मलेशियाई सुप्रीम कोर्ट ने रद्द किया शरिया कानून,कट्टरपंथी नाराज
Malaysia Supreme Court Cancels Sharia Based State Laws
मलेशिया में सुप्रीम कोर्ट ने ‘रद्द’ किया शरिया कानून, भड़के कट्टरपंथी, विरोध में उतरे
मलेशिया में सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला लिया है। मलेशियाई सुप्रीम कोर्ट ने केलंतन राज्य में शरिया आधारित आपराधिक कानूनों को रद्द करने का फैसला दिया। इस कारण इस्लामवादी नाराज हो गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि यह संघीय सरकार का अधिकार है।
मुख्य बिंदु
मलेशिया की सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला लिया है
सुप्रीम कोर्ट ने शरिया कानूनों को एक राज्य में रद्द कर दिया
इस कारण मलेशिया में इस्लामवादी नाराज है
मलेशिया में फैसले के विरोध में बैठे लोग।
कुआलालंपुर 10 फरवरी 2024 । : मलेशिया की सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला लिया है, जो इस्लामिक कट्टरपंथियों को नाराज करने वाला है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केलंतन राज्य में शरिया आधारित आपराधिक कानूनों को रद्द कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह संघीय सरकार का अधिकार है और इस तरह के कानून उसका अतिक्रमण हैं। इस्लामवादियों ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले की निंदा की है और कहा कि यह धार्मिक अदालतों को कमजोर कर सकता है। केलंतन राज्य सरकार विपक्ष की ओर से संचालित है।
नौ सदस्यीय संघीय न्यायालय ने 8-1 के बहुमत से केलंतन राज्य सरकार की ओर से बनाए गए 16 कानूनों को अमान्य करार दिया, जिसमें कुकर्म, यौन उत्पीड़न, अनाचार और ‘क्रॉस ड्रेसिंग’ (विपरीत लिंग से संबंधित कपड़े पहनना) से लेकर झूठे सबूत देने तक के अपराधों के लिए दंड का प्रावधान था। अदालत ने कहा कि राज्य इन विषयों पर इस्लामी कानून नहीं बना सकते, क्योंकि वे मलेशियाई संघीय कानून के अंतर्गत आते हैं।
मलेशिया में दो स्तरीय कानून प्रणाली
मलेशिया में दो स्तरीय कानून प्रणाली है, जिसमें शरिया में मुस्लिमों के व्यक्तिगत और पारिवारिक मामले आते हैं और सिविल कानून भी हैं। जातीय मलय, जिनमें से सभी को मलेशियाई कानून में मुस्लिम माना जाता है यह 3.3 करोड़ लोगों में से दो-तिहाई हैं। इस जनसंख्या में बड़ी आबादी में चीनी और भारतीय अल्पसंख्यक भी शामिल हैं। केलंतन ग्रामीण पूर्वोत्तर राज्य है, जहां 97 प्रतिशत मुस्लिम रहते हैं। शुक्रवार को आया फैसला 2022 में केलंतन की दो मुस्लिम महिलाओं ने दायर किया था। रूढ़िवादी पैन-मलेशियाई इस्लामिक पार्टी या PAS का राज्य पर 1990 से शासन है।
शरिया कानून पर खतरा?
राज्य के कानूनों को चुनौती देने वाले वकील निक एलिन निक अब्दुल रशीद ने कहा कि अदालत का फैसला मलेशियाई संविधान को देश के सर्वोच्च कानून के रूप में प्रमाणित करता है। पैन मलेशियाई इस्लामिक पार्टी के सैकड़ों समर्थक शरीयत की सुरक्षा की मांग को संघीय अदालत के बाहर इकट्ठा हुए। PAS महासचिव तकीउद्दीन हसन ने कहा, ‘हम आज बहुत दुखी हैं, यह इस्लामी शरिया कानूनों के लिए काला शुक्रवार है। अब शरिया कानूनों को दूसरे राज्यों में भी इसी जोखिम का सामना करना पड़ सकता है।’
किन कानूनों पर पड़ेगा अदालत के आदेश का असर
अदालत के इस आदेश के बाद शरिया के उन कानूनों पर असर पड़ेगा जिनमें कुकर्म, यौन उत्पीड़न, अनाचार और ‘क्रॉस ड्रेसिंग’ (विपरीत लिंग से संबंधित कपड़े पहनना) से लेकर झूठे सबूत देने तक के अपराधों के लिए दंड का प्रावधान किया गया था। अदालत ने कहा कि राज्य इन विषयों पर इस्लामी कानून नहीं बना सकते, क्योंकि वे मलेशियाई संघीय कानून के अंतर्गत आते हैं। मलेशिया में दो स्तरीय कानून प्रणाली है, जिसमें शरिया में मुस्लिमों के व्यक्तिगत और पारिवारिक मामले आते हैं और सिविल कानून भी हैं। मलय जातीय समूह की परिभाषा में सभी लोगों को मलेशियाई कानून में मुस्लिम माना जाता है।
कोर्ट के बाहर जमा हो गए थे PAS समर्थक
देश की 3.3 करोड़ आबादी में से दो तिहाई आबादी मलय जातीय समूह की है, जबकि बड़ी संख्या में चीनी और भारतीय अल्पसंख्यक भी देश में रहते हैं। शरिया इस्लामी कानून कुरान और हदीस पर आधारित हैं। अदालत में कानूनों को चुनौती 2020 में ग्रामीण पूर्वोत्तर राज्य केलंतन की 2 मुस्लिम महिलाओं ने दी थी। राज्य की कुल आबादी में 97 प्रतिशत मुस्लिम हैं। केलंतन पर 1990 से रूढ़िवादी पैन-मलेशियाई इस्लामिक पार्टी या PAS का शासन है। PAS के सैकड़ों समर्थक शुक्रवार को कोर्ट के बाहर जमा हो गए और शरिया कानून बचाने की मांग की।
PAS मलेशियाई संसद में विपक्ष में है और यह सबसे बड़ी पार्टी है। पार्टी का मलेशिया के 13 में से 4 राज्यों पर शासन है। PAS सख्त इस्लामी कानूनों का समर्थन करती है। वह हुदूद नामक पराध संहिता लागू करने की मांग कर रही थी, जिसमें चोरी के लिए अंग-भंग और व्यभिचार के लिए पत्थर मारकर हत्या जैसे दंड शामिल थे, लेकिन इसे संघीय सरकार ने अवरुद्ध कर दिया था।