वर्चस्व: प्रीतम के ‘चलो सचिवालय’ में कांग्रेस के 19 में से 14 विधायक

पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने दिखाया दम, कूच में 14 विधायक शामिल
पूर्व नेता प्रतिपक्ष और चकराता विधायक प्रीतम सिंह ने सोमवार को सचिवालय कूच के माध्यम से शक्ति प्रदर्शन किया।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने सचिवालय कूच के माध्यम से शक्ति प्रदर्शन किया। पुलिस ने सचिवालय से पहले बैरिकेडिंग लगाकर रोका। इस दौरान तीखी नोकझोंक हुई। प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर रिजर्व पुलिस लाइन ले जाकर छोड़ा गया।

देहरादून 21 नवंबर: कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, पूर्व नेता प्रतिपक्ष और चकराता विधायक प्रीतम सिंह ने सोमवार को सचिवालय कूच के माध्यम से शक्ति प्रदर्शन किया। इस कूच में कांग्रेस के 19 विधायकों में से प्रीतम सहित 14 विधायक शामिल हुए। इससे अब पार्टी के भीतर ध्रुवीकरण की राजनीति नए सिरे से आकार लेती नजर आ रही है। महिला अपराध, भर्ती परीक्षा घोटाला, भ्रष्टाचार समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर सोमवार को कांग्रेसियों ने राज्य सरकार के विरुद्ध सचिवालय कूच किया।

प्रीतम सिंह के आह्वान पर प्रदेशभर से बड़ी संख्या में कार्यकर्त्ता ढोल-दमाऊ के साथ रेंजर्स मैदान में जुटे। यहां सभा के बाद उन्होंने दर्शन लाल चौक, घंटाघर, एस्लेहाल, ग्लोब चौक होते हुए सचिवालय कूच किया। हालांकि, सुभाष रोड पर सचिवालय से पहले ही बैरिकेडिंग लगाकर पुलिस ने जुलूस को रोक दिया, जिस पर कई कांग्रेस नेता बैरिकेडिंग पर चढ़ गए। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई। प्रदर्शनकारियों ने वहीं पर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। बाद में पुलिस ने हिरासत में लेकर इन्हें रेसकोर्स स्थित रिजर्व पुलिस लाइन ले जाकर निजी मुचलके पर छोड़ दिया।

सचिवालय कूच के दौरान नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, उपनेता सदन भुवन कापड़ी, विधायक तिलकराज बेहड़, गोपाल राणा, मयूख महर, मदन सिंह बिष्ट, आदेश चौहान, सुमित हृदयेश, ममता राकेश, फुरकान अहमद, वीरेंद्र जाती, रवि बहादुर व विक्रम सिंह नेगी, पूर्व मंत्री डाक्टर हरक सिंह रावत, हीरा सिंह बिष्ट, दिनेश अग्रवाल, पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण, युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुमितर भुल्लर, महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा, सूर्यकांत धस्माना, आर्येंद्र शर्मा, पूर्व विधायक राजकुमार, महानगर व्यापार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सुनील कुमार बांगा सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्त्ता शामिल रहे।

अब राज्य बचाने की लड़ाई लड़नी होगी : हरक

पूर्व मंत्री डाक्टर हरक सिंह रावत ने कहा कि आज राज्य गठन के लिए अपना बलिदान देने वाले आंदोलनकारियों की आत्मा रो रही है। वनंतरा प्रकरण, यूकेएसएसएससी भर्ती घोटाले में दोषियों को सख्त सजा दिलाने में सरकार की नाकामी सामने आई है। दिल्ली के छावला में उत्तराखंड की युवती के साथ हुए दुष्कर्म मामले में स्वजन को न्याय नहीं मिला। महिला अपराध, बेरोजगारी चरम पर है। उन्होंने कहा कि पूर्व में उत्तराखंड को बनाने की लड़ाई लड़ी गई थी, लेकिन अब उत्तराखंड को बचाने की लड़ाई लड़नी होगी।

सरकार हो चुकी है दिशाहीन: प्रीतम

कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि जनता ने भाजपा को प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाने का मौका दिया, लेकिन पिछले करीब नौ माह में सत्ता में बैठे लोग ने राज्यवासियों को वो जख्म दिए हैं, जो जल्दी नहीं भरेंगे। कहा कि सरकार दिशाहीन हो चुकी है और उसे जनता से कोई सरोकार नहीं रह गया है। प्रीतम ने कहा कि जनता का अहित कांग्रेस बर्दाश्त नहीं करेगी। पार्टी जनता की आवाज पुरजोर ढंग से उठाएगी। जरूरत पड़ी तो इस संघर्ष और तेज किया जाएगा।

वनंतरा प्रकरण में पर्दे के पीछे कौन : आर्य

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने वनंतरा प्रकरण में सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि जो वीआइपी इस मामले में पर्दे के पीछे है, उसे सरकार बचाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अफसरशाही बेलगाम हो चुकी है, सरकार का अधिकारियों पर कोई नियंत्रण ही नहीं है। अपने 100 दिन का कार्यकाल पूरा करने पर प्रदेश सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च किए, लेकिन नौ महीने पूरे होने के बाद भी जो वादे जनता से किए गए थे वो जस के तस हैं। महिलाओं का शोषण हो रहा है, अनुसूचित जाति के नागरिकों पर खुलेआम अत्याचार किए जा रहे हैं।

प्रीतम सिंह ने सचिवालय कूच के आह्वान की जानकारी संगठन को नहीं दी थी इसलिए संगठन नाराज चल रहा था. कई बड़े नेताओं ने इसी वजह से उनके कूच से दूरी बनाए रखी.

( कांग्रेस नेता प्रीतम सिंह के सचिवालय कूच की तस्वीर)

उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान में चकराता से विधायक प्रीतम सिंह (Pritam Singh) के आह्वान पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने देहरादून के रेंजर्स ग्राउंड से सचिवालय कूच किया. इस दौरान कांग्रेस (Congress) के भीतर की गुटबाजी एक बार फिर खुलकर सामने आ गई. जहां एक तरफ प्रीतम सिंह के आह्वान पर कांग्रेस के अधिकतर विधायक और पूर्व विधायकों समेत भारी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता पहुंचे थे वहीं दूसरी तरफ संगठन के लोग इस कूच से नदारद दिखे. हालांकि प्रीतम सिंह के साथ नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य (Yashpal Arya) मौजूद रहे.

प्रीतम सिंह ने दिखाया दम

दरअसल प्रीतम सिंह ने जब सचिवालय कूच का आह्वान किया था, तब से संगठन इस वजह से नाराज चल रहा है कि इसकी जानकारी उन्होंने संगठन और प्रदेश अध्यक्ष को नहीं दी. यही वजह रही कि संगठन के लोग प्रीतम सिंह की इस आवाहन में शामिल नहीं हुए लेकिन फिर भी प्रीतम सिंह, विधायक, पूर्व विधायक, नेता प्रतिपक्ष समेत तमाम कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की बड़ी भीड़ जुटाने में कामयाब हुए. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत सहित कई बड़े नेताओं ने इस कूच से दूरी बनाए रखी.

 

भारी संख्या में प्रीतम सिंह के साथ सचिवालय कूच करने पहुंचे कार्यकर्ताओं ने बीजेपी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. वहीं पुलिस की भारी सुरक्षा को चकमा देकर प्रीतम सिंह और कई कार्यकर्ता बैरिकेडिंग पार कर सचिवालय के करीब भी पहुंच गए. प्रीतम सिंह के इस सचिवालय कूच को उनके शक्ति प्रदर्शन के तौर पर भी देखा जा रहा है.

कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने साधा निशाना

वहीं दूसरी तरफ प्रीतम सिंह के सचिवालय कूच पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने जुबानी हमला बोला. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपनी समाप्ति की ओर है और इन दिनों अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है. ऐसे में कांग्रेस के नेता अब अपनी ही पार्टी के भीतर अपने वर्चस्व की लड़ाई लड़ रहे हैं. कैबिनेट मंत्री ने कहा कि चाहे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत हों या पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह सभी एक दूसरे को नीचा दिखाने और अपने आप को श्रेष्ठ साबित करने में लगे हैं. संगठन नाम की चीज कांग्रेस में अब बची नहीं है.

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