ज्ञान:रील्स से अश्लीलता और फूहड़ता फैलाने पर होती है 3 से 5 वर्ष जेल
रील्स से अश्लीलता और फूहड़ता फैलाने पर होती है जेल
सड़क हो या फिर सोशल मीडिया, अश्लीलता फैलाना अपराध है। इसे लेकर कानून में कई धाराएं हैं।
देहरादून/लखनऊ 19 अगस्त 2025 । सोशल मीडिया पर इन दिनों फूहड़ता भरी रील्स/शॉर्ट वीडियो की बाढ़-सी आ गई है। ज्यादा से ज्यादा फॉलोअर्स की चाहत और शॉर्टकट तरीकों से पैसे कमाने के लालच से ऐसे वीडियो की संख्या बढ़ती ही जा रही है। इसका दुष्परिणाम भी फूहड़ वीडियो बनाने वालों को ही उठाना पड़ रहा है। पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के संभल और उन्नाव में ऐसे युवक व युवतियों को जेल का चक्कर काटना पड़ा है, जिन्होंने ऐसे वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड किए थे।
मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि जब इन वीडियो को गांव के कुछ लोगों ने देखा तो उन्होंने नाराजगी जताते हुए गांव में चर्चा शुरू कर दी। ग्रामीणों ने बच्चों पर इसके दुष्प्रभाव को गंभीरता से लेते हुए पुलिस से शिकायत की। पुलिस ने संबंधित चैनल की गतिविधियों की जांच की। वीडियो की समीक्षा करने के बाद उन्हें अश्लील और भड़काऊ पाया गया। इसके बाद दोनों युवतियों के खिलाफ आईटी एक्ट और अन्य संबंधित धाराओं में प्राथमिकी अंकित की गई । हालांकि, बाद में उन्हें जमानत मिल गई ।
इसी तरह उन्नाव जिले में पिछले महीने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अश्लील और अभद्र वीडियो बनाकर पोस्ट करने के आरोप में पुलिस तीन युवकों को पकड़ कर जेल भेज चुकी है। ये लोग लोकप्रियता पाने को गाली-गलौज वाले वीडियो बनाते थे।
क्या कहता है कानून
देहरादून बार ऐसोसियेशन के निवर्तमान अध्यक्ष राजीव शर्म बंटू बताते हैं कि सड़क हो या फिर सोशल मीडिया, अश्लीलता फैलाना अपराध है। इसे लेकर कानून में कई धाराएं हैं। उदाहरण को , भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 296 सार्वजनिक स्थानों पर अश्लील हरकत और अश्लील गाने से संबंधित है। इस धारा में यदि कोई व्यक्ति सार्वजनिक स्थान पर अश्लील हरकत करता है या अश्लील गाना गाता है, तो उसे तीन महीने तक की कैद, या 1,000 रुपये तक का अर्थदण्ड , या दोनों सजा हो सकती है।
इसी तरह सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधित) अधिनियम 2008 की धारा 67 के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक रूप में अश्लील सामग्री प्रकाशित या प्रसारित करने पर पहली बार दोषी पाए जाने पर 3 साल तक की कैद और 5 लाख रुपये तक का अर्थदण्ड हो सकता है और दूसरी बार या बाद में दोषी पाए जाने पर 5 साल तक की कैद और 10 लाख रुपये तक का अर्थदण्ड हो सकता है।
संभल जिले के पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया है कि अश्लीलता और फूहड़ता फैलाने वालों के खिलाफ कानून में प्रावधान हैं। हमारे सामने जब भी ऐसा कोई केस आता है कि मुकदमा लिखकर ऐसे अकाउंट को बंद करवाने का प्रयास किया जाता है। उन्होंने कहा कि उन सभी से अनुरोध है जो भी सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए अश्लीलता फैलाते हैं, ऐसा कार्य न करें। ये खतरनाक है।
साइबर एक्सपर्ट चेतक वाजपेयी कहते हैं कि आज के समय फेमस होने के लिए वायरल होना आवश्यक है। इसलिए इंटरनेट पर लोग अश्लील, फूहड़ता से भरा हुआ या फिर विवादित कंटेंट बनाते हैं, ताकि उनके फॉलोअर्स ज्यादा से ज्यादा बढ़ जाएं। जितने ज्यादा व्यूज आएंगे, उतनी ज्यादा कमाई होगी। इसी लालच में अश्लील और फूहड़ वीडियो की बाढ़-सी आ गई है, जबकि सोशल मीडिया पर ऐसे कंटेंट को लेकर पॉलिसी भी है।
मेटा की पॉलिसी में इस बात का साफ उल्लेख है कि वह नग्नता वाले कंटेंट प्रतिबंधित करता है। ऐसे कंटेंट को लेकर यूजर्स सोशल मीडिया पर रिपोर्ट भी कर सकता है। रिव्यू के बाद नग्नता वाले कंटेंट हटाया जा सकता है।
मेटा की तरह यूट्यूब भी अश्लील कंटेंट को लेकर गंभीर है। इसकी गाइडलाइंस में साफ कहा गया है कि अश्लील कंटेंट अपलोड करने पर चैनल बंद भी किया जा सकता है। कोई भी यूजर ऐसे कंटेंट को रिपोर्ट कर सकते हैं। यूट्यूब इसे रिव्यू करके अश्लील वीडियो हटाने की चेतावनी दे सकता है। कई बार यूट्यूब की ओर से भी ऐसे कंटेंट पर पेनल्टी लगायी जाती।
अश्लील इशारे और गंदी बातें कर रील्स से कर रही थीं कमाई, अब पूरी टीम जेल मे है
Mehak, Hina और Pari लगातार अपने Instagram अकाउंट पर ऐसी Reels पोस्ट कर रही थीं, जिनमें अभद्र भाषा, आपत्तिजनक इशारे और खुलेआम गाली-गलौज का इस्तेमाल हो रहा था.
उत्तर प्रदेश में संभल पुलिस ने सोशल मीडिया पर अश्लील वीडियो (Mehak Pari Instagram Samhal Girls Arrested) बना पोस्ट करने में महक, निशा उर्फ परी, हिना और आलम को पकड़ा। इन लोगों पर आरोप है कि ये अपने इंस्टाग्राम अकाउंट्स पर अश्लील भाषा और गाली-गलौज वाले वीडियो पोस्ट कर रही थीं. असमोली थाने में इनके खिलाफ मुकदमा लिख कार्रवाई की है. चारों की शिकायत गांववालों ने की थी. जिसके बाद असमोली पुलिस ने इनके सोशल मीडिया प्रोफाइल की जांच की. वहां से पुलिस को अश्लील कंटेंट मिला. जिसके बाद चारों पकड़ लिये गए.
पुलिस के अनुसार सोशल मीडिया पर अश्लील वीडियोज अपलोड करने वाली इन लड़कियों को हर महीने व्यूअरशिप के आधार पर 25 से 30 हजार रुपये कमाई होती जिसे बाद में ये तीनों लड़कियां आपस में बांटती थीं. पुलिस के मुताबिक महक, हिना और परी लगातार अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर ऐसी रील्स पोस्ट कर रही थीं, जिनमें अभद्र भाषा, आपत्तिजनक इशारे और खुलेआम गाली-गलौज होता था. यह कंटेंट न सिर्फ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की नीतियों के खिलाफ था, बल्कि समाज और खासतौर पर युवाओं पर भी इसका गलत असर पड़ रहा था. पुलिस अधीक्षक संभल केके बिश्नोई ने बताया कि कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर कुछ लड़कियां गाली-गलौज के वीडियो पोस्ट कर रही थी. सूचना पर पुलिस ने आईडी ट्रेस की. पता चला कि यह आईडी महक, निशा उर्फ परी, हिना और आलम मिलकर चला रहे थे. सस्ती लोकप्रियता को ये ऐसे वीडियो बना रहे थे. पुलिस ने बीएनएस की धारा 296B और आईटी एक्ट की धारा 67 में मुकदमा लिख इन्हे जेल भेज दिया ।
sambhal girl mehak pari arrested
पुलिस ने तीनों लड़कियों को गिरफ्तार कर लिया है
पुलिस अधीक्षक बिश्नोई ने कहा कि अपने विचार और भावनायें व्यक्त करना सबका मूलभूत अधिकार है लेकिन इसमें भी कुछ पाबंदियां हैं. ये अधिकार पूरी तरह से ‘Absolute’ नहीं है. जिन लड़कियों को पुलिस ने पकड़ा , इंस्टाग्राम पर उनके साढे 4 लाख फॉलोअर्स है. 500 से अधिक पोस्ट्स की गई हैं. इन पोस्ट्स में कई ऐसी हैं जिनके व्यूज 10 लाख पार है. कुछ वीडियो तो ऐसे है जिस पर दो करोड से ज्यादा व्यूज हैं.
पुलिस के मुताबिक, महक, परी और हिना वीडियो में एक्ट करती थीं. इन वीडियोज की एडिटिंग जर्रार आलम करता था. पुलिस ने लोकेशन ट्रेस कर चारों को 15 जुलाई को पकड़ लिया. कंटेंट को लेकर इनसे पूछताछ हुई है. इनके पास से वीडियो बनाने में इस्तेमाल उपकरण माइक, लाइट आदि भी ले लिये गए हैं. पुलिस का कहना है कि सोशल मीडिया पर इस तरह की अश्लीलता फैलाने पर आगे भी कठोर कार्रवाई होगी.
obsession for social media followers is dangerous obscene reels or adult content can negatively affect mental health
खतरनाक है फॉलोअर्स का मोह,अश्लील रील्स बिगड़ सकती है मानसिक संतुलन
अगर आपके पास स्मार्टफोन है, तो 99 प्रतिशत चांस हैं कि आप रील देखते होंगें और 9 प्रतिशत चांस हैं कि आप खुद रील बनाते होंगें। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर जितनी रील रोज डाली जाती हैं, उनमें 50 प्रतिशत रील युवतियों की होती हैं। पिछले दिनों एक युवा इन्फ्लुएंसर ने इसलिए आत्महत्या कर ली थी कि क्योंकि उसके फॉलोअर्स कम होने लगे थे। ताजा खबर के अनुसार लुधियाना की सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर कमल कौर भाभी उर्फ कंचन कुमारी की कट्टरपंथियों ने हत्या कर दी। और भी ऐसी कई युवतियां हैं, जिन्हें लगातार धमकियां दी जा रही हैं कि वे सोशल मीडिया से दूर रहे या रील बना कर ना डालें। माना जा रहा है कि अश्लील वीडियो कंटेंट के कारण ये युवतियां निशाने पर आई हैं। रील की दुनिया में फॉलोअर्स कमाने को अजीब-अजीब रील्स बनाने का चलन बढ़ता जा रहा है। इसमें बेहूदा नाच, अश्लील कंटेंट बहुतायत में है। धमकियों के कारण पंजाब की लगभग दस महिलाओं ने पुलिस में रिपोर्ट की है। रील्स देखने वालों और बनाने वालों की मनोस्थिति के बारे में क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉक्टर राजीव वोहरा कहते हैं, ‘अश्लील रील्स स्वस्थ मन की उपज नहीं है। इससे आपका मानसिक संतुलन बिगड़ सकता है, डिप्रेशन हो सकता है और आपको पेट से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं।’ सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को भी यह ध्यान में रखना होगा कि फॉलोअर्स के मोह में वो अपनी जिंदगी के साथ ना खेलें और अपनी और समाज की गरिमा का ध्यान रखें।
नोएडा में अश्लील रील्स पर बवाल! पकड़े गए तो सीधा थाने और FIR, ग्रामीणों ने खोला मोर्चा
नोएडा में सोशल मीडिया पर फैल रही अश्लीलता के खिलाफ ग्रामीणों और भारतीय किसान संगठन ने मोर्चा खोल दिया. सार्वजनिक स्थलों पर अश्लील रील बनाने वालों पर कार्रवाई की मांग के साथ गृह मंत्री को ज्ञापन भी सौंपा गया.
सोशल मीडिया की आड़ में फैल रही अश्लीलता के खिलाफ अब नोएडा में भी कड़ा रुख अपनाया जा रहा है. सम्भल के बाद अब नोएडा में भी ग्रामीणों और स्थानीय संगठनों ने मोर्चा खोल दिया है. सार्वजनिक स्थानों, पार्कों और मंदिरों में अश्लील रील्स बनाने वालों के खिलाफ आवाज बुलंद की जा रही है.
सोशल मीडिया के नाम पर संस्कृति से खिलवाड़
भारतीय किसान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेन्द्र यादव, अशोक यादव, वीके चौहान, हरबीर यादव, रहशद्दीन खान और ठाकुर अभिनेत्र सिंह ने इस पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कुछ युवक-युवतियां सस्ती लोकप्रियता पाने को देश की संस्कृति और सामाजिक मर्यादा तार-तार कर रहे हैं.मंदिरों,पार्कों और सड़कों पर बनने वाले ऐसे वीडियो समाज में असहजता फैला रहे हैं.
बच्चों की सोच पर पड़ रहा है विपरीत प्रभाव
स्थानीय लोगों का मानना है कि इन सोशल मीडिया रील्स का सबसे बुरा असर बच्चों और किशोरों पर पड़ रहा है. एक क्लिक में मोबाइल पर ये अश्लील वीडियो सामने आ जाते हैं और बच्चों को यह समझने का मौका तक नहीं मिलता कि वे क्या देख रहे हैं. ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर बच्चे जब इंटरनेट पर सर्फिंग करते हैं, तो अनजाने में ही ये भड़काऊ कंटेंट उनकी मानसिकता प्रभावित करता है.
रील्स की अपलोडिंग से पहले हो सख्त जांच प्रक्रिया
राजेन्द्र यादव और अन्य प्रतिनिधियों ने मांग की है कि सरकार और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को ऐसी व्यवस्था बनायें, जिसमें कोई भी वीडियो अपलोड करने से पहले उसकी जांच और छंटाई अनिवार्य हो. खासतौर पर उन वीडियो की,जो सार्वजनिक स्थानों पर शूट किए गए हैं और जिनमें अश्लीलता या समाज विरोधी संदेश शामिल हैं.
पकड़े जाने पर थाने भेजा जाएगा
स्थानीय लोगों ने अब सोशल मीडिया अश्लीलता विरोधी अभियान की कमान खुद संभाल ली है.अब अगर कोई युवक या युवती सार्वजनिक स्थल पर आपत्तिजनक वीडियो बनाते पाया गया तो उसकी वीडियो रिकॉर्डिंग कर पुलिस को सौंपी जाएगी और संबंधित व्यक्ति पर मुकदमा कराया जाएगा. इस संदर्भ में गृह मंत्री को ज्ञापन सौंपकर उचित कदम उठाने की मांग भी की गई है.