कुंभ में शंकराचार्यों, अखाड़ों को भूमि,अवस्थापना के साथ बसों की हो व्यवस्था
•*मुख्यमंत्री ने की कुम्भ मेले की व्यवस्थाओं की समीक्षा।*
•*सम्पूर्ण कुम्भ क्षेत्र की आन्तरिक सड़कों की मरम्मत एवं साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने के दिये निर्देश।*
•*12 वर्षों के अंतराल में आयोजित होने वाले कुम्भ मेले का दिव्य एवं भव्य रूप से किया जाय आयोजन।*
•*देश-विदेश के करोड़ों श्रद्धालुओं की कुम्भ एवं गंगा के प्रति रहती है आस्था।*
•*श्रद्धा एवं भावनाओं से भी जुड़ा है कुम्भ मेला।*
•*कुम्भ मेले में की जाय पर्याप्त बसों की व्यवस्था।*
देहरादून 13 मार्च। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित कार्यालय सभागार में मुख्य सचिव ओम प्रकाश सहित शासन के उच्चाधिकारियों के साथ कुम्भ मेला की व्यवस्थाओं की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक 12 वर्ष के पश्चात आयोजित होने वाले कुम्भ मेले के प्रति देश विदेश के करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी है। कुम्भ स्नान के लिये आने वाले श्रद्धालु बिना किसी असुविधा के सुखद संदेश लेकर जाए,यह हम सबका दायित्व है। इसके लिये सभी अधिकारी आपसी समन्वय एवं समयबद्धता के साथ कुम्भ की व्यवस्थाओं को सुव्यवस्थित करायें। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्भ के प्रति लोगों में सकारात्मक संदेश जाय, इसके भी प्रयास किये जायें। कुम्भ मेले में कोविड के नियमों का अनुपालन के साथ अधिक से अधिक श्रद्धालु इसमें शामिल हों, यह हमारा उद्देश्य होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि कुम्भ क्षेत्र की सड़कों की मरम्मत के साथ ही सड़कों पर पड़ी निर्माण सामग्री तुरंत हटाई जाय। उन्होंने कुम्भ क्षेत्र की सफाई पर विशेष ध्यान देने के निर्देश देते हुए इसके लिये पर्याप्त सफाई निरीक्षकों एवं सफाई कार्मिकों की तैनाती सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि सफाई स्वास्थ्य से जुड़ा विषय भी है ।अतः साफ-सफाई एवं पर्याप्त शौचालयों की व्यवस्था कुम्भ क्षेत्र में की जाय। मुख्यमंत्री ने कुम्भ मेले में आने वाले शंकराचार्यों एवं अखाड़ों को भूमि उपलब्ध कराने के साथ उन क्षेत्रों में आवश्यक अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर भी ध्यान देने के निर्देश दिये। उन्होंने जरूरत के अनुसार बसों की व्यवस्था के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह ने कुम्भ मेले की व्यवस्थाओं के लिये आवश्यक अतिरिक्त अधिकारियों की भी तैनाती शीघ्र करने के निर्देश दिये हैं। साथ ही कुम्भ के लिये यदि अतिरिक्त व्यवस्थायें की जानी हो तो उसका प्रस्ताव दो दिन में शासन को उपलब्ध कराया जाय। उन्होंने विभागीय सचिवों को व्यक्तिगत रूप से कुम्भ कार्यों की समीक्षा के साथ ही स्थलीय निरीक्षण के भी निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने कुम्भ मेले में सुरक्षा व्यवस्था के प्रति भी प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने कहा कि आने वाली शाही स्नानों में शिवरात्रि पर्व की व्यवस्थाओं से भी बेहतर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित हो इस पर ध्यान दिया जाय।
बैठक में सचिव शैलेश बगोली ने बताया कि कुम्भ मेले की व्यवस्थाओं के अन्तर्गत 661 करोड़ के 203 निर्माण कार्य किये जा रहे हैं। इनमें स्थायी प्रकृति के अधिकांश कार्य पूर्ण हो चुके जबकि अस्थायी निर्माण कार्य तेजी से किये जा रहे हैं। मेलाधिकारी दीपक रावत ने कुम्भ मेले की व्यवस्थाओं से सम्बन्धित कार्यों का प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जानकारी दी जबकि पुलिस महानिरीक्षक मेला संजय गुंज्याल ने सुरक्षा व्यवस्था से सम्बन्धित प्रस्तुतीकरण दिया ।
बैठक में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार,प्रमुख सचिव आनंदवर्द्धन,आरके सुधांशु,सचिव अमित नेगी,नितेश झा, श्रीमती राधिका झा,दिलीप जावलकर,श्रीमती सौजन्या,आयुक्त गढ़वाल रविनाथ रमन,महानिदेशक सूचना डॉक्टर मेहरबान सिंह बिष्ट सहित शासन के सभी वरिष्ठ अधिकारी एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारी हरिद्वार,देहरादून,टिहरी एवं पौड़ी भी उपस्थित रहे।