घर वापसी:नूर फातिमा बनीं नीलम,स्वालेहीन का नाम शालिनी,अब हैं डरी हुई

नूर फातिमा बनीं नीलम, स्वालेहीन बनी शालिनी: मुरादाबाद में 2 मुस्लिम युवतियों की घर वापसी, प्रेमियों संग 7 फेरे ले शुरु किया नया जीवन 


मुरादाबाद 19 जुलाई 2025। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के कटघर थाना क्षेत्र में दो मुस्लिम युवतियां घर वापसी कर सनातनी बन गई। युवतियों ने अपनी पुरानी पहचान और नाम को तो छोड़ा ही, अपने प्रेमियों से विवाह कर जीवन की नई शुरुआत भी की। उन्होंने आर्य समाज मंदिर में विवाह कर अपना नया जीवन शुरू किया।

रिपोर्ट के अनुसार दोनों युवतियों ने विधिवत सात फेरे लेकर विवाह के सभी संस्कार पूरे किए और अपनी इच्छा से नया जीवन शुरू किया। कटघर निवासी स्वालेहीन ने अमित से विवाह किया और विवाह के बाद अपना नाम बदलकर शालिनी रख लिया।

वहीं, भोजपुर की नूर फातमा ने गौरव से शादी कर खुद के नीलम नाम की घोषणा की। आर्य समाज मंदिर में दोनों जोड़ों ने पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार माँग भराई सहित सभी धार्मिक रस्में पूरी कीं। दोनों युवतियों ने कहा कि उन्होंने यह निर्णय बिना किसी दबाव के स्वेच्छा से लिया है।

शालिनी ने बताया कि वह लंबे समय से अमित से प्रेम करती थी लेकिन परिवार के विरोध से खुलकर सामने नहीं आ पा रही थीं। अब वह अपने पति के साथ ही रहना चाहती हैं। नीलम ने भी गौरव से अपने प्रेम को विवाह में बदलने का फैसला अपनी मर्जी से लिया है। आर्य समाज मंदिर प्रशासन ने भी विवाह की पुष्टि की।

लेकिन इस प्रेम कहानी का दूसरा पक्ष भय और धमकियों से भरा है, जिसके चलते इन नवविवाहित जोड़ों को अब अपनी जान बचाने को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगानी पड़ रही है।

एक साथ परवान चढ़ीं दो प्रेम कहानियां
यह कहानी मुरादाबाद के कटघर और भोजपुर इलाके की है, जहाँ दो दोस्त गौरव और अमित रहते थे। उनकी दोस्ती नूर फातिमा और स्वालेहीन से हुई। मुलाकातों का सिलसिला बढ़ा तो पहले नूर और गौरव में नजदीकियां बढ़ीं। जब ये दोनों बात करते तो स्वालेहीन और अमित एक-दूसरे से बातचीत करते। धीरे-धीरे, एक साथ दो प्रेम कहानियां परवान चढ़ने लगीं। चारों ने एक-दूसरे के साथ अपना पूरा जीवन बिताने का फैसला कर लिया।
जब धर्म बना दीवार तो घर छोड़ने का लिया फैसला

जैसे ही इन प्रेम कहानियों की भनक परिवारों को लगी, धर्म की दीवारें आड़े आ गईं। युवतियों के परिवार इस रिश्ते के सख्त खिलाफ थे और उन्होंने इस पर कड़ी आपत्ति जताई। विरोध जब हद से बढ़ गया और कोई रास्ता नहीं दिखा, तो इन जोड़ों ने एक बड़ा फैसला लिया। 12 जुलाई को, दोनों युवतियों ने अपने प्रेमियों के साथ घर छोड़ दिया।

गाजियाबाद के आर्य समाज मंदिर में धर्म परिवर्तन और विवाह

घर से निकलकर वे सीधे गाजियाबाद स्थित एक आर्य समाज मंदिर पहुँचे। वहाँ उन्होंने आचार्य प्रेमदेव शास्त्री के समक्ष विवाह करने की इच्छा प्रकट की और अपने बालिग होने के प्रमाण पत्र सौंपे। विवाह से पहले, दोनों युवतियों ने पूरी तरह से अपनी स्वेच्छा से इस्लाम धर्म त्याग कर हिंदू धर्म अपनाने की प्रक्रिया पूरी की। नूर फातिमा को ‘नीलम’ और स्वालेहीन को ‘शालिनी’ का नया नाम मिला। इसके बाद, वैदिक मंत्रोच्चार के बीच दोनों जोड़ों ने अग्नि के सात फेरे लेकर एक-दूसरे को पति-पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया।
शालिनी (पूर्व में स्वालेहीन) ने दृढ़ता से कहा, “मैं बालिग हूँ और मैंने अपनी मर्जी से अमित से शादी की है। इस्लाम में महिलाओं की कोई इज्जत नहीं है, इसलिए मैंने हिंदू धर्म अपना लिया है। अब मैं अपनी पूरी जिंदगी अमित के साथ ही बिताना चाहती हूँ।”

“पापा, हमें जान से मार देंगे,” वीडियो जारी कर लगाई सुरक्षा की गुहार
विवाह के बाद, इन जोड़ों के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपने ही परिवारों से मिल रही धमकियाँ हैं। सुरक्षा को लेकर चिंतित शालिनी और नीलम ने अपने पतियों के साथ सोशल मीडिया पर वीडियो जारी किए हैं। इन वीडियो में उन्होंने सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तर प्रदेश पुलिस को संबोधित करते हुए कहा है, कि”हम वयस्क हैं और हमने स्वेच्छा से सोच-समझकर शादी की है। हमारे मायके के परिजन इस शादी के खिलाफ हैं और वे हमें और हमारे पतियों को जान से मार सकते हैं। कृपया हमारी सुरक्षा सुनिश्चित करें।”
कटघर थाना क्षेत्र की रहने वाली शालिनी ने विशेष रूप से अपने माता-पिता से जान का खतरा बताते हुए पुलिस को एक शिकायती पत्र भी दिया है।

पुलिस ने लिया संज्ञान, दिया सुरक्षा का भरोसा

मामला सोशल मीडिया पर आने के बाद पुलिस प्रशासन भी हरकत में आया है। कटघर थाने के इंस्पेक्टर शरद मलिक ने बताया कि उन्हें इस मामले की जानकारी मिली है। उन्होंने कहा, “अभी तक कोई लिखित शिकायत नहीं मिली थी, लेकिन अब युवती की तरफ से पत्र मिला है। मामले की पूरी जांच की जाएगी और यदि जोड़ों को किसी भी तरह का खतरा है तो उन्हें पूरी सुरक्षा प्रदान की जाएगी।”

यह घटना पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है, जहाँ प्रेम, धर्म और सामाजिक मान्यताओं के बीच का द्वंद खुलकर सामने आ गया है। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि प्रशासन इन नवविवाहित जोड़ों को कितनी सुरक्षा दे पाता है और वे कब बिना किसी डर के अपनी नई जिंदगी जी पाते हैं।

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