पुरी के शंकराचार्य का भी हुआ भूमिपूजन
हरिद्वार। 23 मार्च (सूचना)। पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती की धमकी काम आ गई। नीलधारा स्थित चंडीटापू में मंगलवार को पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज की छावनी में उनके प्रतिनिधि प्रफुल्ल चैतन्य ब्रह्मचारी और मेलाधिकारी दीपक रावत ने विधि-विधान से भूमि पूजन, कलश पूजन, धर्मध्वजा पूजन कर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ धर्म ध्वजा स्थापित की।
इस मौके पर मेलाधिकारी दीपक रावत ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि आज नीलधारा टापू पर धर्म ध्वजा स्थापना, भूमि पूजन आदि शुभ कार्य सम्पन्न हुए हैं। आने वाले मेले के लिए हमारे सभी कार्य ऐसे ही सम्पन्न हों, ऐसी हम प्रार्थना करते हैं। कोरोना की जांच के सम्बंध में उन्होंने कहा कि सीएमओ हरिद्वार से कोरोना की टेस्टिंग बढ़ाने के सम्बंध में भी चर्चा हुई है।
इस दौरान स्वामी प्रबोधानंद गिरि महाराज, राजेश चैतन्य ब्रह्मचारी, स्वामी विद्या चैतन्य नैमिषारण्य, द्वारका शारदा पीठ से स्वामी मुकुन्दानंद ब्रह्मचारी, आचार्य कुमुदकांत मिश्र, आचार्य शिवराम झा, मनोज पाठक, अपर मेलाधिकारी डाॅक्टर ललित नारायण मिश्र, रामजी शरण शर्मा, उप मेलाधिकारी दयानंद सरस्वती, मीनू गुप्ता, आदित्य आदि मौजूद थे।
याद रहे,स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने वीडियो जारी कर कुभ क्षेत्र में भूमि आवंटित न किये जाने पर नाराजी दर्शाते हुए एक समयावधि के बाद फतवा जारी करने की धमकी दी थी। हालांकि इतिहास में पूरी ब्रिटिश शासन अवधि में कुंभ मेलों में शंकराचार्यों की किसी लोकहित चिंतक भूमिका का उल्लेख नहीं मिलता।
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