27 हजार करोड़ की कमाई के दम पर है ट्विटर की ऐंठ
सरकार के सामने तनकर खड़ा ट्विटर:27 हजार करोड़ हर साल कमाता है ट्विटर, इसमें 14 हजार करोड़ सिर्फ अमेरिका से; कुल रेवेन्यू में 86% विज्ञापनों से होती है आमदनी
नई दिल्ली 17 जून। भारत में ट्विटर से कानूनी संरक्षण छीन लिया गया है। इस पर अब IPC के मामले दर्ज हो सकेंगे। पुलिस पूछताछ भी कर सकेगी। केंद्र सरकार ने IT नियमों का पालन न करने पर ये कार्रवाई की है। हालांकि ट्विटर और सरकार के बीच फरवरी 2021 से ही तनातनी चल रही है।
फरवरी में सरकार ने ट्विटर को 1178 नामों की एक लिस्ट सौंपी थी। सरकार का कहना था कि इन ट्विटर हैंडल से कानून व्यवस्था के लिए दिक्कतें पैदा हो रही हैं इसलिए इन्हें फौरन बंद कर दिया जाए। अगर आदेश का पालन नहीं किया तो IT एक्ट 69 ए के तहत कार्रवाई होगी।
ट्विटर पर सरकार के इस आदेश का कोई असर नहीं हुआ। ट्विटर ने एक बयान में कहा कि हम मीडिया ग्रुप, पत्रकारों, एक्टिविस्ट और नेताओं के अकाउंट पर एक्शन नहीं ले रहे। हम अपने यूजर्स के बोलने की आजादी के साथ हैं। इसके बाद सरकार और ट्विटर में शुरू हुई तनातनी बढ़ती गई। न ट्विटर झुकने को तैयार हुआ और न ही सरकार।
ट्विटर के स्टैंड लेने की बड़ी वजह ये है कि उसका करीब 55% रेवेन्यू अमेरिका से आता है। हम यहां बता रहे हैं ट्विटर का पूरा लेखा-जोखा। दुनिया भर में साल दर साल कैसे बढ़ते गए इसके यूजर्स? हर साल कितना कमाता है ट्विटर? इनकम के सोर्स क्या हैं?
ट्विटर vs सरकारः इन 6 बातों से बढ़ी तनातनी
+फरवरी 2021 में किसान आंदोलन के दौरान सरकार ने कई अकाउंट को बंद करने का आदेश दिया। ट्विटर ने बोलने की आजादी का हवाला देते हुए ये आदेश मानने से इंकार कर दिया।
+फरवरी में ही ट्विटर के फाउंडर जैक डोर्सी ने किसान आंदोलन का समर्थन करने वाले ट्वीट्स को लाइक किया। सरकार के सूत्रों ने इस प्लेटफॉर्म की निष्पक्षता पर सवाल उठाए।
+18 मई को BJP प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक स्क्रीनशॉट को कांग्रेस का टूलकिट बताकर ट्वीट किया। 20 मई को ट्विटर ने इस पर मैनिपुलेटेड मीडिया का टैग लगा दिया। सरकार के कहने के बावजूद इसे नहीं हटाया।
+25 मई को पुलिस ने ट्विटर के गुरुग्राम स्थित ऑफिस पर छापा मारा। पुलिस ने टूलकिट मामले में पूछताछ का नोटिस भी चस्पा किया।
+4 जून को ट्विटर ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, RSS प्रमुख मोहन भागवत समेत कई हस्तियों के अकाउंट से ब्लू टिक हटा दिया। हालांकि बाद में उसे रिस्टोर कर दिया गया।
+25 मई से लागू हुए IT नियमों को ट्विटर ने अब तक पूरी तरह से लागू नहीं किया है। सरकार इस बारे में तीन बार नोटिस जारी कर चुकी है।
+आखिरकार सरकार ने ट्विटर से धारा 79 में प्राप्त सुरक्षा छीन ली। भारत में ट्विटर ऐसा पहला प्लेटफॉर्म बना। जबकि गूगल, फेसबुक, यूट्यूब, वॉट्सऐप, इंस्टाग्राम जैसे अन्य प्लेटफॉर्म को अभी यह सुरक्षा हासित है।
ट्विटर की मजबूती की दो बड़ी वजहेंः बड़ा यूजर बेस और कमाई का जरिया
ये ऐसे यूजर्स हैं, जिन्हें ट्विटर मोनेटाइज करता है। अगर मंथली एक्टिव यूजर्स की बात करें तो दुनिया भर में ये आंकड़ा 35 करोड़ पार है।
ट्विटर 11 मार्च 2006 को लॉन्च हुआ था। इसके बाद से इसकी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। 2019 के बाद ट्विटर के यूजर बेस में एक बड़ा उछाल देखने को मिला था। 2020 तक ट्विटर के 18.6 करोड़ डेली एक्टिव यूजर्स थे, जो 2021 की पहली तिमाही तक 19.2 करोड़ पार कर गए हैं। अगर मंथली एक्टिव यूजर्स की बात करें तो ये आंकड़ा 35 करोड़ पार चला जाता है। भारत में ट्विटर के करीब 1.75 करोड़ डेली यूजर्स हैं।
साल 2020 में ट्विटर ने 27.1 हजार करोड़ का रेवेन्यू जुटाया। ये पिछले साल के मुकाबले 7.4% ज्यादा था। ट्विटर अपने रेवेन्यू को दो भागों में बांटता है। पहली, विज्ञापनों से हुई कमाई, दूसरी लाइसेंसिंग और अन्य सेवाओं से हुई कमाई।
2020 में ट्विटर ने विज्ञापनों से 86% यानी करीब 23.4 हजार करोड़ रुपए जुटाए। इसमें इसमें प्रोडक्ट्स, ट्वीट्स और अकाउंट्स का प्रमोशन शामिल था। इसके अलावा 14% यानी 3.7 हजार करोड़ रुपए डेटा लाइसेंसिंग और अन्य सेवाओं से मिले।
दुनिया भर में 10% सोशल मीडिया यूजर्स ट्विटर का इस्तेमाल करते हैं। इसमें दुनिया भर के सेलिब्रिटी, राजनेता, कारोबारी और ब्रांड्स शामिल हैं। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के ट्विटर पर सबसे ज्यादा फॉलोवर्स हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6.87 करोड़ फॉलोवर्स के साथ इस लिस्ट में 12वें नंबर पर हैं।