पठानकोट हमले पर सनसनीखेज दावा: स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने दिया हमलावरों का साथ
भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों ने ही पाकिस्तानी आतंकियों की पठानकोट एयरबेस पर हमले में की थी मदद- किताब में सनसनीखेज दावा
Spy Stories: Inside the Secret World of RAW and ISI : पठानकोट हमले के बारे में पत्रकारों ने लिखा कि आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद ने 350 किलोग्राम विस्फोटकों के लिए भुगतान किया था लेकिन इनकी खरीद भारत में हुई और इसे मुहैया कराने वाले भारत में आतंकवादियों की प्रतीक्षा कर रहे थे।
हाइलाइट्स
एक नई पुस्तक में 2016 पठानकोट हमले को लेकर होश उड़ा देने वाले दावे किए गए हैं
दावा है कि पठानकोट पुलिस के भ्रष्ट अधिकारियों ने आतंकियों की मदद की थी
दो विदेशी पत्रकारों ने बताया है कि वायुसेना अड्डे की सुरक्षा को लेकर कैसी लापरवाही बरती गई
नई दिल्ली13 अगस्त।रातोंरात अमीर बनने की चाहत किस तरह देश के रक्षक को ही देश का दुश्मन बना देता है, इसका एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है वायुसेना के पठानकोट हवाई अड्डे पर हुए आतंकी हमले को लेकर। दो विदेशी पत्रकारों ने अपनी किताब में होश उड़ा देने वाला दावा किया है कि स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने ही आतंकवादियों से सांठगांठ करके उस जगह का पता लगाया था जहां से सुरक्षा में तैनात सैनिकों से नजर बचाकर वायुसेना के कैंपस में घुसा जा सकता था। उन्हीं भ्रष्ट अधिकारियों ने जगह की रेकी करके आतंकवादियों को ग्रीन सिग्नल दिया था। ध्यान रहे कि पाकिस्तानी हथियारबंद आतंकियों ने 2 जनवरी, 2016 को पठानकोट वायुसेना अड्डे पर हमला किया था।
नई किताब में सनसनीखेज खुलासे
दो विदेशी पत्रकारों- एड्रियन लेवी और कैथी स्कॉट-क्लार्क की किताब ‘स्पाइ स्टोरीज: इनसाइड द सिक्रेट वर्ल्ड ऑफ द रॉ एंड आईएसआई’ का प्रकाश ‘जगरनॉट’ ने किया है। पत्रकारों ने इसमें दावा किया है कि पठानकोट के पुलिस अधिकारियों ने ही सुनसान रास्ते की पहचान की थी जिसका इस्तेमाल आतंकवादियों ने आयुध, ग्रेनेड, मोर्टार और एके-47 छुपाकर रखने के लिए किया था।
भारतीय सेना की वर्दी में आए थे आतंकी
भारतीय सेना की वर्दी पहने बंदूकाधारियों का एक दल भारत-पाकिस्तान पंजाब सीमा पर रावी नदी से होते भारत के हिस्से की तरफ आया और यहां कुछ वाहनों पर कब्जा कर पठानकोट वायु सेना की तरफ बढ़ गया। इसके बाद एक दीवार को पार करते हुए वो आवासीय परिसर की तरफ बढ़े और यहीं पहली गोलबारी शुरू हुई। चार हमलावर मारे गए और भारतीय सुरक्षा बल के तीन जवान शहीद हो गए। इसके एक दिन बाद आईईडी विस्फोट में चार भारतीय सैनिक शहीद हो गए। सुरक्षाबलों को यह आश्वस्त होने में तीन दिन का समय लगा कि अब स्थिति उनके नियंत्रण में है।
स्पाइ स्टोरीज: इनसाइड द सिक्रेट वर्ल्ड ऑफ द रॉ एंड आईएसआई का कवर फोटो।
भारत ने दी थी युद्ध की धमकी
लेखकों ने दावा किया कि भारतीय पक्ष ने पाकिस्तान पर इसको लेकर दबाव बनाकर युद्ध की धमकी दी। उन्होंने लिखा, ‘लेकिन संयुक्त खुफिया आंतरिक जांच बड़ी ईमानदारी से की गई। इसमें यह स्वीकार किया गया कि ‘लगातार आगाह किए जाने के बाद भी’ सुरक्षा के कई महत्वपूर्ण कारक नदारद थे। पंजाब की 91 किलोमीटर से ज्यादा की सीमा पर बाड़ नहीं लगाई गई थी।’ उन्होंने कहा, ‘कम से कम चार रिपोर्ट में यह सुझाव दिया गया था कि नदियां (और सूखे नाले) संवेदनशील स्थल हैं लेकिन वहां कोई जाल नहीं लगाया गया। छह लिखित आग्रह के बाद भी वहां अतिरिक्त गश्त नहीं रखी गई। निगरानी तकनीक और गतिविधियों पर ध्यान रखने वाले उपकरण नहीं लगाए गए।’
किताब में BSF अधिकारी का हवाला
इसमें सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक अधिकारी को यह बताते हुए जिक्र किया गया कि सीमा की रक्षा करने वाले सुरक्षा बल की संख्या जमीन पर कम है क्योंकि इसने कश्मीर में अपनी गतिविधियां बढ़ा दी और अतिरिक्त कर्मियों की उसकी मांग के आग्रह को बार-बार नजरअंदाज किया गया। पठानकोट हमले के बारे में पत्रकारों ने लिखा कि आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद ने 350 किलोग्राम विस्फोटकों के लिए भुगतान किया था लेकिन इनकी खरीद भारत में हुई और इसे मुहैया कराने वाले भारत में आतंकवादियों की प्रतीक्षा कर रहे थे।
भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों ने यूं की गद्दारी
इसमें कहा गया, ‘भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों समेत अन्य भारतीय सहयोगियों पर आतंकवादियों के लिए अड्डे की छानबीन करके रखने का संदेह था। इन भ्रष्ट अधिकारियों में से एक ने एक ऐसे क्षेत्र का पता लगाया जहां कई असुरक्षित बिंदु थे-फ्लडलाइट्स यहां नीचे थीं और सीसीटीवी कैमरे की कोई कवरेज नहीं थी। किसी भी तरह का कोई निगरानी उपकरण नहीं लगा था और परिसर की दीवार के बगल में एक बड़ा पेड़ था, जिसकी लिखित रिपोर्ट में सुरक्षा खतरे के रूप में पहचान की गई।’
आतंकियों के लिए लगा दी थी रस्सी
इस मामले की जांच करने वाले इंटिलिजेंस ब्यूरो के एक अधिकारी ने लेखकों को बताया कि ‘भ्रष्ट पुलिस अधिकारी या उनके एक सहायक ने दीवार फांदकर वहां एक रस्सी लगा दी। आतंकवादियों ने इसका इस्तेमाल ’50 किलोग्राम गोला-बारूद, 30 किलोग्राम ग्रेनेड, मोर्टार और एके-47 को पहुंचाने में किया।’ भारी मात्रा में असला-बारूद से लैश जैश के आतंकवादी अड्डे में घुस आए और छह सैनिकों और एक अधिकारी की हत्या कर दी। भारतीय सुरक्षा बलों ने चार आतंकवादियों को मार गिराया।
कुलभूषण जाधव को लेकर भी दावा
लेखकों ने इस किताब में लिखा कि पुलवामा हमले के बाद दोनों पक्षों (भारत-पाकिस्तान) के अनुभवी अधिकारियों ने जासूसी खेल खेला जो यह जानते थे कि एक बार अतीत में कांट-छांट कर दी जाए तो भविष्य धुंधला रहेगा। इस किताब में इस बात का भी जिक्र है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी कुलभूषण जाधव को ‘छोटा सिक्का’ मानती थी और उसका इस्तेमाल ‘एक बड़ी ट्रॉफी’ के रूप में करने का इरादा रखती थी। जाधव भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी हैं और पाकिस्तान में उन्हें जासूसी के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई है। इसमें आईएसआई से जुड़े एक अनाम अधिकारी को यह कहते हुए उद्धृत किया गया, ‘आईएसआई ने जाधव के कुछ बड़ा शिकार बनने की उम्मीद लिए धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा की और फिर जब वह बड़ा शिकार बन गया तो उन्होंने उसे अपने चंगुल में ले लिया।’
2 जनवरी, 2016 को हुआ था वायुसेना के पठानकोट एयरबेस पर हमला। (फाइल फोटो)
सबसे लंबा चला ऑपरेशन
एयरबेस में घुसे आतंकियों ने 2 जनवरी रात 3 बजे हमला किया। अगली शाम तक NSG के जवानों ने 4 आतंकियों को ढेर कर दिया। बाकी बचे 2 आतंकी रुक-रुक कर फायरिंग करते रहे। NSG ने 5 जनवरी को ऑपरेशन खत्म करने की जानकारी दी। ऑपरेशन 4 दिन और 3 रात चला। मुंबई हमले में भी NSG को इतना समय नहीं लगा था।
हमले के वक्त रक्षा मंत्री रहे मनोहर पार्रिकर ने खुद एयरबेस पहुंचकर ऑपरेशन के पूरा होने का ऐलान किया था। पूरे ऑपरेशन में 300 NSG कमांडो लगाए गए थे। बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अजित डोभाल भी एयरबेस पर पहुंचे थे।