महिला आरक्षण बिल लोस में 454 मतों से पारित, औवेसी समेत दो विरोध में
महिला आरक्षण बिल LIVE: लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पास, पक्ष में 454 और विपक्ष में 2 वोट
लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पास हो गया है। नए संसद भवन में पेश बिल ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ पर चर्चा के बाद वोटिंग हुई। पक्ष में 454 वोट पड़े। यह बिल दो तिहाई बहुमत से पास हो गया है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार को लोकसभा में महिला आरक्षण से जुड़ा 128वां संविधान संशोधन ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक- 2023’ पेश किया था। अब बिल पर गुरुवार राज्यसभा में चर्चा होगी।
लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पास हो गया। बुधवार को इसके पक्ष में 454 वोट पड़े वहीं विपक्ष में सिर्फ 2 वोट। लोकसभा में यह बिल दो तिहाई बहुमत से पास हो गया है। इससे पहले बिल पर हुई चर्चा में सत्ता पक्ष और विपक्ष की ओर से कई सदस्यों ने हिस्सा लिया। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इस बिल पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए इसमें ओबीसी आरक्षण की मांग की। साथ ही केंद्र पर ओबीसी की अनदेखी का आरोप लगाया। वहीं राहुल गांधी के बयान पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पलटवार किया।
वायनाड आरक्षित हो गया तो आप कहेंगे हमने राजनीति की, अमित शाह ने कसा तंज
महिला आरक्षण बिल पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि OBC आरक्षण, परिसीमन का मुद्दा या जनगणना को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं,मैं सबका जवाब देता हूं। सबसे पहला जवाब विद्यमान संविधान में तीन तरह के सांसद आते हैं,जो सामान्य,SC और ST श्रेणी से आते हैं। इन तीनों श्रेणियों में हमने महिलाओं का 33% आरक्षण कर दिया है। अब एक तिहाई सीटें आरक्षित करनी है तो वह सीट कौन तय करेगा? हम करें? अगर वायनाड आरक्षित हो गया तो आप कहेंगे हमने राजनीति की है।
राहुल गांधी के बयान पर अमित शाह ने किया पलटवार कहा- डरिए मत
महिला आरक्षण बिल पर लोकसभा में जैसे ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बोलने खड़े हुए कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने हंगामा शुरू कर दिया। तब अमित शाह ने राहुल गांधी के बयान पर पलटवार किया कि डरिए मत, डरिए मत। राहुल गांधी ने अपने भाषण में केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि भारत सरकार के 90 सचिवों में से सिर्फ 3 ओबीसी से हैं। राहुल गांधी ने कहा- डरो मत ….. हम जातीय जनगणना की बात कर रहे हैं।
अमित शाह ने कहा कि यह बिल युग बदलेगा। अमित शाह ने इस बिल के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया। अमित शाह ने कहा कि कुछ दलों के लिए महिला आरक्षण एक राजनैतिक मुद्दा हो सकता है,चुनाव जीतने का हथियार हो सकता है लेकिन मेरी पार्टी और मेरे नेता नरेंद्र मोदी के लिए यह राजनैतिक मुद्दा नहीं है।
OBC महिलाओं को भी आरक्षण मिले, बिल अधूरा…
महिला आरक्षण बिल पर चर्चा में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि महिला आरक्षण के समर्थन में हूं। पंचायतों में महिला आरक्षण एक बड़ा कदम था। उन्होंने कहा कि इस बिल में ओबीसी आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ओबीसी महिलाओं को भी आरक्षण मिले। राहुल गांधी ने कहा कि यह बिल अधूरा है।
महिला आरक्षण बिल पर विपक्ष को नवनीत राणा ने खूब सुनाया
अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने महिला बिल का समर्थन करते हुए विपक्ष पर जोरदार हमला बोला। नवनीत राणा ने कहा कि विपक्ष ने आजतक सिर्फ महिला वोट बैंक पर विश्वास दिखाया,हमारे हित में नहीं सोचा। आजतक केवल महिलाओं का इस्तेमाल मतदान को किया गया। आज प्रधानमंत्री मोदी ने हमपर विश्वास जताया। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद दिया कि आपने इस संसद में मुझे बोलने का खूब मौका दिया।
मुस्लिम महिलाओं को आरक्षण को क्यों नहीं… ओवैसी का मोदी सरकार से सवाल
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने महिला आरक्षण बिल का विरोध किया । औवेसी ने पूछा कि बिल में ओबीसी महिलाओं और मुस्लिम महिलाओं को आरक्षण क्यों नहीं दिया गया। ओवैसी ने स्मृति ईरानी से सवाल करते हुए कहा कि मैं कहना चाहता हूं कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता है तो 1950 प्रेसिडेंसिल ऑर्डर क्या है? ये सरकार पिछड़े लोगों,दबे-कुचलों को आगे नहीं बढ़ाना चाहती है। ये बड़े लोगों को आगे बढ़ाना चाहती है,छोटे लोगों को लोकसभा में नहीं आने देना चाहती है। ये बिल मुस्लिम प्रतिनिधित्व रोक देगी। ये सत्तारूढ़ पार्टी का चुनावी स्टंट है। देश के प्रधानमंत्री ओबीसी हैं। इस लोकसभा में केवल 130 ओबीसी सांसद हैं। 232 सवर्ण सांसद लोकसभा में है। प्रधानमंत्री कहते हैं कि मैं ओबीसी हूं लेकिन आप ओबीसी की तरफ नहीं देख रहे हैं। यही इनका ओबीसी के प्रति प्यार है। केवल 22 प्रतिशत ओबीसी इसबार लोकसभा में है।
SAD सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि ‘देश के इतिहास में पहली बार जनगणना टाली गई। फिर परिसीमन कब होगा, पता नहीं। जब आपको पता नहीं कि महिला आरक्षण को कब से लागू कर पाएंगे तो बिल लाने की क्या जल्दी थी? साढ़े नौ साल तक क्या किया? महिलाओं को लड्डू दिखा रहे हैं और कहते हैं कि ये लड्डू आपके लिए है मगर अभी आप खा नहीं सकते।’
स्मृति इरानी का विपक्ष पर सबसे बड़ा व्यंग्य, धर्माधारित आरक्षण वर्जित
केंद्रीय मंत्री ने कहा, कि ‘आरोप लगाया कि आप ओबीसी और मुस्लिम आरक्षण क्यों नहीं देते हैं। मुझसे ज्यादा अनुभवी लोग जो वर्तमान में बिना माइक और पीठ की अनुमति के दांत चबा-चबाकर बोल रहे हैं,उनको शायद इस बात का आभास नहीं है कि संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण वर्जित है। मैं गुजारिश करना चाहती हूं यह भारत वह भारत है, जिसके बाद व्यवस्थाएं डिजिटली भी पहुंची हैं। विपक्ष महिला आरक्षण पर भ्रमित करने का प्रयास कर रहा है,लोग इस भ्रम में न फंसे, इसलिए तथ्यों का आना जरूरी है।
लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा: आपके लिए किताब होगी, हमारे लिए संविधान है…. स्मृति इरानी ने कांग्रेसियों को सुना दिया
सफलता के कई बाप होते हैं, असफलता का कोई नहीं… कल जब सदन में यह विधेयक आया तो कई लोगों ने इसे अपनी राजनीतिक विरासत बताया… हमको बार-बार बताया गया कि एक परिवार ने 73वां, 74वां संविधान संशोधन पारित कराया। वह काम पीवी नरसिम्हा राव जी ने किया जिनके मरने के बाद उनके ही पार्टी हेडक्वार्टर में उनको नमन करने का मौका नहीं दिया गया।
टीएमसी की महुआ मोइत्रा ने कहा,’कल हमने संसद के इस मंदिर में नई शुरुआत की। प्रधानमंत्री ने ऐसा जताया कि उन्हें देश के लिए बहुत बड़े-बड़े काम करने हैं। उनमें से एक यह बिल भी था। लेकिन यह बिल कहता क्या है? परिसीमन के बाद महिला आरक्षण लागू होगा, यह कहता है। मतलब क्या है, भाजपा कह रही कि हमें नहीं पता कि कब आरक्षण लागू होगा।’
केरल के अलथूर से कांग्रेस सांसद राम्या हरिदास ने कहा, ‘2021 की जनगणना लंबित है, इस बारे में कुछ नहीं कहा जा रहा कि कब होगी। ऐसे में आरक्षण को नोटिफाई कब करेंगे?’ हरिदास ने कहा कि विधेयक में सभी श्रेणी की महिलाओं को शामिल किया जाना चाहिए। सरकार को महिला सशक्तीकरण के लिए कई और मुद्दे भी सुलझाने होंगे।
भाजपा के जगदंबिका पाल ने पहली बार नरेंद्र मोदी जी ने फैसला लिया कि फाइटर पायलट अगर लड़के बन सकते हैं तो लड़कियां क्यों नहीं… एनडीए में लड़कियां जाने लगी है, इंडियन मिलिट्री एकेडमी में बेटियां पहुंची हैं।
सरकार नई संसद में पहले दिन, पहले सत्र में पहला बिल यही लेकर आई कि महिलाओं को उनका हक मिले। 19 सितंबर 2023 की तारीख इसीलिए याद रखी जाएगी।
केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान हस्तक्षेप किया। पटेल ने कांग्रेस समेत विपक्षी दलों से पूछा कि ‘ओबीसी, एससी-एसटी का ख्याल आपको तब नहीं आया था जब राज्यसभा में आपने यह बिल पारित कराया था। उस समय किसी ने इस बारे में प्रावधान न होने का सवाल उठाया था क्या? यह महत्वपूर्ण मुद्दा है लेकिन आप टाइमिंग पर सवाल उठा रहे। कहते हैं कि चुनाव के लिए लाए हैं, कुछ चीजें चुनावी फायदों से परे होती हैं।’
महिला आरक्षण बिल में ओबीसी और अल्पसंख्यक को भी किया जाए शामिल
लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि सपा की हमेशा से मांग रही है कि इस बिल में एससी, एसटी,ओबीसी और अल्पसंख्यकों को भी शामिल किया जाए। भाजपा की सरकार को एक दशक होने को है,तब उन्हें महिलाओं की याद आई है। मैं पूछना चाहती हूं कि ये बिल 2024 लोकसभा चुनाव में लागू हो पाएगा या नहीं। उन्होंने जनगणना को लेकर भी सवाल उठाएगा। अल्पसंख्यक महिलाओं के आरक्षण को लेकर डिंपल यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी खुद बात करते हैं तीन तलाक की,अल्प संख्यक महिलाओं को न्याय दिलाने की,मुझे उम्मीद है कि सरकार इस बिल में मुस्लिम महिलाओं को भी शामिल किया जाएगा।
कांग्रेस पार्टी की नेता सोनिया गांधी ने कहा कि महिला आरक्षण बिल का पारित होना उनके लिए बहुत भावुक क्षण है। इस बीच सोनिया ने पति और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को याद किया। उन्होंने कहा कि उनके पति राजीव गांधी ने पहली बार स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए आरक्षण का प्रस्ताव रखा था,लेकिन इसे राज्यसभा में हरा दिया गया था। बाद में,पीवी नरसिम्हा राव की सरकार ने इसे राज्यसभा में पारित करवाया और आज देश में 15 लाख निर्वाचित महिला नेता हैं। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी का सपना अब आंशिक रूप से ही पूरा हुआ है और इस बिल के पारित होने से यह पूरा हो जाएगा।
हरियाणा के सिरसा से भाजपा सांसद सुनीता दुग्गल ने लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा में भाग लिया। भाजपा सांसद ने कहा कि यह विधेयक लाने का साहस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही कर सकते थे। दुग्गल ने कहा कि ‘मेरी माताजी भी अस्पताल में भर्ती हैं, वह मुझे महिलाओं के हक की आवाज उठाते देख रही होंगी।’
लोकसभा में शिवसेना सांसद भावना गवली ने कहा कि मोदी जी ने महिलाओं की किस्मत का ताला खोल दिया। यह बिल लाने की हिम्मत प्रधानमंत्री मोदी के अलावा किसी में नहीं थी।
लोकसभा में शिवसेना सांसद भावना गवली ने कहा कि मोदी जी ने महिलाओं की किस्मत का ताला खोल दिया। यह बिल लाने की हिम्मत प्रधानमंत्री मोदी के अलावा किसी में नहीं थी।
महिलाओं के लिए विधानसभा और लोकसभा में 33% आरक्षण सुनिश्चित कराने का प्रस्ताव अब संसद में आकार ले रहा है। यह लैंगिक न्याय के लिए हमारे समय की सबसे परिवर्तनकारी पहल होगी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
बसपा ने लोकसभा में रखी तीन डिमांड
बसपा सांसद संगीता आजाद ने लोकसभा में मांग की कि महिलाओं को लोकसभा और राज्य की विधानसभाओं में 50 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए। महिला आरक्षण में अन्य पिछड़ा वर्ग,अनुसूचित जाति और जनजाति को आरक्षण मिले। जातिगत जनगणना का जल्द से जल्द पूरा किया जाए।
संगीता आजाद ने कहा कि उनकी पार्टी लंबे समय से इसकी मांग कर रही थी। उन्होंने डॉक्टर भीमराव आम्बेडकर और कांशीराम का नाम लेकर कहा कि उन्हीं की बदौलत हमें लोकसभा और राज्य की विधानसभाओं में जाने का मौका मिला।
जनता दल (यूनाइटेड) ने महिला आरक्षण बिल का समर्थन किया। जेडीयू सांसद राजीव रंजन सिंह (ललन) ने कहा कि हम बिल का समर्थन करते हैं लेकिन यह I.N.D.I.A के गठन के जवाब में पैनिक होकर उठाया गया कदम है। सिंह ने कहा कि बिहार से सीखिए, हमने सरकार बनाने के बाद बिहार में महिलाओं को आरक्षण दिया। आपको महिला सशक्तीकरण से कोई मतलब नहीं है।
YSRCP की गीता विश्वनाथ वंगा ने जीता दिल
लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान YSR कांग्रेस पार्टी की ओर से आंध्र प्रदेश के काकीनाड़ा से सांसद गीता विश्वनाथ वंगा बोलने खड़ी हुईं। उन्होंने ‘भारत माता की जय’ का नारा लगाया और पारंपरिक ढंग से सभी को नमस्कार किया। इसके बाद उन्होंने ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः’ भी पढा।
TMC सांसद के दावों को केंद्रीय मंत्री ने गलत बताया
लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस डॉक्टर काकोली घोष दस्तीदार के दावे का भाजपा के किरेन रिजीजू ने फैक्ट चेक किया। दस्तीदार ने दावा किया था कि इसरो के वैज्ञानिकों को वेतन नहीं मिल रहा है जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं। रिजीजू ने कहा कि यह बात गलत है। वैज्ञानिक ऑन रिकॉर्ड कह चुके हैं कि उन्हें सैलरी मिलने में देरी नहीं हुई।
ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (AITC) की सांसद डॉक्टर काकोली घोष ने एनडीए सरकार के कार्यकाल में महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं गिनाईं। उन्होंने पूछा कि पहलवानों के यौन शोषण मामले में बृजभूषण शरण सिंह पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
जयललिता भी बेहद मजबूत नेता थीं: कनिमोझी
कनिमोझी ने कहा- क्या महिलाएं मजबूत नहीं हो सकतीं? क्या महिलाओं ने युद्ध नहीं लड़े और जीते? क्या इंदिरा गांधी जैसी मजबूत नेता इस देश में नहीं हुईं? बीजेपी सांसदों के नारेबाजी करने पर कनिमोझी ने कहा कि जयललिता भी बड़ी मजबूत नेता थीं। उन्होंने सोनिया गांधी, मायावती, ममता बनर्जी और सुषमा स्वराज का भी नाम लिया।
आज सोनिया जी जब बोल रही थीं तो लगा राजनीति से ऊपर उठकर बोलेंगी। इस महिला रिजर्वेशन के लिए जिन महिलाओं में संसद के अंदर और बाहर सबसे ज्यादा आवाज उठाई, वो बंगाल की गीता मुखर्जी और भारतीय जनता पार्टी की सुषमा स्वराज थीं। वो दोनों अगर नहीं रहतीं तो यह दिन भी देखने को नहीं मिलता। लेकिन सोनिया जी ने न तो गीता जी का जिक्र किया, न सुषमा जी… आप क्रेडिट लेने आए कि हमारा बिल है… आपने राजनीति करने की कोशिश की: निशिकांत दुबे, बीजेपी
लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा में भाग लेते हुए बीजेपी के निशिकांत दुबे ने कहा कि कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों ने खुद तो यह बिल पारित कराया नहीं, और आज नरेंद्र मोदी सरकार बिल लाई है तो संविधान का सवाल खड़ा कर रहे हैं।
फौरन लागू हो महिला आरक्षण: सोनिया गांधी
सोनिया गांधी ने कहा कि महिलाओं को आरक्षण का फायदा बिल पारित होने ही मिलना चाहिए। उन्होंने लोकसभा में कहा कि सरकार को इसे परिसीमन तक नहीं रोकना चाहिए।
यह मेरी जिंदगी का बहुत मार्मिक क्षण है। पहली दफा स्थानीय निकायों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने वाला कानून मेरे जीवनसाथी राजीव गांधी लाए थे जो राज्यसभा में 7 वोटों से गिर गया था। बाद में पीवी नरसिम्हा राव की सरकार ने उसे पारित कराया। सोनिया ने कहा कि राजीव का अपना अभी आधा ही पूरा हुआ है, बिल पास होने से सपना पूरा हो जाएगा। कांग्रेस पार्टी इस बिल का समर्थन करती है।
विपक्ष की ओर से कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी ने चर्चा की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि ‘स्त्री ने हमें सिर्फ जन्म ही नहीं दिया है, अपने आंसुओं और खून-पसीने से सींचकर हमें सोचने-समझने लायक बनाया है।’
लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पेश करने के बाद कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल इस विधेयक का इतिहास बताया। मेघवाल ने कहा कि 12 मार्च 2010 को यह बिल लोकसभा में पेश हो गया। फिर यह लोकसभा की प्रॉपर्टी हो गया। हमने भी डिमांड की कि इस बिल को ले आओ। फिर लोकसभा भंग हो गई और बिल लैप्स हो गया।
विधि एंव न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में ‘नारीशक्ति वंदन अधिनियम 2023’ पेश किया। महिला आरक्षण बिल के प्रस्तावित प्रावधानों का जिक्र करते हुए मेघवाल ने डॉक्टर बीआर आम्बेडकर का कथन याद किया।
कोई सवाल नहीं है,एक रिवॉल्यूशन है। 2010 में कांग्रेस पार्टी महिला आरक्षण बिल लेकर आई थी,भाजपा ने समर्थन भी किया था लेकिन लोकसभा में इस बिल को पास करने की उनकी हिम्मत नहीं थी। अभी जो मुद्दें उठ रहे हैं यह दर्शा रहा है कि कोई अन्य मुद्दा नहीं है।
भाजपा सांसद प्रकाश जावड़ेकर
कभी बिल फाड़ा गया, तो कभी दिए गए विवादित बयान, पढ़िए महिला आरक्षण बिल का इतिहास
27 साल तक ठंडे बस्ते में पड़े रहे महिला आरक्षण बिल का इतिहास पुराना है। साल 1996 में एच डी देवेगौड़ा की सरकार पहली बार ये बिल संसद में लेकर आई थी। UPA सरकार ने महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण वाला बिल साल 2010 में राज्यसभा से पारित भी करवा लिया था।
जिन्हें साइलैंट फैक्टर समझा, सत्ता के गलियारों में गूंजेगी उनकी आवाज
महिला आरक्षण बिल के बहाने देश में एक बार फिर महिला मुद्दों की राजनीति केंद्र में आएगी। पिछले कुछ वर्षों में महिलाओं को चुनाव में साइलेंट फैक्टर कहा गया,जो खामोशी से सत्ता की बिसात बदल देती हैं। महिला कारक का महत्व देखने के बाद पिछले कुछ चुनावों से महिलाओं को अपने पक्ष में करने की कोशिश सभी दलों ने की। शुरू में कुछ वर्षों तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में भाजपा ने इसमें बढ़त ली तो बाद में विपक्षी दलों ने गलती का अहसास करते हुए इन पर फोकस करना शुरू किया। अब महिला आरक्षण के बहाने आम चुनाव से पहले खुद को महिला हितों से जुड़ी पार्टी बताने की प्रतियोगिता फिर शुरू होगी।
संसद में नज़र आईं खास मेहमान
नई संसद में पहले अजेंडे में लोकसभा में जब नारी शक्ति वंदन बिल के नाम से महिला आरक्षण बिल आ रहा था तो गवाह बनने को सरकार की ओर कई प्रसिद्ध महिलाएं आमंत्रित की गई थी। सूत्रों के मुताबिक, सूचना-प्रसारण मंत्रालय और PM ऑफिस की ओर से इन महिलाओं को न्योता भेजा गया था। मंगलवार को जानी-मानी ऐक्ट्रेस कंगना रनौत,ईशा गुप्ता,हरियाणवी डांसर सपना चौधरी और कथक डांसर सिस्टर्स नलिनी- कमलिनी सहित कई महिलाएं मौजूद थीं। बताया जाता है कि इस मौके पर अलग-अलग क्षेत्र में चर्चित महिलाएं बुलाई भेजी गई थी। सफेद साड़ी में कंगना ने वहां लोगों का खासा ध्यान खींचा। वह दर्शक दीर्घा में नजर आईं। संसद से बाहर निकल कर मीडिया के बीच पंहुचीं कंगना ने बिल पर खुशी जाहिर की। दरअसल, कैबिनेट से बिल की मंजूरी पर कंगना ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि अब हमारा वक्त आ चुका है। वहीं,मीडिया से बातचीत में ईशा का कहना था कि प्रधानमंत्री मोदी ने महिला बिल को लेकर जो कदम उठाया है,यह उनकी प्रगतिशील सोच दर्शाता है। इससे महिलाओं को बराबरी का हक मिलेगा।
ये महिला आरक्षण बिल नहीं,बेवकूफ बनाओ बिल है: आतिशी
आम आदमी पार्टी ने लोकसभा में महिला आरक्षण बिल को 2024 के आम चुनाव से पहले देश की महिलाओं को बेवकूफ बनाने वाला करार दिया है। पार्टी ने बिल के उस प्रावधान पर कड़ी आपत्ति जताई है जिसके अनुसार बिल पास पर पहले जनगणना होगी और उसके आधार पर सीटों के नए सिरे से परिसीमन के बाद ही महिला आरक्षण दिया जाएगा। आम आदमी पार्टी ने इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीयत पर सवाल उठाते हुए बिल में तुरंत संशोधन करके 2024 लोकसभा चुनाव से ही आरक्षण के प्रावधानों को लागू करने की मांग की। पार्टी ने यह भी साफ किया है कि वह सैद्धांतिक रूप से संसद और विधानसभाओं में महिला आरक्षण की समर्थक है,लेकिन पार्टी ने अभी यह साफ नहीं किया है कि अगर बिल में कोई संशोधन नहीं होता है,तो फिर वह इसका समर्थन करेगी या नहीं।
महिला आरक्षण में पिछड़े वर्गों का कोटा अलग से हो :मायावती
बसपा प्रमुख मायावती ने संसद में पेश महिला आरक्षण बिल का समर्थन किया। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि उम्मीद है कि यह बिल जरूर पास हो जाएगा। साथ ही उन्होंने मांग की कि महिलाओं के आरक्षण में से एससी, एसटी और ओबीसी वर्गों की महिलाओं का आरक्षण कोटा अलग से सुनिश्चित हो। एससी-एसटी को अब तक मिल रहे कोटे में शामिल न किया जाए,नहीं तो इन वर्गों के साथ नाइंसाफी होगी। मायावती ने कहा कि महिला आरक्षण में एससी,एसटी वर्गों को अलग से आरक्षण न मिलने पर उन्हें सामान्य सीटों पर जल्दी मौका नहीं मिल पाएगा क्योंकि जातिवादी पार्टियां शुरू से ही इन वर्गों को किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ते देखना नहीं चाहतीं। उन्होंने यह भी कहा कि इन मांगों पर सरकार अमल नहीं करती, तब भी बसपा संसद में महिला आरक्षण बिल को समर्थन देगी। इसे पास करवाने में पूरी मदद करेगी, क्योंकि यहां सभी जाति और धर्मों की महिलाओं को हर मामले में पुरुषों की तुलना में काफी पिछड़ा बनाकर रखा गया है।
कैसे होगी आरक्षण की व्यवस्था
संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023, लोकसभा में कार्य की अनुपूरक सूची में पेश किया गया था। महिला आरक्षण विधेयक में प्रस्तावित किया गया है कि आरक्षण 15 साल की अवधि तक रहेगा और महिलाओं की आरक्षित सीटों में एससी और एसटी कोटा होगा। हालांकि इस कानून के 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले लागू होने की संभावना नहीं है।