उत्तरकाशी सुरंग अपडेट:6 विकल्पों पर काम,सुरंग सफाई लगी बेहतर
Uttarkashi Rescue Emphasis On Evacuation Through Main Tunnel Only Safest And Biggest Hope Army Helping
दिन बढ़ने के साथ अब बढ़ रही धड़कनें, 41 श्रमिक निकालने को 6 प्लान पर चल रहा काम
उत्तरकाशी सुरंग में फंसे 41 श्रमिक निकालने की 6 योजनाओं पर लगातार काम चल रहा है। होरिजेंटल ड्रिलिंग में आई बाधाओं के बाद अब वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू हुई है। पहाड़ के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग पूरा होने में चार दिन लगने की संभावना है। 200 मिलीलीटर व्यास का पाइप सुरंग तक पहुंचाने की तैयारी है।
मुख्य बिंदु
उत्तरकाशी सुरंग में फंसे 41 श्रमिक निकालने को अब मैनुअल ड्रिलिंग की तैयारी
स्केप टनल के निर्माण की योजना पर तेजी से काम करने पर जोर,मजदूरों का ख्याल
प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव पीके मिश्रा और केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने लिया जायजा,श्रमिकों का हाल जाना, उत्तराखंड के मुख्य सचिव भी मौजूद
उत्तरकाशी27 नवंबर: उत्तराखंड के उत्तरकाशी सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को निकालने की योजना पर लगातार काम चल रहा है। चार धाम ऑल वेदर रोड में उत्तरकाशी के सिल्क्यारा में बनाई जा रही सुरंग में श्रमिक 16 दिन से फंसे हैं। उन्हें निकालने के सभी 6 विकल्पों पर काम तेजी से चल रहा है। हालांकि, बचाव कार्य में लगी एजेंसियां अभी भी मुख्य सुरंग से श्रमिक निकालने पर जोर दे रही हैं। इसे सबसे सुरक्षित माना जा रहा है। मुख्य सुरंग में जमा मलबे में टेलीस्कोपिक विधि से एस्केप टनल का निर्माण हो रहा है। करीब 48.6 मीटर तक 800 मिलीमीटर एस्केप टनल का निर्माण हो चुका।
मैन्युअल ड्रिलिंग को सुरंग में जा चुकी है रैट माइनर टीम, 2 घंटे में 1 मीटर की है रफ्तार
सिलक्यारा पहुंचे उड़ीसा के श्रम मंत्री शारदा प्रसाद नायक
उड़ीसा के श्रम मंत्री शारदा प्रसाद नायक सिलक्यारा सुरंग निरीक्षण को पहुंचे। वह खोज बचाव टीम अधिकारियों से बैठक कर रहे हैं। उड़ीसा के पांच श्रमिक सुरंग में फंसे हैं। उड़ीसा टीम 15 दिनों से सिलक्याला में है।
सिलक्यारा सुरंग पहुंची जिला सेवा प्राधिकरण की टीम
जिला सेवा प्राधिकरण की टीम भी सिलक्यारा सुरंग पहुंची है। टीम में जिला सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष एव जिला जज और प्राधिकरण की सचिव भी शामिल हैं,जो सिलक्यारा सुरंग में निरीक्षण को पहुंचे हैं।
सुरंग में मैन्युअल ड्रिलिंग को जा चुकी रैट माइनर की टीम
रैट माइनर की टीम सुरंग में मैन्युअल ड्रिलिंग को जा चुकी है। इस टीम में राकेश राजपूत,प्रसाद लोधी,बाबू दामोर, भूपेंद्र राजपूत और जैत राम हैं। एस्केप टनल में दो रैट माइनर जाएंगे। इस तरह के खोज बचाओ अभियान में यह टीम पहली बार शामिल हो रही है।
चर्चा का विषय बनी सुरंग के मुहाने पर स्थापित बौखनाग के मंदिर की पहाड़ी पर उभरी आकृति
सुरंग के मुहाने पर स्थापित बाबा बौखनाग के मंदिर की पहाड़ी पर उभरी आकृति चर्चा का विषय बनी है। आकृति देवता के रूप में उभरी है। जल रिसाव से उभरी आकृति देवता का आभास करा रही है जिसके हाथ में कोई हथियार या कोई अन्य दिव्य वस्तु है। इसे शुभ संकेत समझा जा रहा है।
मैन्युअल ड्रिलिंग के शुरू होने पर 24 से 36 घंटे में सुरंग से बाहर होंगे मजदूर!
मैन्युअल ड्रिलिंग शुरू हो रही है जिसमें रैट माइनर की टीम के साथ सेना इंजीनियरिंग रेजीमेंट भी सहयोग करेगी। बीआरओ के जनरल हरपाल सिंह ने कहा कि कोई बाधा नहीं आई तो, 24 से 36 घंटे में सुरंग में फंसे श्रमिकों का सकुशल बचाव हो जाएगा।
बचाव कार्य का निरीक्षण करने पहुंचे प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा व गृह सचिव अजय भल्ला
आज खोज बचाव कार्य का निरीक्षण करने पहुंचे प्रमुख सचिव प्रधानमंत्री पीके मिश्रा और केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला सिलक्यारा में स्थिति का मूल्यांकन और अधिकारियों से बैठक कर लौट गये हैं। केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह तो यहां डेरा डाले हुए हैं ही। बीआरओ के लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह ने कहा कि वर्टिकल ड्रिलिंग 31 मीटर हो चुकी है। 8 एमएम का पाइप 70 मीटर ड्रिल हुआ है यह पाइप भी वर्टिकल ड्रिलिंग में लाइफ लाइन को डाला जा रहा है। सुरंग में एस्केप टनल का डेढ़ मीटर हिस्सा भी कटा है,जो औगर ड्रिलिंग में क्षतिग्रस्त हो गया था। उत्तराखंड के मुख्य सचिव डॉक्टर सुरजीत सिंह संधु भी मौजूद है।
बचाव कार्य में लगी एजेंसियां स्केप टनल को सबसे सुरक्षित और सबसे अधिक तेजी से श्रमिकों तक पहुंचने का विकल्प मान रही है। इस योजना पर लगातार फोकस है। सेना की मदद से मजदूरों को निकालने की योजना है। बीआरओ के पूर्व महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह ने स्केप टनल के निर्माण पर बड़ा अपडेट दिया कि ऑगर मशीन के ब्लेड निकाल लिए हैं। खराब पाइप निकाला जा रहा है। शुक्रवार 24 नवंबर रात ऑगर मशीन का ब्लेड मलबे के स्टील में फंस कर टूट गया था। इससे ऑगर मशीन से खुदाई का काम रोकना पड़ा। मशीन के ब्लेड के साथ पाइप भी मलबे में फंसा था। अब इन्हें निकाला जा रहा है। इसके अलावा इसमें सेना की मदद ली जा रही है। वर्टिकल टनल का निर्माण, मैनुअल खुदाई और मशीनों से खुदाई के विकल्पों पर भी काम हो रहा है। इन छह विकल्पों से 41 जानें बचाने की कोशिश हो रही है।
बीआरओ के पूर्व महानिदेशक का बड़ा बयान
सिल्क्यारा टनल के रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे बीआरओ के पूर्व महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह का कहना है कि स्केप टनल ही रेस्क्यू ऑपरेशन को तेज गति से आगे बढ़ाने का सबसे सही तरीका है। वर्टिकल ड्रिलिंग भी हो रही है। वर्टिकल ड्रिलिंग के साथ 200 मिलीमीटर की पाइप डाली जा रही है। अब तक 70 मीटर तक पाइप ड्रिल करने में मदद मिली है। इसके बाद भीतर से मलबा निकालने के बाद आगे की खुदाई की तैयारी है। वर्टिकल ड्रिलिंग पूरी होने में चार दिनों का समय लग सकता है।
श्रमिकों के स्वास्थ्य का ख्याल
टनल में फंसे मजदूरों को बेहतर स्थिति में रखने का पूरा प्रयास हो रहा है। अब तक वे मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत दिख रहे हैं। मजदूरों के खान-पान का विशेष ख्याल रखा जा रहा है। मजदूरों को सत्तू के लड्डू बनाकर भेजे गए हैं। 41 पैकेट लड्डू भेजे गए हैं। इसके साथ-साथ दलिया और उबले अंडे भी भेजे गए हैं.