उप्र में रहस्यमय बुखारजन्य 115 मौतों के पीछे चूहें और सूअर?
Uttar Pradesh News: वेस्ट UP में चूहे व सुअर के यूरीन से फैल रही रहस्यमय बीमारी, चार जिलों में अब तक से 115 से ज्यादा मौतें
स्वास्थ्य विभाग के पास इस बीमारी से हुई मौतों का आंकड़ा अभी तक नहीं आया है। डॉक्सीसाइक्लिन दवाई है जो इस बीमारी के इलाज में काम आती है। लेप्टोस्पायरोसिस एक ऐसी बीमारी है, जो हमारे आसपास या हमारे घर में मौजूद जानवरों के कारण फैलती है।
हाइलाइट्स
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में रहस्यमय बीमारी से 115 से ज्यादा मौतें
फिरोजाबाद, मथुरा, सहारनपुर और बागपत में हो रही हैं मौतें
जांच में पता चला कि इस बीमारी का नाम लैक्टोसपैरोसिस है
चूहे और सुअर के यूरीन से तेजी से फैल रही है यह बीमारी
आशीष सुमित मिश्रा, लखनऊ 02 सितंबर।उत्तर प्रदेश में आई रहस्यमयी बीमारी ने लोगों के होश उड़ा दिए हैं। इस बीमारी में अचानक से लोगों का बदन तपने लगता है। इसके बाद शरीर में प्लेटलेट्स गिरती हैं और फिर मरीज की मौत हो जाती है। पूरे प्रदेश भर में अबतक इस बीमारी से करीब 100 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। फिरोजाबाद में 15 दिन में 73 की मौत हो चुकी है जबकि 240 मरीज अस्पताल में भर्ती हैं। वहीं, मथुरा में 10 लोगों की मौत हुई जबकि 60 भर्ती हैं। सहारनपुर में 4 की मौत हो चुकी है, जबकि 60 लोग भर्ती हैं। वहीं, बागपत में 22 लोग इस रहस्यमयी बीमारी के शिकार हो चुके हैं।
केजीएमयू जांच में लैक्टोसपैरोसिस बीमारी आई सामने
स्वास्थ्य महानिदेशक वेदव्रत सिंह ने बताया कि कई लोगों के सैंपल टेस्ट करने के लिए लखनऊ के केजीएमयू अस्पताल में आए। इसमें लैक्टोसपैरोसिस बीमारी पाई गई है। इसके लक्षण सामान्यता डेंगू से ग्रसित मरीजों जैसे ही होते हैं, जो चूहे और सुअर मूत्र के कारण फैल रही है। यदि कोई मनुष्य इसके संपर्क में आता है तो वह इससे संक्रमित हो जाता है।
इस दवाई से होता है बीमारी का इलाज
स्वास्थ्य महानिदेशक ने कहा कि इससे बचने के लिए चूहों को घर से दूर रखें और साफ-सफाई का विशेष ध्यान दें। उन्होंने बताया कि इस बीमारी से 48 लोग संक्रमित पाए गए हैं। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग के पास इस बीमारी से हुई मौतों का आंकड़ा अभी तक नहीं आया है। साथ ही उन्होंने बताया कि इस बीमारी में अगर समय रहते इसका इलाज मिल जाए तो मरने के चान्सेस कम रहते है। डॉक्सीसाइक्लिन दवाई है जो इस बीमारी के इलाज में काम आती है।
जाने क्या है लेप्टोस्पायरोसिस बीमारी
लेप्टोस्पायरोसिस एक ऐसी बीमारी है, जो हमारे आसपास या हमारे घर में मौजूद जानवरों के कारण फैलती है। इतना ही नहीं, यह इन जानवरों से मनुष्यों में ट्रांसफर हो जाती है। यह बीमारी लेप्टोस्पायरा नामक बैक्टीरिया के कारण होती है। इस बैक्टीरिया से संक्रमित जानवर के मूत्र द्वारा प्रदूषित जल के संपर्क में आने से आप लेप्टोस्पायरा बैक्टीरिया की चपेट में आ सकते हैं। बरसात के मौसम में यह बैक्टीरिया अधिक संक्रामक और डरावना हो जाता है, क्योंकि किसी व्यक्ति को कट जाने या घाव होने से उस जगह पर संक्रमण तेजी से फैलने का खतरा बढ़ जाता है। जाहिर तौर पर घर के अंदर रहने वाले पालतू जानवरों द्वारा संक्रमित चूहे के यूरिन को चाटने से वे लेप्टोस्पायरोसिस बीमारी से ग्रस्त हो जाते हैं।
तेज बुखार से हो रही बच्चों की मौत
फिरोजाबाद में डेंगू बुखार की शुरुआत मक्खनपुर क्षेत्र से हुई, लेकिन आज यह महामारी बनकर पूरे जिले में फैल चुका है। कई गांवों और मुहल्लों में बच्चे इसकी चपेट में आकर काल का ग्रास बन चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग के इंतजाम काफी साबित नही हो रहे हैं। लगातार हो रही बच्चों की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जगह-जगह कैंप लगाए जा रहे हैं।
फिरोजाबाद: डेंगू-वायरल से 11 की और मौत, 73 लोग हार चुके हैं जिंदगी से जंग
पिछले दस दिनों में बुखार ने फिरोजााबाद में कहर बरपाया है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें शहर और देहात में मरीजों को दवाइयां मुहैया करा रही हैं। गुरुवार को 11 मरीजों की मौत के बाद अब आंकड़ा 73 तक पहुंच गया है।
सुहागनगरी में गुरुवार को एक ही दिन में 11 लोगों की मौत हो गई। इनमें तीन मासूम भी शामिल हैं। अब जनपद में मृतकों की संख्या 73 हो गई है। हालांकि सरकारी आंकड़ों में मृतकों की संख्या कम है।
मोहल्ला ओझा नगर गली नंबर चार निवासी छह माह की मनु पुत्री मनोज कुमार ने गुरुवार तड़के दम तोड़ दिया। मनु की जांच रिपोर्ट में डेंगू की पुष्टि हुई थी। करीब सात दिन से मनु आगरा के एत्मादपुर स्थित निजी अस्पताल में भर्ती थी। वहीं, ओम नगर निवासी हर्ष कुशवाहा (9 वर्ष) पुत्र पप्पू कुशवाहा की जयपुर ले जाते समय मौत हो गई। उसका रामनगर में निजी चिकित्सक की क्लीनिक पर उपचार चल रहा था। न्यू आंबेडकर नगर निवासी मनीषा देवी (25 वर्ष) पत्नी नीरज जाटव की भी आगरा के निजी अस्पताल में मौत हो गई। मेडिकल कॉलेज में भर्ती नहीं कराने पर परिजन महिला को आगरा ले गए थे। उसकी जांच में भी डेंगू की पुष्टि हुई थी।
अस्पताल में बेटी
पति नीरज ने बताया कि 28 अगस्त को भतीजे की भी डेंगू से मौत हुई थी और अब बेटी अंजलि भी आगरा के एक अस्पताल में जिंदगी से संघर्ष कर रही है। आनंद नगर ककरऊ निवासी शुभम यादव (12 वर्ष, पुत्र प्रवेश यादव), हिमांयूपुर पथवारी माता मंदिर वाली गली निवासी मानव (10 वर्ष, पुत्र कुलदीप) की भी आगरा आगरा के एक निजी अस्पताल में मौत हो गई। वहीं परशुराम कॉलोनी निवासी चंद्रभान के डेढ़ माह के बालक की मौत हो गई। चंद्रभान ने बताया कि बच्चे के चेहरे पर लाल चक्कते पड़ गए थे।
मोहल्ले में खलबली
करबला गली नंबर छह निवासी डेढ़ माह के ऋषभ पुत्र गुड्डू ने भी बुधवार देर रात दम तोड़ दिया। बच्चे को सौ शैय्या अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आजाद नगर निवासी कन्हैयालाल (25 वर्ष) सूबेदार की घर पर मौत हुई। आरोप है कि कन्हैयालाल को जिला अस्पताल में भर्ती ही नहीं किया गया। मक्खपुर के गांव नगला मवासी में मुस्कान (12 वर्ष) पुत्री बाबी राजपूत और नगला अमान की कामना यादव (17) पुत्री धर्मेंद्र यादव की भी मौत हो गई। धर्मेंद्र ने बताया कि कल रात कामना को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था, लेकिन रात में तबीयत बिगड़ने पर उसे जबरन रेफर कर दिया गया। सरस्वती नगर की नैन्सी सक्सेना (5) ने भी दम तोड़ दिया।
मथुरा में बुखार का कहर: 15 दिन में 11 बच्चों सहित 17लोगों की मौत, लड़खड़ाई स्वास्थ्य व्यवस्था
लड़खड़ाई स्वास्थ्य व्यवस्था के कारण मथुरा में वायरल, डेंगू के बाद बुखार का कहर बढ़ रहा है। फरह के गांव कोह से शुरू हुआ मौत का सिलसिला जचौंदा होते हुए नौहझील के नावली तक पहुंच गया है। गांव-गांव सैकड़ों लोग बीमार हैं। केंद्रीय और प्रदेश स्तर की टीमें कोह में डेरा डाले हुए हैं। हर दिन सैकड़ों लोगों के सैंपल भेजे जा रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग अभी तक इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सका है कि मौत किस बीमारी से हो रही है। पिछले 15 दिन में बुखार से मरने वालों की संख्या 17 तक पहुंच गई है। इनमें 11 बच्चे शामिल हैं। बीते 16 अगस्त से फरह के गांव कोह में बीमारी से लोगों के मरने का सिलसिला शुरू हुआ। गांव कोह में तीन दिन में छह बच्चों सहित आठ लोगों की बुखार से मौत हो गई। गुरुवार तक 11 बच्चों और एक महिला की मृत्यु हो चुकी है। कोह और पिपरौठ में सौ से अधिक लोगों में डेंगू के लक्षण मिले हैं। वहीं कोह में स्क्रब टाइफस के 26 मरीजों के अलावा बुधवार को 42 मरीजों में लेप्टोस्पायरोसिस की पुष्टि हुई है।
मथुरा: सीएमओ से बातचीत के दौरान ग्रामीण
गोवर्धन के जचौंदा और सकरवा में भी बुखार ने कहर बरपा रखा है। जचौंदा में दो पुरुष, एक महिला और एक दो वर्ष के बच्चे की मौत बुखार से हो चुकी है। जबकि सौ से अधिक लोगों में डेंगू और वायरल के लक्षण मिले हैं। वहीं नौहझील के गांव नावली में बीते पांच दिन में दो ग्रामीण जान गवां चुके हैं। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर.रचना गुप्ता ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग बीमारी को नियंत्रण करने में लगा है।
ग्रामीणों ने दिया धरना
गांव कोह में गुरुवार को एक और बच्चे की मौत हो गई। इलाज की समुचित व्यवस्था न होने पर भड़के ग्रामीण धरने पर बैठ गए अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान पहुंचीं मुख्य चिकित्साधिकारी का घेराव भी कर लिया और पुलिस से नोकझोंक भी हो गई। बाद में भाजपा विधायक कारिंदा सिंह के आश्वासन पर धरना समाप्त किया। उधर, स्वास्थ्य विभाग बीमारी पर कंट्रोल नहीं कर पा रहा है और बीमार लोगों को पेरासिटामोल देकर इतिश्री कर रहा है। कोह में मरने वालों की संख्या अब तक 11 हो चुकी है।
ग्रामीणों से बात करते विधायक करिंदा सिंह
गांव कोह निवासी राजा (12 वर्ष, पुत्र हरिश्चंद्र ) की आगरा के एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। मृतक बालक के पिता हरिश्चंद्र ने बताया कि बच्चे के पेट में दो दिन से दर्द था। फरह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर ने दो टैबलेट दी थीं। इसके बाद भी बच्चे की तबियत बिगड़ती चली गई। आगरा में उपचार के दौरान बृहस्पतिवार को बेटे ने दम तोड़ दिया।
बच्चे के दाह संस्कार के बाद आक्रोशित ग्रामीण प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ धरने पर बैठ गए। ग्रामीणों का कहना था कि गांव में धड़ाधड़ मौतें हो रही हैं। इलाज की समुचित व्यवस्था तक न हो सकी। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर. रचना गुप्ता का गांव पहुंचने पर घेराव भी किया। वहीं, गांव पहुंचे दो सिपाहियों से ग्रामीणों की नोकझोंक भी हो गई। भाजपा विधायक कारिंदा सिंह भी पहुंच गए और ग्रामीणों को समझाकर धरना समाप्त कराया। ग्रामीणों ने बताया कि कोह में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है। सैकड़ों लोग बुखार से पीड़ित हैं। वहीं, जिले में 40 लोगों में डेंगू की पुष्टि स्वास्थ्य विभाग ने की है।
जचौंदा में बृहस्पतिवार को 11 मरीज, जिनमें नीलम (35) पत्नी विजय सिंह, हरदयाल (44 वर्ष) पुत्र मोहर सिंह, सोहन सिंह (65 वर्ष) पुत्र चरण सिंह, पालेंद्र (36 वर्ष) पुत्र सादु, रोतान (62 वर्ष) पुत्र चरण सिंह, दानी (74 वर्ष, पुत्र हरिभजन), दानीराम (45 वर्ष) राम प्रसाद, महेंद्र (72) पुत्र देवीचंद्र, भगवत (25) पुत्र कैलाश, सोनियां (12) पुत्री धीरेंद्र, सरोज (35) पत्नी जगदीश आदि की जांच में डेंगू की पुष्टि स्वास्थ्य विभाग ने की है। विजय राघव ने बताया कि पिंकी, कनिष्का, सीमा, गोविन्द, भूपेंद्र को बृहस्पतिवार को मथुरा के निजी अस्पताल में भर्ती कराया है।
जगह-जगह लगे गंदगी के ढेर
बीमारी फैलने का मुख्य कारण गांव में व्याप्त गंदगी है। जचौंदा में सड़क किनारे गंदगी के ढेर लगे हैं। नालियों का गंदा पानी सड़कों पर बह रहा है। लोग गंदे पानी से होकर निकलने पर मजबूर हैं। विजय ने बताया कि गांव में एक दिन सफाई व्यवस्था की गई थी। उसके बाद यहां कोई सफाई कर्मी नहीं आया। नालियों का गंदा पानी रास्ते में बह रहा है।