विशेषज्ञ रपट आने तक जोशीमठ को लेकर न फैलाएं भ्रम: महेंद्र भट्ट
विशेषज्ञों के रिपोर्ट आने तक जोशीमठ के पूर्वानुमान गैरजरूरी, छवि को नुकसान:भट्ट
देहरादून 15 जनवरी। भाजपा ने जोशीमठ के अस्तित्व को लेकर
सभी राजनैतिक दलों एवं सामाजिक पक्षों से देश की शीर्ष विशेषज्ञ एजेंसियों की फाइनल रिपोर्ट आने तक पूर्वानुमान और नकारात्मक टिप्पणियों से बचने को कहा है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि स्थानीय लोगों की समस्याओं व जोशीमठ शहर में भूधसांव के स्थायी समाधान को लेकर हम सभी प्रतिबद्ध है, लिहाज़ा जोशीमठ के अस्तित्व पर संकट जैसी गैरजरूरी चर्चा पर्यटन प्रदेश की छवि को नुकसानदायक साबित होगी ।
भट्ट ने कहा कि जब से जोशीमठ में भूधसांव की आपदा सामने आयी है तब से पीएम मोदी की निगरानी व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रशासनिक तंत्र दो मोर्चों पर युद्घ स्तर पर जुटा है । सबसे पहले प्राथमिकता से प्रभावित परिवारों को राहत व मदद पहुंचाने के लिए दैनिक जरूरतों व अग्रिम 1.5 लाख की मदद की व्यवस्था की गयी व बाज़ार मूल्यों पर मुजवाज़े का ऐलान भी सरकार ने किया है । वहीं दूसरे और महत्वपूर्ण मोर्चे पर देश की शीर्ष विशेषज्ञ एजेंसियां का समूह जैसे सीबीआरआई रुड़की, जीएसआई कोलकाता, एनआरएसी-इसरो हैदराबाद, सीजीडब्ल्यूबी नई दिल्ली, सर्वेयर जनरल ऑफ इंडिया, एसओआई, देहरादून, आईआईआरएस, देहरादून, एनजीआरआई हैदराबाद, एनआईएच, रुड़की, डब्ल्यूआईएचजी, देहरादून, आईआईटी रुड़की, ईडी, एनआईडीएम, नई दिल्ली लगातार प्रभावित क्षेत्रों में गहन सर्वेक्षण कर रही हैं।
श्री भट्ट ने अफसोस जताया कि वर्तमान में शहर का लगभग एक चौथाई हिस्सा भूधसांव से प्रभावित है और छवि यह बनाई जारही कि जोशीमठ का अस्तित्व समाप्त होने जा रहा है । सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों पर अनुमान आधारित नकारात्मक जानकारियों को चर्चा में लाना प्रदेश के पर्यटन व्यवसाय के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है । इस तरह की जानकारी साझा करने से न सिर्फ प्रभावित लोगों, बल्कि देश भर के नागरिकों के बीच भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है जिसके दूरगामी परिणाम देवभूमि की छवि पर पड़ सकते हैं ।
श्री भट्ट ने विश्वास दिलाते हुए कहा कि जैसे ही सभी एजेंसियों की संयुक्त रिपोर्ट का अंतिम निष्कर्ष सामने आएगा सरकार बिना समय गंवाएं, स्थायी समाधान के काम मे जुट जाएगी । लिहाज़ा सभी लोगों से विशेषकर राजनैतिक पार्टियों से आग्रह है कि प्रभावितों की मदद को आगे आएं लेकिन अपनी प्रतिक्रियाओं में भय दिखाकर, पहाड़ों में भ्रमण को लेकर सामान्य जन में भय न फैलाएं ।