उत्तराखंड कोरोना 11अगस्त : नये केस 40, ठीक हुए 48, सक्रीय केस 435

उत्तराखंड में कोरोना: बुधवार को 40 नए संक्रमित मिले, एक मरीज की मौत, 48 हुए ठीक
टिहरी जिले में बुधवार को एक भी संक्रमित मरीज सामने नहीं आया है। वहीं, संक्रमितों का रिकवरी रेट 95.96 फीसदी पहुंच गया है।
उत्तराखंड में बीते 24 घंटे में 40 नए कोरोना संक्रमित मिले हैं। वहीं, एक मरीज की मौत हुई है। जबकि 48 मरीजों को ठीक होने के बाद घर भेजा गया। वहीं, सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 435 पहुंच गई है।

 

स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, बुधवार को 20307 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। टिहरी जिले में एक भी संक्रमित मरीज सामने नहीं आया है। वहीं, अल्मोड़ा, चंपावत, नैनीताल, रुद्रप्रयाग और ऊधमसिंह नगर में दो-दो, बागेश्वर में आठ, चमोली में चार, देहरादून में सात, हरिद्वार में तीन, पौड़ी और उत्तरकाशी में एक-एक व पिथौरागढ़ में छह संक्रमित सामने आए हैं।

प्रदेश में अब तक कोरोना के कुल संक्रमितों की संख्या 342502 हो गई है। इनमें से 328658 लोग ठीक हो चुके हैं। प्रदेश में कोरोना के चलते अब तक कुल 7369 लोगों की जान जा चुकी है।

ब्लैक फंगस के तीन मरीज स्वस्थ

प्रदेश में बुधवार को ब्लैक फंगस का कोई नया मरीज नहीं मिला है, न ही किसी मरीजों की मौत हुई है। जबकि एम्स ऋषिकेश में भर्ती तीन मरीजों को ठीक होने के बाद घर भेजा गया है। प्रदेश में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या 570 हो गई है। वहीं, अब तक 130 मरीजों की मौत हो चुकी है, जबकि 274 मरीज ठीक हुए हैं।

केंद्र से मिली वैक्सीन की डोज

केंद्र सरकार से नियमित रूप से कोविड वैक्सीन की डोज मिलने से राज्य में टीकाकरण की रफ्तार बढ़ रही है। मंगलवार को केंद्र से एक लाख टीके राज्य को मिले। आज 72 हजार कोविशील्ड और 30 हजार कोवाक्सिन की खेप और मिलेगी।

राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डॉक्टर कुलदीप मर्तोलिया ने बताया कि प्रदेश में वैक्सीन की कमी नहीं है। केंद्र सरकार की ओर से लगातार वैक्सीन उपलब्ध कराई जा रही है।

वहीं, केंद्र सरकार से एक लाख वैक्सीन की डोज मिली है। बुधवार को एक लाख से अधिक वैक्सीन राज्य को मिलेगी। प्रदेश में अब तक 67 लाख से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। 18 से 44 आयु वर्ग में 26.22 लाख से अधिक को पहली और 1.29 लाख लोगों को दूसरी डोज लगाकर टीकाकरण पूरा किया जा चुका है।

कुंभ में कोविड जांच फर्जीवाड़ा: दो दिन बाद जिलाधिकारी को मिल जाएगी जांच रिपोर्ट

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच हुए कुंभ में कोरोना टेस्टिंग का बड़ा घोटाला सामने आया था। इसमें बड़ी संख्या में  लोगों के फर्जी नंबर अपलोड किए गए थे। प्रथम दृष्टया जांच में रिपोर्ट में अनियमितताएं मिलने पर तत्कालीन जिलाधिकारी सी रविशंकर ने सीडीओ सौरभ गहरवार की अध्यक्षता में जांच टीम का गठन किया था।
ज्ट्रेंे

कुंभ में कोविड जांच फर्जीवाड़े की जांच रिपोर्ट लगभग तैयार हो चुकी है। जांच के दौरान एक लाख संदिग्ध मोबाइल नंबरों का सत्यापन किया गया है जिनमें काफी गड़बड़झाला सामने आने की बात कही जा रही है। मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) सौरभ गहरवार का कहना है कि जांच रिपोर्ट दो दिन बाद शुक्रवार को जिलाधिकारी को सौंप दी जाएगी।

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच हुए कुंभ में कोरोना टेस्टिंग का बड़ा घोटाला सामने आया था। इसमें बड़ी संख्या में  लोगों के फर्जी नंबर अपलोड किए गए थे। प्रथम दृष्टया जांच में रिपोर्ट में अनियमितताएं मिलने पर तत्कालीन जिलाधिकारी सी रविशंकर ने सीडीओ सौरभ गहरवार की अध्यक्षता में जांच टीम का गठन किया था। जिसमें जिला विकास अधिकारी पुष्पेंद्र सिंह चौहान और मुख्य कोषाधिकारी नीतू को जांच समिति का सदस्य नामित किया था। जांच कमेटी को 15 दिन में जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन दो माह का समय गुजर आने के बाद भी जांच रिपोर्ट डीएम को नहीं दी जा सकी है।

अब बताया जा रहा है कि जांच रिपोर्ट में संदिग्ध एक लाख के आसपास मोबाइल नंबरों का सत्यापन कर रिपोर्ट लगभग तैयार की जा चुकी है। इसके साथ ही जांच जुड़े लोगों के बयान भी दर्ज किए जा चुके हैं। इससे मोबाइल नंबरों की सत्यापन रिपोर्ट और लोगों के बयानों के आधार पर रिपोर्ट का निष्कर्ष निकाला जा रहा है। जिससे जांच रिपोर्ट को अंतिम रूप देकर जारी किया जा सके। मुख्य विकास अधिकारी सौरभ गहरवार ने बताया कि जांच रिपोर्ट तैयार है। बस उसमें कुछ तथ्यों को जोड़ना बाकी है। वह भी आजकल मिल जाएंगे। दो दिन बाद जांच रिपोर्ट डीएम को दे दी जाएगी।

आरोपितों के रिश्तेदारों के घरों पर मारे छापे

कोरोना जांच फर्जीवाडे़ में नामजद किए गए मैक्स कारपोरेट सर्विस के पार्टनर शरत व मल्लिका पंत के रिश्तेेदारों के यहां पर एसआईटी की टीम ने छापेमारी की। एसआईटी की दो टीमें नोएडा व नैनीताल में डेरा डाले हुए हैं। इसके साथ ही आरोपितोंों गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश भी दी जा रही हैं।

महाकुंभ 2021 के दौरान धर्मनगरी में आने वाले श्रद्धालुओं की कोविड जांच में हुए फर्जीवाड़े के बाद मैक्स कारपोरेट सर्विस के पार्टनर शरत और मल्लिका पंत को मुकदमे में नामजद करते हुए उनकी गिरफ्तारी के प्रयास शुरू कर दिए थे। एसआईटी की टीम को उनकी लोकेशन नोएडा व नैनीताल में मिली थी। जब तक एसआईटी की टीम नैनीताल पहुंची तो आरोपी वहां से निकल चुके थे।

इसके साथ ही नोएडा में पहुंचने के बाद उनके फोन भी बंद आ रहे थे। इसके साथ ही एसआईटी ने आरोपियों की कुर्की व एनबीडब्लू वारंट लेने के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था। एसआईटी की अलग-अलग दो टीमें पिछले दो दिनों से नैनीताल व नोएडा में डेरा डाले हुए है। इसके साथ ही आरोपियों के रिश्तेदारों के घरों पर भी छापेमारी की जा रही है। जांच अधिकारी राजेश शाह ने बताया कि एसआईटी की दो टीमें लगातार कार्रवाई कर रही है।

सरकार को स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश

नैनीताल हाईकोर्ट ने हरिद्वार कुंभ मेले में कोरोना टेस्टिंग में फर्जीवाड़े के आरोपित मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज के सर्विस पार्टनर शरत पंत व मलिका पंत की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद सरकार को 20 अगस्त तक स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए हैं। याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट को बताया कि पुलिस उनको गिरफ्तार करने जा रही है जबकि वे आईओ के समक्ष जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं।

अभी तक वे आईओ के सामने पांच बार पेश हो चुके हैं और अरनेश कुमार बनाम बिहार राज्य का निर्णय उनके पक्ष में है। इसलिए कोर्ट के पूर्व के आदेश को बरकरार रखा जाए। पूर्व में इस संबंध में सरकार ने पूर्व के आदेश को वापस लेने संबंधी प्रार्थना पत्र दायर किया था, जिसे कोर्ट ने निरस्त कर याचिका को निस्तारित कर दिया था।

न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मैक्स के पार्टनर शरत पंत व मल्लिका पंत ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि वह मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेस में सर्विस प्रोवाइडर हैं। कोरोना टेस्टिंग मामले में परीक्षण और डेटा प्रविष्टि के दौरान मैक्स कॉरपोरेट का कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था। परीक्षण और डेटा प्रविष्टि का सारा काम स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की प्रत्यक्ष निगरानी में किया गया था। अधिकारियों की मौजूदगी में परीक्षण स्टालों ने जो कुछ भी किया था उसे अपनी मंजूरी दे दी। अगर कोई गलत कार्य कर रहा था तो कुंभ मेले की पूरी अवधि के दौरान अधिकारी चुप क्यों रहे।

सीएमओ हरिद्वार ने पुलिस में मुकदमा दर्ज करते हुए आरोप लगाया था कि कुंभ मेले के दौरान इनके द्वारा अपने को लाभ पहुंचाने के लिए फर्जी तरीके से टेस्ट कराए गए। कोर्ट ने पूर्व में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय अरनेश कुमार बनाम बिहार राज्य के आधार पर इनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी। निर्णय में सात साल से कम सजा वाले केस में गिरफ्तार नहीं करने व जांच में सहयोग करने के दिशा निर्देश दिए गए थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *