्दीन शाह ने कहा, ‘मुस्लिम हाशिए पर हैं और उन्हें बेकार बना दिया गया है। वे मुस्लिमों को सेकेंड क्लास सिटीजन बनाने के रास्ते पर हैं और ये हर क्षेत्र में हो रहा है।’
हरिद्वार धर्मसंसद के बारे में नसीरुद्दीन शाह ने कहा, ‘मुझे हैरानी होती है ये सोचकर कि ये लोग जो कह रहे हैं, क्या उसका मतलब भी जानते हैं। वो 200 मिलियन लोग (वे भारत के मुसलमानों की बात कर रहे हैं) फाइट बैक करेंगे। हम इसी देश के हैं। हम यहीं पैदा हुए और हम यहीं पर रहेंगे।’ हरिद्वार धर्मसंसद में मुसलमानों के नरसंहार किए जाने की बातों पर नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि इसे भारत में गृहयुद्ध जैसे हालात पैदा हो सकते हैं।
नसीरुद्दीन शाह ने कहा, ‘एक संगठित तरीके से मुस्लिमों को असुरक्षित महसूस कराया जा रहा है। ये हमें डराने के लिए किया जा रहा है, लेकिन हमें डरना नहीं चाहिए। मुस्लिमों में फोबिया फैलाने का प्रयास हो रहा है, लेकिन हमें किसी भी हाल में इससे प्रभावित नहीं होना है। मैं असुरक्षित महसूस नहीं करता हूं, क्योंकि ये मेरा घर है, लेकिन मैं बच्चे के बारे में चिंतित हूं।’
हरिद्वार धर्मसंसद में नरसंहार जैसी बातों पर प्रधानमंत्री की ओर से कुछ नहीं कहने पर नसीरुद्दीन शाह ने कहा, ‘उन्हें कोई चिंता नहीं है और कम से कम आप उन पर (पीएम मोदी) हिप्पोक्रेट होने का आरोप तो नहीं लगा सकते हैं। जो लोग नरसंहार की बातें करते हैं प्रधानमंत्री तो उन्हें ट्विटर पर फॉलो करते हैं। हमारे लीडर्स चुप रहते हैं, लेकिन दावा ये करते हैं कि उन्हें सभी की चिंता है। वो अपने निजी धर्म का प्रदर्शन करते हैं, लेकिन मुस्लिमों पर अंगुली उठाते हैं।’