हाउस आफ हिमालयाज बढ़ेगा गुणवत्ता से, विश्वस्तरीय तकनीकी से शहरों का भूस्खलन मैपिंग

*देहरादून 05 जनवरी, 2024 (सू. ब्यूरो)*मुख्य सचिव डॉक्टर सुरजीत सिंह संधु ने सचिवालय में उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पहचान दिलाने के लिए बनाए गए अम्ब्रेला ब्राण्ड ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ की प्रगति की समीक्षा की। मुख्य सचिव डॉक्टर संधू ने कहा कि प्रदेश के किसानों को उनके उत्पादों का अधिक से अधिक लाभ दिया जा सके और उनके उत्पादों को एक अच्छी ब्राण्डिंग और बाजार मिल सके इसके लिए सभी सम्बन्धित विभागों से लगातार प्रयास किए जाएं।

मुख्य सचिव डॉक्टर संधू ने कहा कि हाउस ऑफ हिमालयाज के लिए विश्वस्तरीय वेबसाईट तैयार की जाए, साथ ही मोबाइल ऐप भी तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि किसानों से उत्पाद खरीदने के बाद वैल्यू एडिशन के लिए पूरे प्रदेश में उत्पादन क्षेत्रों के आसपास ही प्रोसेसिंग और पैकेजिंग सेंटर तैयार किए जाएं। उन्होंने कहा कि हाउस ऑफ हिमालयाज में उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित किए जाने के बाद ही शामिल किया जाए। गुणवत्ता मानकों को पूरा करने वाले स्थानीय उत्पादों को लगातार हाउस ऑफ हिमालयाज में शामिल किया जाए।

मुख्य सचिव डॉक्टर सुरजीत सिंह संधु ने हाउस ऑफ हिमालयाज को शीघ्र शुरू किए जाने हेतु प्रत्येक स्तर के पूर्ण होने की टाईमलाईन निर्धारित करते हुए निर्धारित समय सीमा में कार्य पूर्ण किया जाना सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि हाउस ऑफ हिमालयाज को विश्वस्तरीय ब्राण्ड बनाने को सभी सम्बन्धित विभागों के अपने अंतर्गत उत्पादों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।

इस अवसर पर सचिव श्रीमती राधिका झा एवं अपर सचिव मनुज गोयल, आनन्द स्वरूप सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

भूस्खलन मैपिंग को विश्वस्तरीय तकनीकी

मुख्य सचिव डॉक्टर सुरजीत सिंह संधु संधु ने दूसरी बैठक में सचिवालय में उत्तराखण्ड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र की प्रगति की समीक्षा की। मुख्य सचिव डॉक्टर संधू ने कहा कि उत्तराखण्ड भूस्खलन न्यूनीकरण और प्रबंधन को विश्वस्तरीय बनाने की दिशा में लगातार प्रयास किए जाएं, ताकि यह केंद्र उत्तराखण्ड ही नहीं बल्कि देश और विदेश में भी भूस्खलन न्यूनीकरण पर कार्य कर सके।

मुख्य सचिव डॉक्टर संधू ने कहा कि प्रदेश की सभी टाउनशिप की लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग (LiDAR) तकनीक से मैपिंग कराई जाए। अधिक संवेदनशील शहरों को प्राथमिकता पर लेते हुए पहले LiDAR मैपिंग कराई जाए। उन्होंने कहा कि कार्य बहुत अधिक है और कम समय में किया जाना है इसलिए विश्वस्तरीय संस्थानों के साथ कोलेबोरेशन करते हुए विश्वस्तरीय तकनीक का उपयोग किया जाए।

मुख्य सचिव डॉक्टर संधू ने कहा कि कार्यों को गुणवत्ता का ध्यान रखते हुए विश्व की बेहतरीन तकनीक अपनाई जाए। इसके लिए अलग से एक सेल का गठन किया जाए जो विश्व की बेस्ट और लेटेस्ट तकनीक को तलाश लगातार करते हुए तत्काल अपनाए। उन्होंने कैपेसिटी बिल्डिंग की दिशा में कार्य करते हुए अगले एक साल में, तीसरे साल में और 5वें साल के लिए रोडमैप तैयार किया जाए।

इस अवसर पर सचिव डॉक्टर रंजीत कुमार सिन्हा, एच. सी. सेमवाल एवं उत्तराखण्ड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र के निदेशक शांतनु सरकार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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