द कश्मीर फाइल्स के मुकाबले बॉलीवुड की रणनीति क्या है?

The Kashmir Files की तारीफ़ करने वालों में अब अभिषेक भी, इन सितारों की पॉलिटिक्स क्या है?

अभिषेक बच्चन की नई फिल्म दसवीं आने वाली है. इस बीच उन्होंने एक इंटरव्यू में द कश्मीर फाइल्स की तारीफ़ की है. आमिर खान तापसी ने भी तारीफ़ की थी. आखिर इनके पीछे क्या है? आइए जानते हैं.
कश्मीर घाटी में आतंकवाद के बेइंतहा जुल्म को दिखाने वाली द कश्मीर फाइल्स को तमाम लोगों ने एक प्रोपेगेंडा फिल्म करार दिया है. हालांकि कोरोना के बाद के हालात में यह बॉलीवुड की इकलौती फिल्म है जिसके तूफानी कारोबार ने लोगों को हैरान कर दिया है. विवेक अग्निहोत्री के निर्देशन में बनी फिल्म ने मात्र तीन हफ्ते के अंदर ही देश भर से 238.28 करोड़ रुपये (वैश्विक कमाई 500+ करोड ) का कारोबार निकाला है. महामारी के बाद सिनेमाघरों में सबसे ज्यादा कमाने वाली बॉलीवुड की फिल्म बन चुकी है. फिल्म के करिश्माई बिजनेस के बाद बॉलीवुड के सितारों ने उसकी तारीफों में कसीदें गढ़ने शुरू कर दिए हैं.

ये वो सितारे हैं जो कथित आइडियोलॉजी की वजह से खुद को विवेक या उन जैसे फिल्मकारों के साथ जोड़ने में असहज महसूस करते रहे हैं. आमिर खान हों या पीयूष मिश्रा से तापसी पन्नू तक, तमाम एक्टर्स इसमें शामिल हैं जिन्होंने फिल्म की तारीफ़ की है. इस कड़ी में नया नाम अभिषेक बच्चन का है. अभिषेक ने भी एक इंटरव्यू में कहा- “हालांकि मैंने फिल्म नहीं देखी है, लेकिन मुझे एक भी ऐसा शख्स नहीं मिला जिसने फिल्म (TKF) को खराब कहा हो. फिल्म का बिजनेस बताता है कि इसे लोग देख रहे हैं. खराब फिल्मों को लोग नहीं देखते.” तारीफ़ करने वालों की लाइन लगभग अभिषेक वाली ही है.

अभिषेक बच्चन और अनुपम खेर.

अब सवाल है कि द कश्मीर फाइल्स के बिजनेस के आधार पर जिस तरह सितारे फिल्म को पब्लिक मैंडेट करार दे रहे- क्या यह बॉलीवुड की मुख्यधारा के बदलाव का संकेत है या इसके पीछे कुछ और है. आखिर इन प्रतिक्रियाओं को किस तरह लिया जाए. क्या बॉलीवुड अपने कंटेंट में बदलाव के लिए तैयार हो गया है. या फिर जमे जमाए अभिनेता बस वक्त के हिसाब से नई बयार पर सवार होकर बतौर एक्टर अपनी गुंजाइश बनाए रखना चाहते हैं और द कश्मीर फाइल्स की के बहाने मजबूत नजर आ रहे ‘जनज्वार’ को भुनाना चाहते हैं?

द कश्मीर फाइल्स को लेकर बॉलीवुड सितारों की पॉलिटिक्स क्या है?

इसमें कोई शक नहीं कि बॉलीवुड ऐतिहासिक करवट ले रहा है. ठीक वैसे ही जैसे देश की राजनीति ने साल 2014 में करवट ले लिया था. हालांकि अगले कुछ महीनों या सालों में बॉलीवुड के जमे जमाए निर्माता निर्देशकों और अभिनेताओं के प्रोजेक्ट को देखकर ही इस बारे में ज्यादा कुछ साफ-साफ़ कहा जा सकता है. मगर जहां तक बात बॉलीवुड के सितारों की है- फिलहाल तो वे ‘जनावेग’ को भुनाने से ज्यादा कोशिश करते नहीं दिख रहे. आमिर हों तापसी या अभिषेक- उनके बयानों की टाइमिंग और मौजूदा सक्रियता से यह समझना मुश्किल नहीं है. सितारों की तरफ से फिल्म को सपोर्ट करने का एक पहलू यह भी है कि कंगना रनौत को छोड़कर बॉलीवुड के किसी भी टॉप एक्टर ने सीधे-सीधे फिल्म की तारीफ़ नहीं की है. कंगना की तारीफ़ को भी उनकी मौजूदा वैचारिकता के दायरे में ही देखा जाना चाहिए जो स्वाभाविक लगता है.

मगर बात जहां तक दूसरे सितारों की है- किसी भी बड़े कलाकार ने द कश्मीर फाइल्स को स्वाभाविक रूप से सपोर्ट नहीं किया. जबकि यही सितारे अपने सोशल पेजेज पर इंडस्ट्री की अन्य फिल्मों को सहज प्रमोट करते नजर आते हैं. आमिर, तापसी और अभिषेक को ही लें तो उनके सोशल पेज पर द कश्मीर फाइल्स का कोई जिक्र नहीं दिखता है. जबकि ठीक उसी वक्त आई दूसरी तमाम फिल्मों, उनके ट्रेलर को सपोर्ट करने वाले ट्वीट आसानी से मिल जाएंगे. अभिषेक पिता अमिताभ बच्चन की फिल्म को इंडोर्स करते दिखते हैं. दूसरी और फ़िल्में भी. दूसरे कलाकार भी कुछ-कुछ ऐसा ही करते नजर आएंगे. अक्षय कुमार जैसे सितारे सपोर्ट भी करते हैं तो खुद को बचाते हुए. अमिताभ बच्चन की तो एक फिल्म के संवाद को लेकर ही सोशल मीडिया पर जमकर टांग घसीटी हुई जिसमें उन्हें कहते देखा सुना जाता है कि कश्मीर की खोज के लिए सभ्यता मुगलों की अहसानमंद है। बच्चन ने घुमा फिरा कर संभवतः द कश्मीर फाइल्स के संदर्भ में ही बिना फिल्म का नाम लिये ट्वीट किया कि पहले हम नहीं जानते थे जो अब जानते हैं।

द कश्मीर फाइल्स पर भाजपाई अजय का पेज भी खामोश और अक्षय भी बहुत कूटनीतिक दिखें

अक्षय ने द कश्मीर फाइल्स के बारे में सीधे-सीधे कुछ नहीं लिखा. बल्कि अनुपम खेर के एक ट्वीट को रीट्वीट किया और फिल्म में उनकी परफोर्मेंस को लेकर हो रही चर्चा का जिक्र किया. इसके साथ ही उन्होंने सिनेमाघर तक फिल्म देखने आ रही दर्शकों की भीड़ का जिक्र किया और बताया कि वे भी जल्द ही फिल्म को देखेंगे. आखिर में उन्होंने अपनी बात ‘जय अंबे’ के जयघोष के साथ ख़त्म किया. अक्षय ने ट्वीट में सिर्फ अनुपम को टैग किया था. अजय देवगन ने फिल्म को लेकर किसी भी तरह का ट्वीट नहीं किया है. जबकि अक्षय और अजय बॉलीवुड के दो ऐसे बड़े कलाकार हैं जिन्हें हमेशा संघ और बीजेपी से ही जोड़कर देखा जाता है. अजय ने तो बाकायदा भाजपा का सार्वजनिक सपोर्ट तक किया है.

अब फिल्म की टाइमिंग और सितारों के सोशल पेज को देखते हैं तो अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं कि द कश्मीर फाइल्स के लिए बहुतायत बड़े सितारों की प्रतिक्रिया सहज या स्वाभाविक नहीं है. असल में उनसे सवाल पूछा गया तब उन्होंने जवाब दे दिया. ये अलग बात है कि जिन इवेंट्स में उन्होंने कश्मीर फाइल्स की तारीफ़ की वहां किसी दूसरे प्रोजेक्ट को इंडोर्स करने पहुंचे थे. लेकिन सुर्खियां उन्हें कश्मीर फाइल्स के जरिए मिली. असल में अक्षय, अनुपम खेर या फिल्म की तारीफ़ नहीं कर रहे थे बल्कि विवेक की फिल्म के ठीक एक हफ्ते बाद आ रही अपनी फिल्म बच्चन पांडे को प्रमोट कर रहे थे जो दुर्भाग्य से फ्लॉप हो गई.

द कश्मीर फाइल्स पर चुप्पी को लेकर लगातार सवालों का सामना कर रहे हैं सितारे

आमिर खान भी लाल सिंह चड्ढा के लिए माहौल बना रहे हैं, क्योंकि कश्मीर फाइल्स को प्रमोट करने वाली सोशल लॉबी ने आमिर की फिल्मों के खिलाफ लंबे वक्त से मोर्चा खोला हुआ है. तापसी भी अपने काम को प्रमोट कर रही थीं. अभिषेक भी द कश्मीर फाइल्स की बोतल में अपनी अपकमिंग फिल्म दसवीं बेचने की कोशिश कर रहे थे. सितारों को ऐसा लग रहा होगा कि वे ज्यादा स्मार्ट हैं. लेकिन अगर किसी फिल्म के प्रमोशन को लेकर उनकी सोशल मीडिया पर एक्टिविटी देखें तो आम लोग उन्हें अलग ही रूप में ले रहे हैं.

उदाहरण के लिए अमिताभ ने बेटे समेत अब तक जितनी भी फिल्मों को अपने सोशल पेज पर प्रमोट किया है उन सबमें एक कॉमन चीज है. कमेंट बॉक्स में आम यूजर महानायक से द कश्मीर फाइल्स के बारे में चुप्पी को लेकर सवाल पूछ रहा है. फिल्म प्रमोशनल से जुड़ी अन्य सितारों की तमाम सोशल पोस्ट में इसे आसानी से खंगाला जा सकता है. जहां तक बात द कश्मीर फाइल्स की है तो जनता ने इसे अपने कंधों पर बिठाकर सक्सेसफुल बनाया है. फिल्म के साथ आम दर्शकों की भावनाएं जुड़ी हैं और इसकी सफलता को जनादेश करार दिया जा सकता है.

लग तो यही रहा है कि जनादेश के लिए जो ज्वार उमड़ा है बम्बइया सितारे उस भावुकता को भुनाने की कोशिश कर रहे हैं और कारोबारी फायदे के लिए फिल्म के साथ खुद को जोड़ रहे हैं.

ये तो हुए लें जो दाऊद इब्राहिम फाइनैंस्ड फिल्मों में चेहरा दिखा अपनी आजीविका कमाते हैं और इनकी प्रतिक्रियायें भी इसी इकोसिस्टम की डरी हुई अभिव्यक्ति हैं लेकिन बेधड़क फिल्मकार राम गोपाल वर्मा ने फिल्म देखी भी और एक फिल्म क्राफ्ट मैन की हैसियत से अपनी मौलिक विस्तृत प्रतिक्रिया भी दी जिसे विवेक रंजन अग्निहोत्री ने स्वीकार भी किया-

The Kashmir Files देख बोले राम गोपाल वर्मा- ‘नफरत हो गई’, विवेक अग्निहोत्री ने दी प्रतिक्रिया

राम गोपाल वर्मा ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ पर दी प्रतिक्रिया. (फोटो साभारः इंस्टाग्रामः @vivekagnihotri)
राम गोपाल वर्मा ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ पर दी प्रतिक्रिया. (फोटो साभारः इंस्टाग्रामः @vivekagnihotri)
विवेक अग्निहोत्री (Vivek Agnihotri) ने ट्विटर पर राम गोपाल वर्मा (Ram Gopal Varma) का यह वीडियो शेयर किया है. वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने इस पर प्रतिक्रिया भी दी है. उन्होंने राम गोपाल वर्मा के वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा- ‘राम गोपाल वर्मा आप द कश्मीर फाइल्स (The Kashmir Files) से नफरत करते हैं और इसलिए मैं आपसे प्यार करता हूं.’ ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए राम गोपाल वर्मा ने फिर द कश्मीर फाइल्स की तारीफ की है.

विवेक अग्निहोत्री (Vivek Agnihotri) की ‘द कश्मीर फाइल्स’ (The Kashmir Files) पर अब तक कई सितारे प्रतिक्रिया दे चुके हैं. अब फिल्म निर्माता राम गोपाल वर्मा (Ram Gopal Varma) ने भी विवेक अग्निहोत्री की फिल्म पर रिएक्शन दिया है, वह भी बिलकुल अलग अंदाज में. 59 वर्षीय ने 1990 में कश्मीरी पंडितों के पलायन से प्रेरित फिल्म पर अपना रिव्यू शेयर (Ram Gopal Varma Review reaction on The Kashmir Files) किया है. वर्मा ने अपने अनोखे अंदाज में एक यूट्यूब वीडियो में द कश्मीर फाइल्स की तारीफ की है. राम गोपाल वर्मा का कहना है कि उन्हें ये फिल्म इतनी पसंद आई कि उन्हें इससे ‘नफरत’ हो गई है.

वीडियो में राम गोपाल वर्मा कहते हैं- ‘मुझे कश्मीर फाइल्स से नफरत हो गई है, क्योंकि इसने वह सब बर्बाद कर दिया, जो मैंने पढ़ा था. जो कुछ भी सोचा था, इसने सब नष्ट कर दिया.’ वर्मा ने कहा कि वह वापस जाकर फिर से इसके बारे में नहीं सोच सकते. उन्होंने कहा- ‘मैं फिर से नहीं सोच सकता कि फिल्म कैसे बनाई जानी चाहिए. इसलिए मुझे कश्मीर फाइल्स से नफरत है.’

उन्होंने आगे कहा- ‘चाहे डायरेक्शन हो, एक्टिंग स्किल या फिर जिस तरह से पटकथा बनाई गई या फिर कई अन्य प्रतिभाएं, जो इसमें मौजूद थीं. मैं उन सभी से नफरत करता हूं, क्योंकि इसने मुझे बनाया है और अधिकांश फिल्म निर्माताओं को बनाया है या फिर शायद सभी फिल्ममेकर्स को. मैं सभी फिल्म निर्माताओं से कहना चाहता हूं कि हमें अपनी पहचान खो देना चाहिए और द कश्मीर फाइल्स की ड्रॉइंग बॉक्स पर वापस जाना चाहिए.’

वह आगे कहते हैं- ‘कम से कम अगर मुझे ऐसा कुछ बनाने का मौका दिया जाता है तो मुझे नहीं लगता कि हममें से कोई भी उस विश्वास के साथ आ सकता है जिसके साथ यह फिल्म बनी है. इसलिए मैं कश्मीर फाइल से जुड़े सभी लोगों से नफरत करता हूं, लेकिन ऐसा करने के लिए मैं विवेक अग्निहोत्री से प्यार करता हूं.’ राम गोपाल वर्मा के वीडियो पर विवेक अग्निहोत्री ने भी प्रतिक्रिया दी है.

विवेक अग्निहोत्री ने ट्विटर पर राम गोपाल वर्मा का यह वीडियो शेयर किया है. वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने इस पर प्रतिक्रिया भी दी है. उन्होंने राम गोपाल वर्मा के वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा- ‘राम गोपाल वर्मा आप द कश्मीर फाइल्स से नफरत करते हैं और इसलिए मैं आपसे प्यार करता हूं.’ ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए राम गोपाल वर्मा ने फिर द कश्मीर फाइल्स की तारीफ की है और साथ ही इस बात की भी सराहना की कि उन्होंने इस गलतफहमी को दूर कर दिया है कि सिर्फ बड़े स्टार्स के ही होने से फिल्म चलती है

परिवार को बचाने के लिए महिला ने खाए पति के खून से सने चावल, एक्टर पीयूष मिश्रा ने बताया इस सीन का सच

 

‘हैप्पी भाग जाएगी’ में अपने अभिनय से सबका दिल जीत लेने वाले एक्टर पीयूष मिश्रा भी फिल्म के सपोर्ट में आगे आए हैं.

फिल्म में दिखाया गया एक-एक दृश्य सच

 

‘द कश्मीर फाइल्स’ में दिखाये गये कुछ विचलित करने वाले दृश्यों पर एक्टर पीयूष मिश्रा ने जयपुर के जवाहर कला केंद्र में आयोजित एक कार्यक्रम अपना पक्ष रखा. एम् मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पीयूष मिश्रा कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ में जो भी दृश्य दिखाए गए हैं, वे सभी सच हैं. उसमें बोली गई एक-एक बात सच है.

कश्मीर के हालात को अनदेखा नहीं कर सकते

उन्होंने कहा, कश्मीर में जो कुछ हुआ है उसे अनदेखा नहीं किया जा सकता. मैं खुद उस महिला से मिला हूं जिसे उसके पति के खून में सने चावल खिला दिए गए थे. मैंने उस घटना का वीडियो भी देखा है. एक्टर संजय सूरी के पिता की ठीक उसी तरह हत्या की गई थी जैसा फिल्म में दिखाया गया है. उनके हत्यारों के खिलाफ न कोई एफआईआर हुई और न ही कोई शिकायत हुई.

इतना ही नहीं वहां मौजूद लोग चुपचाप अपने घरों को छोड़कर वहां से चले गए क्योंकि उस समय ऐलान कर दिया गया था कि 48 घंटों में वो सभी अपने घर छोड़कर चले जाएं. इसलिए जो लोग इस फिल्म का विरोध कर इसे प्रोपेगेंडा बता रहे हैं, उनसे बहस करने का न कोई मतलब है और न कोई फायदा. बता दें कि द कश्मीर फाइल्स के एक सीन में आतंकवादी पूरे परिवार के सामने एक व्यक्ति की हत्या कर देते हैं और गन प्वाइंट पर खून से सना अनाज उसकी पत्नी को खिलाते हैं.

Nana Patekar ने The Kashmir Files और विवेक अग्‍न‍िहोत्री को कोसा, बोले- अमन के माहौल में समाज के टुकड़े करना सही नहीं

Nana Patekar Slams The Kashmir Files and Director Vivek Agnihotri: बॉलिवुड के दिग्‍गज ऐक्‍टर नाना पाटेकर ने विवेक अग्‍न‍िहोत्री और उनकी फिल्‍म ‘द कश्‍मीर फाइल्‍स’ को खूब कोसा। कहा कि देश में अमन-शांति है। हर धर्म के लोग यहां एकसाथ रहते हैं। ‘द कश्‍मीर फाइल्‍स’ देखकर समाज के दो टुकड़े हो जाएंगे और इस तरह ‍ अशांति फैलेगी जो किसी के लिए भी सही नहीं है।

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एक न्‍यूज चैनल से बातचीत में नाना पाटेकर (Nana Patekar Slams The kashmir files) ने कहा कि देश में अमन-शांति का माहौल है। हर धर्म के लोग यहां एकसाथ रह रहे हैं, ऐसे में बेवजह बखेड़ा खड़ा करना सही नहीं है। यही नहीं, नाना पाटेकर ने सीधे शब्‍दों में कहा कि ‘द कश्‍मीर फाइल्‍स’ देखकर समाज के दो टुकड़े हो जाएंगे और इस तरह दरार डालना सही नहीं है।

दिग्‍गज ऐक्‍टर नाना पाटेकर ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ विवाद पर अपनी राय ‘आजतक’ से बातचीत में जाहिर की है। नाना पाटेकर ने कहा कि फिल्‍म बनाकर और दिखाकर बेवजह का बखेड़ा खड़ा किया जा रहा है, जो सही नहीं है। वह कहते हैं कि देश में हिंदू और मुसलमान दोनों अमन और शांति से रह रहे हैं। दोनों धर्म के लोग यहीं के रहने वाले हैं। ऐसे में यह माहौल खराब करने जैसी बात है।

‘फिल्‍म देखने के बाद समाज के दो टुकड़े हो जाएंगे’
नाना पाटेकर ने कहा, ‘भारत के हिंदू और मुसलमान यहीं के रहने वाले हैं। दोनों ही कौम के लिए अमन और शांति से रहना जरूरी है। दोनों समुदायों को एक-दूसरे की जरूरत है। समाज में दोनों ही एक-दूसरे के बगैर रह नहीं सकते। ऐसे में किसी एक फिल्म के कारण विवाद खड़ा करना ठीक नहीं है। जब सभी लोग अमन-शांति से रह रहे हैं, तब ऐसे बखेड़ा खड़ा करना ठीक नहीं है। जो ऐसा कर रहे हैं उनसे जवाब मांगना चाहिए। फिल्म देखने के बाद समाज के दो टुकड़े हो जाएंगे, समाज में इस तरह दरार डालना ठीक नहीं है।’

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