कांग्रेस प्रवक्ता खेड़ा को मानहानि में सुको का छूट से इंकार
Supreme Court Refuses To Cancel Fir Against Congress Pawan Khera Pm Modi Remark
बार-बार माफी मांगकर मुकदमे से बच नहीं सकते… प्रधानमंत्री मोदी पर किया था कमेंट, पवन खेड़ा को SC से झटका
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को पिछले साल 23 फरवरी को दिल्ली हवाई अड्डे से विमान से उतारकर गिरफ्तार कर लिया गया था। वह कांग्रेस महाधिवेशन में शामिल होने रायपुर जा रहे थे। उन्हें गिरफ्तारी वाले दिन सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी थी, जिसे समय-समय पर बढ़ाया जाता रहा। गुरुवार पवन खेड़ा की याचिका पर सुनवाई हुई।
नई दिल्ली चार जनवरी 2024: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कांग्रेस नेता पवन खेड़ा की याचिका निरस्त कर दी। इस याचिका में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही समाप्त करने से मना करने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी। खेड़ा ने फरवरी 2023 में मुंबई में संवाददाता सम्मेलन में प्रधानमंत्री को ‘नरेन्द्र गौतम दास मोदी’ कहा था। भाजपा नेताओं एवं समर्थकों ने इस टिप्पणी की कड़ी निंदा की थी और इसे उद्योगपति गौतम अडानी के संदर्भ के रूप में देखा गया था। प्रधानमंत्री मोदी अपना पूरा नाम नरेन्द्र दामोदर दास मोदी लिखते हैं, दामोदर दास उनके पिता का नाम है। कई राज्यों में लोग अपने पिता के नाम को मध्य नाम के रूप में इस्तेमाल करते हैं।
जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि वह हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने की इच्छुक नहीं है। पीठ ने खेड़ा की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद से कहा, आप माफी पर माफी मांगे जा रहे हैं। क्षमा करें, हम इच्छुक नहीं हैं। सुनवाई के दौरान, उत्तर प्रदेश की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि मामले में दायर आरोप पत्र के आधार पर खेड़ा की याचिका पर जवाब दाखिल किया गया है।
सलमान खुर्शीद ने सुप्रीम कोर्ट से प्रत्युत्तर दाखिल करने के लिए कुछ समय देने का अनुरोध किया जिसे अस्वीकार कर दिया गया। हाई कोर्ट ने पिछले साल 17 अगस्त को खेड़ा की याचिका खारिज करते हुए कहा था कि मामले के जांच अधिकारी ने जो सबूत जमा किए हैं,उनका मामले को रद्द करने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 482 में दायर याचिका में आकलन नहीं किया जा सकता।
सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक बयान देने के लिए असम और उत्तर प्रदेश में खेड़ा के खिलाफ दर्ज तीन FIR को पिछले साल 20 मार्च को मिला दिया था और उनकी अंतरिम जमानत बढ़ाते हुए मामले को लखनऊ के हजरतगंज थाने में ट्रांसफर कर दिया था। लखनऊ की अदालत ने मामले में खेड़ा को जमानत दे दी थी। खेड़ा ने कथित बयानों के लिए अदालत में बिना शर्त माफीनामा दिया है।