11 वर्षीय बच्ची से बलात्कार और हत्या में फांसी, अर्थदंड
दुष्कर्म और हत्या में दोषी गोविंदा
UP में महिला दिवस पर ऐतिहासिक फैसला:11 साल की बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के दोषी को मौत की सजा; 10 हजार रुपए का जुर्माना भी ठोका
अदालत ने कहा- जब तक दुष्कर्मी की मौत न हो जाए, तब तक फांसी पर लटकाया जाए
सात महीने पहले हुई थी वारदात, हत्या के दूसरे दिन मिली थी लाश
जौनपुर 08 मार्च।अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर सोमवार को उत्तर प्रदेश में जौनपुर की अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट प्रथम रवि यादव ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। कोर्ट ने 11 साल की बच्ची का अपहरण कर दुष्कर्म और हत्या के मामले में दोषी को मौत की सजा दी है। अदालत ने इसे विरलतम श्रेणी के अपराध की संज्ञा दी है। टिप्पणी करते हुए कहा कि दुष्कर्मी को तब तक फांसी पर लटकाया जाए, जब तक कि उसकी मौत न हो जाए।
6 अगस्त 2020 का मामला
यह पूरा मामला मड़ियाहूं थाना क्षेत्र के एक गांव का है। अभियोजन के अनुसार चंदौली निवासी बाल गोविंद उर्फ गोविंदा अपनी ससुराल में रहता है। उसने 6 अगस्त 2020 को पड़ोस में रहने वाली दो बहनों को टॉफी दिलाने के बहाने अपने साथ ले गया। टॉफी दिलाने के बाद छोटी बहन को उसने वापस भेज दिया। जबकि 11 साल की बड़ी बहन को खेत में ले जाकर दुष्कर्म किया। इसके बाद उसकी हत्या कर दी और शव को खेत में ही छिपा दिया।
11 गवाहों का बयान दर्ज कराया
बालिका जब घर नहीं पहुंची तो उसके परिवार वालों ने खोजबीन शुरू की लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला। 8 अगस्त को बालिका का शव खेत से बरामद हुआ। इस प्रकरण में पिता ने आरोपित पर केस दर्ज कराया था। पुलिस ने आरोपित को चंदौली से गिरफ्तार किया था। विवेचना के बाद चार्जशीट दाखिल की गई। विशेष लोक अभियोजक राजेश उपाध्याय और शासकीय अधिवक्ता वीरेंद्र मौर्य ने 11 गवाहों का बयान दर्ज कराया। कोर्ट ने छह मार्च को आरोपित बाल गोविंद को दोषी करार दिया था। सोमवार को कोर्ट खुलने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट प्रथम रवि यादव ने दोषी गोविंदा को मृत्यु दंड और 10000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।