फिल्म निर्माता निर्देशक अली अकबर की पत्नी ने भी छोड़ा इस्लाम
मलयाली फिल्म निर्माता निर्देशक अली अकबर अपनी पत्नी लुसीअम्मा के साथ
फिल्ममेकर अली अकबर हिंदू बने:CDS रावत की मौत पर खुशी मनाने वालों से नाराज होकर किया फैसला, पत्नी ने भी धर्म बदला
त्रिचुरापल्ली 11 दिसंबर। भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत का बुधवार को हेलिकॉप्टर क्रैश में निधन हो गया। पूरा देश उनके निधन पर शोक मना रहा था, तो दूसरी तरफ कुछ लोग सोशल मीडिया पर इसका मजाक उड़ा रहे थे। कट्टरपंथियों की इन हरकतों से दुखी होकर मलयाली फिल्मों के डायरेक्टर अली अकबर और उनकी पत्नी लुसीअम्मा ने इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म अपनाने का फैसला किया है।
इस्लाम से मेरा विश्वास उठ गया: अली
फिल्ममेकर अली अकबर ने फेसबुक पर लाइव पर अपने और पत्नी के इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म अपनाने का ऐलान किया। उन्होंने अपना नाम बदलकर ‘रामसिम्हन’ रखने का ऐलान भी किया। उन्होंने कहा कि मुस्लिमों की तरफ से सीडीएस जनरल विपिन रावत और 11 दूसरे सैनिकों की मौत का मज़ाक उड़ाने जैसी जलील हरकत का विरोध सीनियर मुस्लिम नेताओं और इस्लामिक धर्मगुरुओं ने भी नहीं किया। उन्हे देश के बहादुर बेटे का ऐसा अपमान स्वीकार्य नहीं है। अकबर ने यह भी कहा कि उनका इस्लाम से विश्वास उठ गया है। मुसलमान के रूप में वे खुद को अपमानजनक स्थिति में पाते हैं।
आज से मैं मुस्लिम नहीं,एक भारतीय हूं
अली अकबर ने सोशल मीडिया पर जारी वीडियो में कहा, ‘मुझे जन्म के समय से ही जो चोला मिला था, उसे मैं आज उतारकर फेंक रहा हूं। आज से मैं मुस्लिम नहीं हूं। मैं एक भारतीय हूं। मेरा यह संदेश उन लोगों के लिए है, जिन्होंने भारत के खिलाफ हंसते हुए स्माइली पोस्ट की है।’ अकबर की इस पोस्ट पर कई लोग उनका विरोध कर रहे हैं, तो कई उनका समर्थन भी कर रहे हैं।
मैं ऐसे धर्म के साथ नहीं जुड़ा रह सकता हूं
लाइव वीडियो के अलावा एक न्यूज वेबसाइट से बातचीत में अली अकबर ने कहा था, ‘जनरल बिपिन रावत की मौत की खबर पर हंसने वाले अधिकतर लोग मुस्लिम थे। उन्होंने ऐसा इसलिए किया, क्योंकि जनरल रावत ने पाकिस्तान और साथ ही कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ कड़े कदम उठाए थे। मैं ऐसे धर्म के साथ आगे नहीं जुड़ा रह सकता हूं।’ हालांकि, उन्होंने यह भी कहा था कि वह अपनी बेटियों को धर्म बदलने के लिए मजबूर नहीं करेंगे और वह इसे उनकी पसंद पर छोड़ देंगे।
कट्टरपंथियों ने उड़ाया था जनरल की मौत का मजाक
अली अकबर ने CDS बिपिन रावत के निधन पर एक लाइव वीडियो बनाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी थी। उनके इस वीडियो पर कुछ कट्टरपंथी लोगों ने हंसने वाली इमोजी शेयर की थीं। कुछ लोगों ने CDS रावत की मौत का मजाक भी उड़ाया था।
लोगों ने इस पर फेसबुक मैनेजमेंट से नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए रिपोर्ट किया । अली के इस वीडियो के बाद फेसबुक ने उनके पोस्ट को नस्लीय घृणा बताकर उनका अकाउंट सस्पेंड कर दिया था। इसके बाद भड़के अली ने अपना नया फेसबुक अकाउंट बनाया और CDS की मौत पर हजारों मुस्कुराने वालों को दंडित करने और इस्लाम छोड़ने की बात कही।
Peeved by the way some members of his community mocked at the martyrdom of our CDS in a chopper crash,
Malayalam film Director Ali Akbar decides to do Ghar Wapasi .
Jai Hind pic.twitter.com/vFPdL8nT4J
— Mahesh 🇮🇳 (@Mahesh10816) December 11, 2021
केरल में भाजपा के पदाधिकारी थे अली अकबर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अकबर का कहना है कि इस्लाम के शीर्ष नेताओं ने भी बहादुर सैन्य अधिकारी को अपमानित करने वाले ऐसे ‘राष्ट्र विरोधियों’ का विरोध नहीं किया. उन्होंने कहा कि वे इसे स्वीकार नहीं कर सकते. अकबर का कहना है कि उनका धर्म से भरोसा उठ गया है. उन्होंने बुधवार को इस संबंध में एक वीडियो फेसबुक पर भी साझा किया था.
पेशे से निर्देशक, पटकथा लेखक और गीतकार 58 वर्षीय अकबर का जन्म 1963 में केरल के वायनाड में हुआ था. वे प्रमुख रूप से मलयालम सिनेमा में काम करते रहे हैं. MSIDB के अनुसार, अकबर ने अपनी फिल्मी पारी की शुरुआत साल 1988 में आई फिल्म से निर्देशक के तौर पर की थी. इसके अलावा वे कई फिल्मों का हिस्सा रहे. IMDB के अनुसार, उन्हें ग्राम पंचायत (1998), सीनयर मैंड्रेक (2010) के लिए जाना जाता है.
फिल्मों के अलावा अकबर राजनीति में भी सक्रिय रहे. वे भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश समिति के सदस्य भी रह चुके हैं. उन्होंने अक्टूबर में पार्टी नेतृत्व से मतभेदों के चलते सभी संगठनात्मक जिम्मेदारियां छोड़ दी थी. अकबर ने कहा कि वह भाजपा के सदस्य बने रहेंगे. उन्होंने कहा था कि वह भाजपा के प्रदेश सचिव ए के नजीर के खिलाफ पार्टी की केरल इकाई के हाल के संगठनात्मक स्तर की कार्रवाई से ‘दुखी’ हैं और उन्होंने संकेत दिया कि इसी के चलते उन्होंने पार्टी में सभी पदों से इस्तीफा दिया है. उन्हें पार्टी का प्रमुख मुस्लिम चेहरा माना जाता है.
अली अकबर इससे पहले 2015 में भी चर्चा में आए थे, जब उन्होंने मदरसे में पढ़ाई के दौरान यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था।
फिल्म निर्माता अली अकबर ने धर्म छोड़ते वक्त क्या कहा?
अली अकबर संघ परिवार के करीबी माने जाते हैं।
अली अकबर ने भावुक फेसबुक पोस्ट लिखते हुए कहा था कि आम आदमी के लिए यह समझना बहुत मुश्किल है कि एक मुसलमान, अपने परिवार और समुदाय से, भाजपा के लिए काम करते हुए किस तरह के अपमान और गालियों का सामना करता है।
फिल्म निर्माता वर्तमान में मालाबार विद्रोह पर आधारित एक फिल्म पर काम कर रहे हैं, जिसे मोपला दंगा भी कहा जाता है।
नया नाम भी है सार्थक इतिहास
अली अकबर ने मुस्लिम मजहब छोड़कर अपना नाम रामसिंहन रख लिया है, उन्होंने कहा कि “रामसिंहम वह व्यक्ति था जिसने केरल की संस्कृति की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान कर दिया था. कल से अली अकबर राम सिंहन कहलाएंगे. यही सर्वश्रेष्ठ नाम है.”
रामसिंहम और उनके परिवार को कट्टर इस्लामियों ने हिन्दू धर्म छोड़कर इस्लाम में न आने पर वर्ष 1947 में काट कर मार दिया था. रामसिंहम, उनके भाई दयासिंहम, दयासिंहम की पत्नी कमला, उनके रसोइये राजू और परिवार के अन्य सदस्यों को स्वतंत्रता मिलने के मात्र दो सप्ताह पूर्व ही मल्लापुरम जिले के मालापराम्बा में इस्लामी जिहादियों ने क्रूरता से काट कर मार डाला था और उनका अपराध यही था कि उन्होंने इस्लाम कुबूल करने से इंकार कर दिया था
पहले भी मदरसों में होने वाले बाल शोषण के खिलाफ आवाज़ उठाई थी
अली अकबर ने पहले भी इस्लाम के खिलाफ आवाज उठाई थी और उन्होंने यह कहा था कि वह मदरसा में यौन शोषण के शिकार हुए थे. उन्होंने चालीस साल बाद अपना मुंह उन घटनाओं के बारे में खोला था, जिनसे वह मदरसा में पीड़ित रहे थे और उन्होंने यह केरल के पत्रकार राजीना को बताया था. और दोनों को ही धमकी दी जा रही है
उन्होंने अपनी यह घटना सीएनएन आईबीएन के साथ साझा करते हुए कहा था कि कैसे उनके साथ मदरसा में यौन शोषण हुआ था, जब वह मात्र आठ साल के थे. वह कक्षा चार के छात्र थे. उनके उस्ताद ने उन्हें यौनिक प्रक्रियाओं के बारे में बताया और फिर उन्होंने कहा कि उनके उस्ताद ने उनके साथ बलात्कार किया था. वह बोले कि वैसे तो बलात्कार का अर्थ महिला और पुरुष के बीच होता है, पर यहाँ पर उनके उस्ताद ने उनका यौन शोषण किया था. उसके बाद उन्होंने मदरसा छोड़ दिया और फिर वापस नहीं आए.
उन्होंने कहा कि उन्होंने परिवार में किसी को इसलिए नहीं बताया था क्योंकि कोई विश्वास नहीं करता. उन्होंने यह भी कहा कि मदरसा में अभी भी बच्चों के साथ वही कुछ हो रहा है.
जब उनसे यह पूछा गया कि वह चालीस सालों तक शांत क्यों रहे तो उन्होंने कहा कि मैं अपने मजहब से डरता था. जब पत्रकार ने प्रश्न किया कि कैथोलिक चर्च में भी बच्चों का शोषण होता है और कहानी सामने आती हैं, तो अली अकबर ने कहा था कि हमारे मजहब में कोई कहानी बाहर नहीं आएगी क्योंकि उनके मजहबी नेता इस बात को स्वीकार ही नहीं करते हैं कि ऐसा कुछ होता भी है. अली अकबर का कहना था कि हमारी अगली पीढ़ी सुरक्षित रहे.
उन्होंने बताया कि कैसे उनकी आलोचना की जाती थी कि वह मुस्लिम नहीं हैं और उन्हें धमकी दी जाती थीं
सोशल मीडिया पर लोग यह कह रहे हैं कि पिछली पीढी में किए गए गलत कदमों का विरोध ऐसे ही क़दमों से होगा और लोग अली अकबर की प्रशंसा यह कहते हुए कर रहे हैं कि इस्लाम की वर्तमान पीढी, जिनके पूर्वज किन्हीं कारणवश मुस्लिम बन गए थे वह वापस आ रहे हैं:
सबरीमाला के मुद्दे पर भी वह अलग स्टैंड ले चुके हैं और यह चुके हैं कि हिन्दुओं को परेशान न किया जाए
हेलिकॉप्टर में 14 लोग सवार थे, 13 की मौत
जिस हेलिकॉप्टर क्रैश में जनरल बिपिन रावत का निधन हुआ, उसमें उनकी पत्नी मधुलिका के अलावा सेना के 13 जवान और अधिकारी सवार थे। हादसे में शहीद होने वालों में ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, विंग कमांडर पीएस चौहान, स्क्वॉड्रन लीडर के सिंह, नायक गुरसेवक सिंह, नायक जितेंद्र कुमार, लांस नायक विवेक कुमार, लांस नायक बी. साई तेजा, जूनियर वारंट ऑफिसर दास, जूनियर वारंट ऑफिसर ए प्रदीप और हवलदार सतपाल सवार थे। हेलिकॉप्टर क्रैश में अकेले बचने वाले शख्स हैं ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह, जो फिलहाल गंभीर स्थिति में हैं और बेंगलुरु में उनका इलाज चल रहा है।