कुरान से 26 आयतें हटवाने रिजवी गये सुप्रीम कोर्ट
शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी
कुरान की 26 आयतों को हटाने के लिए वसीम रिज़वी ने SC में दायर की याचिका, कहा- ये आतंक को बढ़ावा देती हैं
नई दिल्ली 13 मार्च । शिया वक़्फ़ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिज़वी ने सुप्रीम कोर्ट में कुरान की 26 आयतों को हटाने के संबंध में याचिका दाखिल की है। उनका कहना है कि इन 26 आयतों में से कुछ आयतें आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली हैं जिन्हें बाद में शामिल किया गया।
उनका मत है कि मोहम्मद साहब के बाद पहले खलीफा हज़रत अबू बकर, दूसरे खलीफा हज़रत उमर और तीसरे खलीफा हज़रत उस्मान के द्वारा कुरान को कलेक्ट करके उसको किताबी शक्ल में जारी किया गया। इसमें बहुत सी अच्छी बात भी हैं जो इंसानियत के लिए हैं लेकिन इसमें कुछ आतंकवाद को भी बढ़ावा देती हैं।
रिजवी कहते हैं कि अल्लाह के संदेश दो तरह के नहीं हो सकते। तीनों खलीफाओं पर आरोप लगाते हुए वह कहते हैं कि उन्होंने ताकत का इस्तेमाल किया। इसी से कुरान में तब्दीली करके इस तरह की आयतों को डाला गया और दुनिया के लिए जारी कर दिया गया। इसकी 26 आयतें इंसानियत के मूल सिद्धांतों को नकारती हैं और धर्म के नाम पर नफरत, घृणा, हत्या, खून खराबा फैलाती हैं।
वह कहते हैं कि जब पूरे कुरान पाक में अल्लाहताला ने भाईचारे, प्रेम, खुलूस, न्याय, समानता, क्षमा, सहिष्णुता की बातें कही हैं तो इन 26 आयतों में कत्ल व गारत, नफरत और कट्टरपन बढ़ाने वाली बातें कैसे कह सकते हैं।
इन्हीं आयतों का हवाला देकर मुस्लिम नौजवानों का ब्रेनवॉश किया जा रहा है। उनको जेहाद के नाम पर भड़काया, बहकाया और उकसाया जा रहा है। इन्हीं की वजह से देश की एकता, अखंडता पर खतरा है।
बता दें कि इस याचिका के दाखिल होने के बाद समुदाय विशेष में वसीम रिजवी को लेकर गुस्सा है। शुक्रवार को इस बाबत उनके खिलाफ़ नारेबाजी भी हुई। रिजवी के पोस्टर जलाए गए। एक प्रदर्शनकारी सय्यद सलमान ने कहा कि कुरान शरीफ का एक शब्द भी कोई बदल नहीं पाएगा, क्योंकि कुरान शरीफ की हिफाजत अल्लाह खुद करते हैं। वासिम रिजवी जैसे कुरान से एक नुक्ते में भी फर्क नहीं करा सकते।
वसीम रिज़वी की इस PIL के बाद मुस्लिम समाज में गम और गुस्सा देखा जा रहा है. मुस्लिम समाज के बड़े नेताओं ने वसीम रिज़वी की इस PIL पर की सख्त निंदा और विरोध किया है. शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने वसीम रिज़वी की इस विवादित याचिका पर बयान जारी करते हुए वसीम रिज़वी की विवादित याचिका का शिया पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से भरपूर विरोध किया है.
इसके अलावा ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि 26 आयतें हटाना तो दूर की बात है, क़ुरान से एक शब्द या एक बिंदु भी नहीं निकाला जा सकता. वसीम रिज़वी जैसे लोगों के द्वारा सिर्फ इस्लाम को बदनाम किया जा रहा है. क़ुरान पाक आतंकवाद की दावत देता है, यह कहना बिल्कुल ग़लत है. क़ुरान अमन का पैग़ाम देता है. उन्होंने कहा कि हमारे किसी भी इमाम ने किसी आयत को हटाने की बात नहीं की. क़ुरान अल्लाह की किताब है, न कि किसी के घर की लिखी किताब.
बता दें कि कुरान पाक मुसलमानों की सबसे पवित्र किताब है और इस किताब पर सभी मुस्लिम फ़िरक़ों का एक मत है. मुसलमानों की आस्था है कि क़ुरान आसमान से उतरी किताब है. इसमें कोई बदलाव नहीं हो सकता. क़ुरान इंसानियत को शांति का संदेश देती है।
दूसरी ओर, कुरान की में आयतें इतनी विवादास्पद हैं कि उपप्रधान हिंदू महासभा दिल्ली इंद्रसैन और राजकुमार ने कुरान मजीद की 24 आयतों के पोस्टर छपवाए तो पुलिस ने उन पर सामाजिक सद्भाव बिगाडने का मुकदमा कर दिया। मामला दिल्ली हाईकोर्ट तक गया। अंततः जस्टिस जेड. एस. लोहाट ने अपने 31 जुलाई 1986 के फैसले में दोनों को इस टिप्पणी के साथ दोषमुक्त कर दिया कि पोस्टर में कुरान की आयतें ज्यों की त्यों बिना किसी टिप्पणी दी गई हैं।