प्रियंका से फातिमा, चंद्रकला से कनीज:दिल्ली से लखनऊ, कानपुर, नोएडा तक धर्मांतरण का जाल
Conversion Racket News: प्रियंका से फातिमा…चंद्रकला को बनाया कनीज! दिल्ली से लखनऊ तक फैला है धर्मांतरण रैकेट का जाल
सुधाकर सिंह |
Dharmantaran Racket धर्मांतरण रैकेट का मुख्य आरोपित मोहम्मद उमर गौतम (Mohammed Umar Gautam) लखनऊ से चलने वाली एक संस्था में पदाधिकारी भी है। यह भी सामने आया है कि उमर ने 18 बार इंग्लैंड, 4 बार अमेरिका के साथ ही सिंगापुर, पोलैंड और अफ्रीका के कई देशों की यात्राएं की थीं।
हाइलाइट्स:
देश में फैले कथित धर्मांतरण रैकेट का लखनऊ कनेक्शन आया सामने
लखनऊ की दो युवतियों का भी इसी रैकेट ने कराया था धर्म परिवर्तन
प्रियंका और चंद्रकला नाम की युवतियां अब परिवार से अलग रहती हैं
उमर का एक वीडियो भी आया सामने, विदेश यात्राओं की कर रहा बात
इस्लाम में धर्मांतरण, कई विदेश यात्राएं…ATS को मिला मौलाना उमर गौतम का पुराना वीडियो
लखनऊ 24 जून।देशभर में धर्मांतरण का रेकैट फैलाने वाले उमर गौतम और जहांगीर का लखनऊ कनेक्शन भी बेनकाब हुआ है। पता चला है कि लखनऊ की प्रियंका सेन और चंद्रकला यादव का भी धर्म परिवर्तन इसी रैकेट ने करवाया था। इसके बाद वे अब धर्म बदलकर परिवार से अलग रह रही हैं। इनमें से प्रियंका अलीगंज के मेंहदी टोला की रहने वाली है, जबकि चंद्रकला का परिवार तेलीबाग में रहता है।
2010 तक दिल्ली रहता था प्रियंका का परिवार
प्रियंका मुस्लिम बनने के बाद फातिमा मोहम्मद फारूक के नाम से जानी जाती है। जहांगीर के यहां से एटीएस ने जो दस्तावेज बरामद किए हैं, उसमें प्रियंका का पता 532 केएनए….336 मेंहदी टोला अलीगंज लिखा हुआ है। प्रियंका के मेंहदी टोला स्थित घर में उसकी मां माया सेन और भाई रहता है। प्रियंका अब कहां और किस हाल में है इस बात का पता प्रियंका के परिवार वालों को नहीं है। मां माया सेन ने बताया कि वर्ष 2010 तक वह लोग दिल्ली में पूरे परिवार संग रहते थे। उनके पति भगवती सेन की करंट लगने से मौत हो गई थी। इसके बाद वह अपने बेटे नितिन और बेटी प्रियंका के साथ अलीगंज के मेहंदी टोला में अपने पुश्तैनी मकान में आकर रहने लगी। बेटी प्रियंका ने सॉफ्टवेयर से डिप्लोमा किया था।
चंद्रकला अब कनीज फातिमा, परिवार ने तोड़ा नाता
तेलीबाग के राजीव नगर घोसियाना में रहने वाली चंद्रकला अब कनीज फातिमा के नाम से जानी जाती है। चंद्रकला के पिता ओपी यादव सेना से सूबेदार के पद से रिटायर हैं। परिवार में चंद्रकला समेत तीन बेटियां है। चंद्रकला दूसरे नंबर की बेटी है। करीब 33 वर्षीय चंद्रकला ने बी फार्मेसी की पढ़ाई की है। वह जयपुर में निजी संस्थान में पढ़ाने का काम करती है। घरवालों का कहना है कि अब उससे हमारा कोई संबंध नहीं है।
blockquote>मलिहाबाद की एक संस्था में पदाधिकारी है उमर गौतम
धर्मांतरण का मुख्य आरोपित मोहम्मद उमर गौतम लखनऊ से संचालित अल हसन एजुकेशन एंड वेलफेयर फाउंडेशन में भी पदाधिकारी है। एटीएस को आशंका है कि इस संस्था से भी फंडिंग की जा रही थी। उमर इस संस्था में उपाध्यक्ष के पद पर है। अल हसन एजुकेशन एंड वेलफेयर फाउंडेशन लखनऊ के मलिहाबाद के रहमानखेड़ा में एक स्कूल संचालित कर रहा है। दसवीं तक के सीबीएसई बोर्ड के इस स्कूल में 500 बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने की भी बात कही जाती है।
18 बार इंग्लैंड, 4 बार अमेरिका गया था उमर
अवैध धर्मांतरण का कथित नेटवर्क चलाने वाले मोहम्मद उमर गौतम ने धर्म परिवर्तन के कार्यक्रमों के लिए 18 बार इंग्लैंड, 4 बार अमेरिका, सिंगापुर, पोलैंड व अफ्रीका के कई देशों की यात्राएं की। उसने विदेश में भी कई लोगों का धर्मांतरण करवाया था। उमर के सामने आए दो वीडियो से यह खुलासा हुआ है। उधर, उमर और जहांगीर के पास से बरामद दस्तावेज से लखनऊ के अलीगंज के मेंहदी टोला व तेलीबाग की दो लड़कियों का धर्म परिवर्तन करवाए जाने की बात सामने आई है।
वीडियो में उमर कह रहा है कि वह 18 बार इंग्लैंड जा चुका है, जिस यूनिवर्सिटी में वह पढ़ता था, वहां भी उसने सात लोगों का धर्मांतरण करवाया था, इनमें उसका गोरखपुर का एक यादव मित्र भी है। वह कानपुर की छत्रपति शाहूजी महाराज यूनिवर्सिटी की एक हिंदू छात्रा का भी धर्मांतरण करवाए जाने का दावा कर रहा है। वीडियो में वह स्वीकार कर रहा है कि उसके दिल्ली के इस्लामिक दावाह सेंटर से धर्मांतरण के करीब एक हजार से ज्यादा सर्टिफिकेट जारी किए हैं। सेंटर से हर माह करीब 15 सर्टिफिकेट जारी किए जाते थे। इसी तरह उसने पोलैंड, पुर्तगाल, जर्मनी, सिंगापुर, अमेरिका से इंग्लैंड में भी धर्मांतरण करवाने के बाद उन्हें विधिक भी मजबूती दिलवाई। विडियों में वह कई शादियां करवाने और धर्मांतरण करवाने वालों की मदद करने की अपील भी कर रहा है।
साइन लैंग्वेज के जानकार भी शामिल
यूपी एटीएस ने उमर और जहांगीर को बुधवार को कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू कर दी। हालांकि दोनों ने एटीएस के सवालों के जवाब में कहा कि धर्मांतरण अल्लाह का काम है और इसका आतंकवाद से कोई लेना देना नहीं है। जांच टीम में दो अलग-अलग साइन लैंग्वेज के जानकारों को भी जोड़ा गया है। ताकि उन मूक-बधिरों से भी पूछताछ हो सके जिनका धर्मांतरण करवाया गया।
एटीएस ने मांगा पिछले 5 साल का रेकॉर्ड
कथित धर्म परिवर्तन गैंग के पर्दाफाश के बाद एटीएस लगातार कानपुर में अलग-अलग जगहों पर पहुंच कर तफ्तीश कर रही है। बुधवार को एक टीम बिठूर के ज्योति मूक-बधिर विद्यालय पहुंची। टीम ने स्कूल मैनेजर और प्रिंसिपल से पिछले 5 साल का रेकॉर्ड मांगा है। स्कूल प्रबंधन ने गुरुवार सुबह तक सारे दस्तावेज देने का आश्वासन दिया है।
कानपुर के आदित्य उर्फ अब्दुल से पूछताछ में एटीएस को पता चला था कि धर्म परिवर्तन के लिए सबसे पहले उससे बिठूर के ज्योति मूक-बधिर विद्यालय में संपर्क किया गया था। इसके बाद बुधवार सुबह कुछ पुलिसकर्मी स्कूल पहुंचे। प्रिंसिपल रामदास पाल से पिछले साल में यहां प्रशिक्षण लेने वाले बच्चों और शिक्षकों की पूरी जानकारी मांगी। कोविड के कारण स्कूल बंद होने का हवाला देते हुए प्रिंसिपल ने बताया कि सारी जानकारियां स्कूल प्रबंधक कमलेश के पास हैं। मैनेजर ने फोन पर एटीएस को आश्वासन दिया है कि गुरुवार सुबह तक सारी जानकारियां उपलब्ध करवा दी जाएंगी। इसके बाद स्कूल प्रबंधन ने सारे मौजूदा शिक्षकों को बुलाकर जानकारियां इकट्ठा करना शुरू कर दिया है।
नोएडा से आए ट्रेनर पर शक
सूत्रों के अनुसार एटीएस को मिली कुछ जानकारियों को केंद्र में रखकर काम किया जा रहा है। मसलन अप्रैल-2019 से मार्च-2020 के बीच नोएडा डेफ सोसायटी का एक शिक्षक ज्योति मूक-बधिर विद्यालय में पढ़ाने के लिए आया था। पासआउट होने के बावजूद आदित्य उर्फ अब्दुल उनसे मिलना आता था। बताया जा रहा है कि क्लास के बाद भी वह बच्चों को अलग से समय देता था। शुरुआत में माना गया कि वह बच्चों को कौशल विकास के बारे में कुछ सिखाता है, लेकिन बाद में पता चला कि वह धर्म प्रचार कर रहा था। वह ट्रेनर विद्यालय प्रबंधन ने बुलाया था।
कोर्ट ने धर्मांतरण कानून पर सरकार से जवाब मांगा
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने धर्मांतरण कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने जवाब के लिए सरकार को चार सप्ताह का समय दिया है। अगली सुनवाई दो अगस्त को होगी। यह आदेश चीफ जस्टिस संजय यादव और जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने दिया है। दाखिल याचिकाओं में धर्मांतरण कानून के दुरुपयोग की आशंका जताई गई थी। साथ ही कोर्ट ने धर्मांतरण अध्यादेश में दर्ज मुकदमों पर सरकार से शपथपत्र भी पेश करने को कहा है।
नोएडा का नाबालिग दर्श बन गया रिहान अंसारी, फेसबुक मैसेंजर चैट से खुलासा
दर्श की मां शिवानी सक्सेना ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे की फेसबुक चैट (Facebook Chat) खंगाली तो उन्हें यह चौंकाने वाली बात का पता चला. दर्श उर्फ रिहान अंसारी फेसबुक मैसेंजर पर नूरी नाम की एक महिला से चैट करता था. वो ही उसके धर्म परिवर्तन (Religious Conversion) में मेन इंफ्लून्सेर रही है।
धर्म परिवर्तन का रैकेट चलाने वाले दो मौलवियों के पकड़े जाने के बाद धर्मांतरण (Religious Conversion) से जुड़ी परतें खुलती जा रही हैं. इस कड़ी में एक पीड़ित परिवार ने सामने आकर अपनी बात कही है. दर्श सक्सेना (Darsh Saxena) के परिजनों ने बताया कि वर्ष 2018 में वो अचानक घर छोड़कर चला गया था. उस वक्त उसकी उम्र सत्रह साल थी. दर्श नोएडा सेक्टर 30 निठारी में ITI का कोर्स करने जाया करता था. परिवार के मुताबिक दर्श सक्सेना का धर्म परिवर्तन कर रिहान अंसारी नाम रख दिया गया था. दर्शन के परिजनों ने उसके लापता होने की रिपार्ट 2018 में नोएडा फेज 2 थाने में दर्ज करवाई थी.
दर्श की मां शिवानी सक्सेना ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे की फेसबुक चैट खंगाली तो उन्हें यह चौंकाने वाली बात का पता चला. दर्श उर्फ रिहान अंसारी फेसबुक मैसेंजर पर नूरी नाम की एक महिला से चैट करता था. शिवानी सक्सेना ने कहा कि नूरी ही मेन इंफ्लून्सेर रही है. चैट में उसने उनके बेटे से एक लाख लोगों तक अल्लाह का पैगाम पहुंचाने की बात की थी. उन्होंने बताया कि नूरी के पिता और दर्श के पिता एक-दूसरे को जानते थे. काम के सिलसिले में दोनों के परिवारों की आपस में मुलाकात होती थी. दर्श नूरी को आपा यानी दीदी कह कर बुलाता था.
फेसबुक मैसेंजर चैट में यह भी देखने को मिला कि दर्श कुछ पाकिस्तानी लोगों के संपर्क में था. शिवानी ने बताया कि उसके मस्जिद जाने की बात भी एक मुस्लिम परिचित ने बताया था. लेकिन तब उसने इस बात से इनकार किया था. दर्श की मां ने बताया कि उसके बैग में इस्लाम धर्म की किताबें और टोपी भी मिली थी. इस पर भी पूछने पर उसने बताया कि वो उसके दोस्त की है।
मां शिवानी सक्सेना ने अपने बेटे के कैराना में होने का जताया शक
शिवानी सक्सेना ने बताया कि दर्श की फ्रेंडलिस्ट में 90 प्रतिशत लोग मुस्लिम थे. उनके बेटे ने अब फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया से अपनी आईडी डिलीट कर दी है. उन्होंने बताया कि आखिरी बार बेटी के जन्मदिन पर दर्श ने अपने एक मुस्लिम दोस्त के फोन से कॉल किया था. मैंने उसे जब वापस आने की बात कही तो दर्श ने रोते हुए मना कर दिया. उन्होंने कहा कि दो साल से दर्श से अब तक कोई बात नहीं हुई है.
दर्श उर्फ रिहान की मां को शक है कि उनका बेटा कैराना में है. क्योंकि उसके ज्यादातर फेसबुक के मुस्लिम दोस्त कैराना के हैं. उन्होंने कहा कि उनके बेटे को अच्छा घर, अच्छे कपड़े, लंबी कार का शौक था. ऐसे में किसी ने उसके सपनों का गलत इस्तेमाल किया और बहलाकर उसे कन्वर्ट कर दिया है. उन्होंने यह भी अंदेशा जताया कि उनका बेटा देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हो सकता है. दर्श के बारे में बात करते-करते उसकी मां शिवानी सक्सेना रो पड़ती हैं.
मां शिवानी सक्सेना का कहना है कि जिस तरीके से धर्मांतरण रैकेट का खुलासा हुआ है, हो सकता है कि उसके बेटे दर्श सक्सेना के गायब होने में भी इस तरीके की कोई गतिविधि शामिल रही हो.
धर्मांतरण रैकेट का खुलासा होने के बाद पुलिस ने दर्श की मां से संपर्क किया और उन्हें मदद का आश्वासन दिया है.
UP ATS ने दिल्ली के जामिया नगर से दो मौलवियों को किया था गिरफ्तार
बता दें कि यूपी एटीएस ने सोमवार को दिल्ली के जामिया नगर इलाके से मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी को गिरफ्तार किया है. यह दोनों गरीब और अनपढ़ हिंदुओं को बरगलाकर और लालच देकर उनका धर्मांतरण करवाते थे. यूपी पुलिस के मुताबिक आरोपी सुनियोजित तरीके से एक हजार से ज्यादा लोगों का धर्म परिवर्तन करवा चुके हैं. इसके लिए उन्हें पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और देश-विदेश के अन्य मुस्लिम संगठनों से फंडिंग मिलने की बात कही जा रही है.