हल्द्वानी: पूरा परिवार लव जिहादी, पुलिस ने बांधी हुई है आंखों पै काली पट्टी

Another Girl Went Missing From Haldwani
दो छात्राएं मिली… इधर, बनभूलपुरा से एक और लड़की हो गई लापता; घर से 45 हजार रुपये भी ले गई किशोरी

20 जून को बनफूलपुरा से दो नही, तीन हिंदू लड़कियां बहका ले जाई गई थी जिनमें तीसरी की रपट आज लिखी गई है। ढूंढीं गई 15 और 12 साल की लड़कियों को भगाने की तैयारी एक दिन की नहीं, तीन साल की थी जब ये क्रमशः 12 और नौ साल की थी। भगाने वाले का मामा भी यहीं बनफूलपुरा में कामयाब लव जिहाद का हीरो है। इनकी माडस आपरेंडी लड़कियों को अबोध उम्र ही फंसाना और बालिग होने के पहले ही भगा  ले जाना है। लेकिन नैनीताल के पुलिस अधीक्षक मीणा जो आग लगने पर भी अपनी रविवार की छुट्टी नहीं ख़राब करते,को इस मामले में लव जिहाद नज़र नहीं आता।

नैनीताल 26 जून 2024.हल्द्वानी के बनभूलपुरा थाना क्षेत्र से लापता हुई दो छात्राएं ढूंढने के बाद पुलिस ने राहत की सांस ली ही थी कि इसी बीच इसी थाना क्षेत्र से एक और बिटिया लापता हो गई।

हल्द्वानी के बनभूलपुरा थाना क्षेत्र से गायब दो छात्राएं ढूंढने के बाद पुलिस ने राहत की सांस ली ही थी कि इसी बीच इसी थाना क्षेत्र से एक और बिटिया लापता है। पांच दिन पहले गायब किशोरी के मामले में पुलिस ने गुमशुदगी लिख ली है। एक और मामला आने के बाद पुलिस के सामने किशोरी को जीवित ढूंढने की चुनौती है।

बनभूलपुरा थाना क्षेत्र निवासी महिला ने बनभूलपुरा थानाध्यक्ष नीरज भाकुनी को सौंपी लिखित शिकायत में कहा कि उसकी पुत्री 20 जून दोपहर तीन बजे घर से बिना बताए कहीं चली गई। देर शाम तक नही लौटने पर उसे खोजा गया लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। परिजनों ने मूल रूप से मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश और हाल निवासी इंदिरानगर नूरी मस्जिद बनभूलपुरा निवासी मौहम्मद समद पर भगा ले जाने का आरोप लगाया है।

महिला का कहना है कि उसकी पुत्री अपने साथ घर में रखे 45 हजार रुपये और अन्य सामान भी ले गई है। पुलिस को यह शिकायत तब मिली जब पिछले कई दिनों से लापता दो बच्चियों को पुलिस कठिनाई से ढूंढ पाई थी। बनभूलपुरा थाना क्षेत्र में एक के बाद बच्चियां गायब होने से स्थानीय लोगों में गुस्सा है। हालांकि पुलिस जल्द किशोरी को खोजने का दावा कर रही है। थानेदार भाकुनी का कहना है कि शिकायत के आधार पर मुकदमा लिख लिया है।

मुजफ्फरनगर के युवक ने कराया था हल्द्वानी से कराया दो बच्चियों का अपहरण

पांच दिन बाद 500 किलोमीटर के सफर  के बाद आरोपित मन्सूरपुर रेलवे स्टेशन से पकड़ा, दोनों किशोरी जिंदा मिली, अपहर्ताओं के मुस्लिम होने से दिल्ली तक हलचल, गृह मंत्रालय से होती रही पुलिस कार्यवाही की मॉनीटरिंग

बनफूलपुरा से दो किशोरियों के अपहरण का यह सनसनीखेज मामला मुजफ्फरनगर से जुड़ा है। मुजफ्फरनगर के  एक युवक ने उत्तराखंड से अपने एक नाबालिग दोस्त और उसके परिजनों के सहारे दो किशोरियों का अपहरण करा लिया। दोनों किशोरियों को मुंबई ले जाकर निकाह की योजना थी, लेकिन उत्तराखंड पुलिस की भागदौड़ से  शातिर अपनी चाल में फेल हो गए। पुलिस ने तीन राज्यों के आठ शहरों तक 500 किलोमीटर सफर करने वाले इन शातिरों का पीछा अंत तक नहीं छोड़ा और पांचवें दिन मंसूरपुर रेलवे स्टेशन से दोनों किशोरियों को जिंदा ढूढने के साथ ही नाबालिग और उसके दोस्त को भी दबोच लिया। इसके साथ ही इनके मददगार किशोर के बहनाई, मामा और बहन को भी पकड़ा । इस पूरे अपहरणकांड का मास्टरमाइंड किशोर का मामा निकला।नाबालिग का दोस्त भी एक किशोरी का प्रेमी था, जिससे वो निकाह चाहता था। दोनों लड़कियां हिंदू होने से इस अपहरण कांड ने दिल्ली को भी हिलाकर रख दिया और गृह मंत्रालय पुलिस कार्यवाही की हर पल की मॉनीटरिंग करता रहा। इसी से उत्तराखंड पुलिस हल्द्वानी से उत्तर प्रदेश और दिल्ली तक दौड़ती रही । पुलिस ने केस खोला तो टीम पर इनामों की पूरी बरसात होने लगी।

उत्तराखंड राज्य के हल्द्वानी के बनभूलपुरा से लापता दो नाबालिग छात्राओं को उत्तराखंड पुलिस ने मुजफ्फरनगर जनपद के मंसूरपुर रेलवे स्टेशन से धर दबोचा। पुलिस ने उनके साथ  उस मुस्लिम किशोर को भी पकड़ा, जो अपने दोस्त के कहने पर बच्चियां बहला फुसलाकर भागा था। इसके साथ ही इनसे पूछताछ में कुछ मददगारों के नाम आये तो पुलिस ने चार लोग पकड़े हैं। दोनों छात्राएं किशोर और एक अन्य लड़के के साथ मुंबई भागने की फिराक में थीं। इनका इन दोनों लड़कों के साथ कथित प्रेम प्रसंग चल रहा था। बनभूलपुरा थाना क्षेत्र की 9वीं और 11वीं में पढ़ने वाली दोनों छात्राएं एक ही घर में रहती थीं और इनमें से एक छात्रा किराएदार थी। 16 साल का  लड़का भी इन दोनों के घर के पास ही रहता था। 20 जून शाम को सात बजे वह इन छात्राओं को ले गया।

तीन साल पहले शुरू हुआ था प्रेम, मुंबई थी मंजिल

अपहरण की ये कहानी तीन साल पहले संपर्क से  होती है। दरअसल, जनपद मुजफ्फरनगर के थाना सिखेडा के गांव बिहारी के रहने वाले अमीर हसन का पुत्र आमिल राज मिस्त्री  टाइल्स एवं पत्थर लगाता है। तीन साल पहले वो हल्द्वानी के राजपुरा क्षेत्र में कार्य कर रहा था। इसी बीच आमिल ने वहां किराये पर रह रहे परिवार की नाबालिग लड़की से दोस्ती गांठ ली। दोनों साथ घूमने फिरने लगे। आमिल लड़की से निकाह की जुगत में लग गया।  आमिल की दोस्ती वहीं रहते अपनी बिरादरी के तनवीर से भी हो गई । वो किशोर भी आमिल की प्रेमिका के मकान मालिक की नाबालिग लड़की से दोस्ती रखता था और निकाह करना चाहता था। इसके बाद ही आमिल ने एक ऐसी कहानी रची जिसने उत्तराखंड पुलिस को तीन राज्यों तक दौड़ लगाने को विवश कर दिया। आमिल ने लड़कियां भगाने का प्लान बनाया और  दोस्त के सहारे दोनों किशोरियों को 20 जून शाम से भगा लिया। आमिल के साथ  मामले में नाबालिग लड़के का मामा मास्टरमाइंड निकला। वो अपने भांजे को शादी करने, उसे घर से भगाने की राय दे रहा था। बनभूलपुरा निवासी अब्दुल शमी उर्फ भोला अपने भांजे को दूसरे समुदाय की लड़की से निकाह की राय दे रहा था।

मास्टरमाइंड मामा दो साल पहले कर चुका है लव जिहाद

अब्दुल समी वर्ष 2022 में हिंदू लड़की से शादी कर चुका है।  मामले में बनभूलपुरा पुलिस ने इसे पकड़ा था। जिस लड़की से अब्दुल समी ने शादी की थी, वह भी तब नाबालिग थी। इस कारण पुलिस ने लड़की नारी निकेतन भेज दी थी। बाद में जेल से छूटने और लड़की के बालिग होने पर अब्दुल समी ने उससे निकाह कर लिया। इसमें अनुभवी होने से वो पुलिस को चकमा देने में अपने भांजे की मदद करता रहा। तीनों नाबालिग और आमिल मुबंई भागना चाहते थे। मुंबई में ही ये निकाह करते । आमिल ने तीनों से दिल्ली रेलवे स्टेशन में मिलने को कहा था। दिल्ली से मुबंई को ट्रेन पकड़ने का प्लान था। हल्द्वानी से किशोर दोनों छात्राओं को लेकर 150 किलोमीटर दूर बदायूं पहुंचा, यहां पर पुलिस को इनके लोकेशन की खबर मिल चुकी थी, लेकिन जब तक पुलिस पहुंचती वो यहां से निकल गये। बदांयू के मृदाटोला में तनवीर की बहन निशा उर्फ नूरीन (पत्नी उजैर उर्फ आसिफ) रहती है, पुलिस वहां पहुंची तो तीनों नाबालिग बदायूं से दिल्ली निकल चुके थे। निशा पुलिस को चकमा देती रही और खबर मिलने पर मामा शमी ने उनको सतर्क कर दिया था। दिल्ली से तनवीर दोनों छात्राओं को लेकर मंसूरपुर पुलिस स्टेशन पहुंचा, इससे पहले यहां पर उत्तराखंड पुलिस पहुंच चुकी थी।

पांच दिन, तीन राज्य, आठ शहर और 500 किलोमीटर का सफर

पांच दिन तक उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में करीब आठ शहरों की खाक छानने के बाद हल्द्वानी पुलिस और एसओजी की टीम ने दोनों छात्राओं को जीवित ढूंढ लिया। छात्राओं ने पुलिस को बताया कि वो अपने परिजनों की पिटाई से दुखी होकर घर से भागी थी जो लफंगों के साथ उठने-बैठने पर डांटते थे। उसने पुलिस ने उसको घर वापस नहीं भेजने की गुहार भी की। वहीं पुलिस ने इस मामले में तनवीर को बाल गृह भेज दिया तो छात्राओं को उनके परिजनों के सुपुर्द करने के साथ ही सारे मामले में मददगार रहे आरोपितों आमिल (पुत्र अमीर हसन निवासी ग्राम बिहारी थाना सिखेड़ा जिला मुजफ्फरनगर), निशा उर्फ नूरीन (पत्नी उजैर उर्फ आसिफ निवासी मृदाटोला थाना सहसवान बदायूं), उजैर उर्फ आसिफ (पुत्र हफीज अहमद निवासी मृदाटोला ) और अब्दुल शमी उर्फ भोला (पुत्र अब्दुल रशीद निवासी लाइन नंबर 17 राजपुरा, थाना बनभूलपुरा) को जेल भेज दिया है। छात्राएं हिंदू होने से गृह मंत्रालय ने पूरी कार्यवाही की मॉनीटरिंग की। अपहर्ता पकड़े जाने पर पुलिस टीम पर इनाम की बौछार होने लगी। उत्तराखंड के डीजीपी ने टीम को 20,000, डीआईजी ने 5,000 और एसएसपी ने 2,500 रुपये इनाम की घोषणा की। इस खुलासे में बनभूलपुरा थानाध्यक्ष नीरज भाकुनी, एसओजी प्रभारी संजीत राठौर, भीमताल थानाध्यक्ष जगदीप नेगी, मंगलपड़ाव चौकी प्रभारी दिनेश जोशी ने खूब सूझबूझ से काम लिया और सीसीटीवी कैमरों तथा सर्विलांस की मदद से टीम छात्राओं को बरामद करने में सफल रही। यदि पुलिस टीम मंसूरपुर स्टेशन पर भी चूक जाती तो छात्राओं तक पहुंचना मुश्किल हो जाता।

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