मानस खंड झांकी से आल्हादित पत्रकार मिले धामी से
*उत्तराखण्ड की झांकी को देश मे प्रथम स्थान के लिये किया गया पुरस्कृत तो धामी को बधाई देने जा पहुंचे आल्हादित पत्रकार
*कर्तव्य पथ, नई दिल्ली गणतंत्र दिवस समारोह में उत्तराखण्ड राज्य की ओर से “मानसखण्ड” की झांकी प्रदर्शित की गई थी*
*मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मानासखंड थीम पर तैयार की गई थी झांकी*
देहरादून 03 फरवरी। गणतंत्र दिवस पर विभिन्न राज्यों की झांकियों में उत्तराखण्ड की “मानसखण्ड” झांकी को प्रथम स्थान के लिये पुरस्कृत किया गया है। नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय रंगशाला शिविर में केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने यह पुरस्कार प्रदान किया। उत्तराखण्ड सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग के महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने राज्य की ओर से पुरस्कार प्राप्त किया।संयुक्त निदेशक के0एस.0चौहान भी इस मौक़े पर मौजूद थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन में यह पहला अवसर है जब उत्तराखण्ड राज्य की झांकी को प्रथम पुरस्कार के लिए चुना गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि देश विदेश के लोग मानसखण्ड के साथ ही उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति से भी परिचित होंगे। मुख्यमंत्री ने झांकी को पुरस्कार के लिए चुने जाने पर प्रदेशवासियों, सूचना विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों और झांकी बनाने वाले कलाकारों तथा झांकी में सम्मलित सभी कलाकारों को बधाई दी है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन के उपरान्त मानसखण्ड पर आधारित झांकी प्रस्तावित की गई थी। श्री केदारनाथ व श्री बदरीनाथ की तर्ज पर कुमाऊ के पौराणिक मंदिरों के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मानसखण्ड मंदिर माला मिशन योजना पर काम किया जा रहा है जिसमें इन प्रमुख मंदिरों का विकास होना है।
इस वर्ष कर्तव्य पथ, नई दिल्ली गणतंत्र दिवस समारोह में उत्तराखण्ड राज्य की ओर से “मानसखण्ड” की झांकी प्रदर्शित की गई थी। 18 कलाकारों के दल ने भी झांकी में अपना प्रदर्शन किया। झांकी का थीम सांग “जय हो कुमाऊं, जय हो गढ़वाला” को पिथौरागढ़ के प्रसिद्ध जनकवि जनार्दन उप्रेती ने लिखा था तथा उसको सौरभ मैठाणी और साथियों ने सुर दिया था। इस थीम गीत के निर्माता पहाड़ी दगड़िया, देहरादून थे।
*मुख्यमंत्री से उत्तराखण्ड की झांकी मानसखण्ड के कलाकारों ने की भेंट*
*मुख्यमंत्री को महानिदेशक सूचना ने सौंपी झांकी को मिले प्रथम पुरस्कार की ट्रॉफी*
*गणतंत्र दिवस पर प्रदर्शित विभिन्न राज्यों की झांकियों में उत्तराखण्ड की झांकी को मिला है प्रथम पुरस्कार*
*मुख्यमंत्री ने झांकी के प्रत्येक कलाकार को 50 हजार की धनराशि देने की घोषणा की।*
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बुधवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में गणतंत्र दिवस पर विभिन्न राज्यों की झांकियों में उत्तराखण्ड की “मानसखण्ड” झांकी को प्रथम स्थान प्राप्त करने के बाद महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी ने ट्रॉफी के साथ भेंट की। इस अवसर पर झांकी के टीम लीडर संयुक्त निदेशक सूचना के.एस.चौहान के साथ झांकी के कलाकार उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड को मानसखण्ड झांकी के लिये प्रथम पुरस्कार मिलने पर प्रदेश को सम्मान की बात बतायी। उन्होंने झांकी में शामिल प्रत्येक कलाकार को 50-50 हजार की धनराशि देने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर उत्तराखण्ड की झांकी को प्रथम स्थान प्राप्त होने से राज्य की समृद्ध लोक संस्कृति एवं धार्मिक विरासत को देश व दुनिया में पहचान मिली है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन के उपरान्त मानसखण्ड पर आधारित झांकी प्रस्तावित की गई थी। श्री केदारनाथ व श्री बदरीनाथ की तर्ज पर कुमाऊ के पौराणिक मंदिरों के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मानसखण्ड मंदिर माला मिशन योजना पर कार्य किया जा रहा है।
*मुख्यमंत्री से पत्रकार प्रतिनिधिमंडल ने की मुलाकात।*
*“मानसखंड झांकी“ को देश में प्रथम स्थान प्राप्त होने पर मुख्यमंत्री को दी बधाई।*
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से शुक्रवार को नेशनल सोशल मीडिया जर्नलिस्ट एसोसिएशन अध्यक्ष मनोज इष्टवाल व उत्तरांचल प्रेस क्लब अध्यक्ष अजय राणा के संयुक्त नेतृत्व में मीडियाकर्मियों ने भेंट की। उन्होंने गणतंत्र दिवस की परेड में कर्तव्य पथ पर शामिल उत्तराखंड की “मानसखंड झांकी“ को पहली बार प्रथम स्थान प्राप्त होने पर मुख्यमंत्री को बधाई दी। मीडियाकर्मियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि मानसखण्ड को देश में प्रथम स्थान मिलने से उत्तराखंड को देश में विलक्षण पहचान मिली है। मानसखण्ड झांकी के माध्यम से देश विदेश के पर्यटकों को मंदिर माला मिशन की जानकारी भी मिलेगी। प्रतिनिधि मंडल में मनोज इष्टवाल, अजय राणा, दयाशंकर पांडेय, अमित अमोली, रमन जायसवाल, सुभाष गौड़ व अवधेश नौटियाल इत्यादि शामिल थे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह उपलब्धि हम सबके लिए गौरवशाली पल है। पुराणों में गढ़वाल का केदारखंड और कुमाऊं का मानसखंड के रूप में वर्णन किया गया है। स्कंद पुराण में मानसखंड का उल्लेख है। जागेश्वर मंदिर की बहुत धार्मिक मान्यता है। गणतंत्र दिवस परेड को अभी तक राजपथ के नाम से जाना जाता था, किंतु इस वर्ष उसका नाम बदलकर कर्तव्य पथ रखा गया है। नाम बदलने के बाद कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस की यह पहली परेड थी, जिसमें उत्तराखंड की झांकी मानसखंड को देश में प्रथम स्थान मिलने से इतिहास में उत्तराखंड राज्य का नाम अंकित हो गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सांस्कृतिक नवजागरण में उत्तराखंड सरकार भी काम कर रही है। मानसखंड मंदिर माला मिशन योजना भी इसी दिशा में महत्वपूर्ण पहल है। “मानसखण्ड” मंदिर माला मिशन में चार धाम की तरह कुमाऊं क्षेत्र के पौराणिक मंदिर भी विकसित किये जा रहे हैं।
महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी ने बताया कि इस वर्ष के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वयं मानसखंड की झांकी का सुझाव दिया था व इसके डिज़ाइन का तीन बार स्वयं अवलोकन कर उसे फाइनल किया था। यह पूरे प्रदेश के लिए ख़ुशी की बात है।
*क्या है मानसखंड मंदिर माला मिशन*
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर श्री केदारनाथ और श्री बद्रीनाथ की भांति ही कुमाऊं के प्रमुख पौराणिक महत्व के मंदिर क्षेत्रो में अवस्थापनात्मक विकास के लिए मानसखंड मन्दिर माला मिशन योजना पर काम किया जा रहा है। इन्हें बेहतर सड़कों से जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही इस योजना से गढ़वाल और कुमाऊं के बीच सड़क कनेक्टिविटी को भी सुधारा जाएगा, ताकि उत्तराखण्ड में गढ़वाल और कुमाऊं के बीच यातायात सुगम हो। मानसखंड कॉरिडोर को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि सरकार विभिन्न क्षेत्रों में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मानसखंड कॉरिडोर पर काम कर रही है। सरकार का प्रयास है कि विभिन्न धार्मिक सर्किटों का विकास किया जाए। उन्होंने कहा इसके तहत प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में आने वाले मुख्य मंदिरों को आपस में जोड़ेंगे एवं सर्किट के रूप में विकसित करके धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा।
*इन प्रमुख मंदिरों का होगा विकास*
मुख्यमंत्री धामी के विजन के अनुसार पहले चरण में क़रीब 2 दर्जन से अधिक मंदिरों को इसमें शामिल किया गया है। इनमें जागेश्वर महादेव, चितई गोलज्यू मंदिर, सूर्यदेव मंदिर, नंदादेवी मंदिर कसारदेवी मंदिर, झांकर सैम मंदिर पाताल भुवनेश्वर, हाटकालिका मंदिर, मोस्टमाणु मंदिर, बेरीनाग मंदिर, मलेनाथ मंदिर, थालकेदार मंदिर, बागनाथ महादेव, बैजनाथ मंदिर, कोट भ्रामरी मंदिर, पाताल रुद्रेश्वर गुफा, गोल्ज्यू मंदिर, निकट गोरलचौड मैदान, पूर्णागिरी मंदिर, वारही देवी मंदिर देवीधुरा, रीठा मीठा साहिब, नैनादेवी मंदिर, गर्जियादेवी मंदिर, कैंचीधाम, चैती (बाल सुंदरी) मंदिर, अटरिया देवी मंदिर व नानकमत्ता साहिब प्रमुख रूप से शामिल किए गए हैं।