उप्र: पत्रकार मान्यता को ले भिड़े शारिब जाफरी और आफताब इदरीसी
शारिब जाफरी फिर बन गए मान्यता प्राप्त पत्रकार, एएच इदरीसी ने पत्र लिख कर लगाए गंभीर आरोप
Posted on July 3, 2022
सेवा में
श्रीमान निदेशक
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग
उत्तर प्रदेश लखनऊ
विषय। जाली एवं फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर शारिब जाफरी द्वारा विभागीय मिलिभगत से निर्गत राज्य मुख्यालय की प्रेस मान्यता निरस्त करने एवं प्रथम सूवना रिपोर्ट दर्ज कर उचित कानूनी कार्यवाही करने के सम्बन्ध में।
महोदय,
प्राथी द्वारा जनहित में आपको अवगत कराना है कि सूचना विभाग से शारिब जाफरी ने वर्ष 2012 में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सी, न्यूज नाम के तथाकथित चैनल के नाम से राज्य मुख्यालय की प्रेस मान्यता हासिल की थी। उक्त मान्यता (प्रेस कार्ड संख्या 427) हेतु श्री शरिब जाफरी द्वारा आज की खबर नाम के समाचार पत्र का अनुभव प्रामण पत्र लगाया गया था जबकि भारत सरकार के समाचार पत्र के पंजीयक कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार पूरे भारत में आज की खबर नाम से किसी भी समाचार पत्र प्रकाशन हेतु कोई भी शिर्षक आवटिंत नही किया गया।
इसकी पुष्टि RNI की वेबसाइट से की जा सकती है। इस संबंध में प्रार्थी द्वारा तमाम साक्ष्यों को संलग्न करते हुये लिखित शिकायत सूचना विभाग को प्रेषित की गयी थी परन्तु शारिब जाफरी के रसूख के आगे कोई भी कार्यवाही नही की गयी।
प्रार्थी द्वारा पुनः शिकायत करने के उपरांत शारिब जाफरी द्वारा धन-बल एवं अन्य माध्यमों से प्रेस विभाग के वरिष्ठ बाबू से सांठगांठ करके अपनी मान्यता 2018 में अवाम ए मुल्क में हस्तांतरित करने का आवेदन कर, नियम विरुद्ध हस्तांतरित करवा कर प्रेस कार्ड संख्या 523 जारी करवा लिया जिस संबंध में प्रार्थी द्वारा लिखित शिकायत भी विभाग को प्रेषित की गयी परन्तु सभी नियम, कानून एवं शिकायती पत्रों का दरकिनार कर फर्जी तरीके से मान्यता हस्तांतरित कर दी गयी।
शिकायती पत्रो पर कोई भी कार्यवाही न होते देखकर शारिब जाफरी के हौसले बुलद होते गये व और अपने पैसों के दम पर विभागीय अधिकारीयों/कर्मचारियों को अपने मनमाफिक कार्य कराकर शरिब जाफरी द्वारा अपने तमाम नज़दिकी रिश्तेदारों की मान्यता करवाकर अपना वर्चवस्व बना लिया। वर्ष 2019 में शारिब जाफरी ने फिर नियमो का माखौल उड़ाते हुए अपनी मान्यता को सहारा न्यूज में हस्तांतरित करवा लिया था जबकि इनके द्वारा जालसाजी के खिलाफ ही, सीजेएम, कोर्ट में केस विचाराधीन है एवं। मा उच्च न्यायालय रिट संख्या 494/2014 में पूजा चन्द्र द्वारा शारिब जाफरी पर संदिग्ध चरित्र एवं आतंकितयो का पोषक होने का आरोप लगाया था। ऐसे गंभीर एवं संगीन आरोप होने के बावजूद कोई कार्रवाई न किया जाना मुख्यमंत्री योगी जी के भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेन्स की नितीयों का पालन न किया जाना प्रमाणित है।
अपने कारनामों को अपनी दौलत के पर्दो से छुपा कर शारिब जाफरी ने वर्तमान सत्र में एक बार फिर से राज्य मुख्यालय की मान्यता समय आलमी न्यूज नेटवर्क में हस्तांतरित करवा ली है एवं प्रेस कार्ड संख्या 262 निर्गत करवा कर अति सुरक्षित सरकारी भवनों में आने जाने का रास्ता बना लिया है।
उपरोक्त तथ्यो, लिखित शिकायती पत्रों के साथ संलग्न साक्ष्यों एवं विभिन्न न्यायालयों में शारिब जाफरी के विरुद्ध लंबित बाद इस बात का प्रमाण है कि शरिब जाफरी द्वारा फर्जी दस्जावेजो के आधार पर राज्य मुख्यालय की मान्यता लेकर अति सुरक्षित भवनों में अपने स्वयं के आने जाने के लिये मार्ग बनाया है जबकि इसका पत्रकारिता से कोई लेना देना नही है।
प्राथी आप से यह जानना चाहता है कि प्रेस विभाग ने किस नियम एवं किस प्रावधान से शारिब जाफरी की प्रेस मान्यता चार बार हस्तांतरित की गई। जबकि सूचना के नियम के अनुसार एक समाचार पत्र से की गई मान्यता दूसरे समाचार पत्र में हस्तांतरित करने का कोई प्रावधान नहीं है सवाल यह उठता है कि क्या एक व्यक्ति का बन्दूक लाइसेंस दूसरे व्यक्ति को हस्तांतरित किया जा सकता है।
अतः शरिब जाफरी की मान्यता तत्काल निरस्त किया जाना न्यायायोचित होगा एवं प्राथम सूचना रिर्पोट दर्ज कर उचित कानूनी कार्यवाही करायी जानी चाहिये। विभाग द्वारा कार्यवाही न किये जाने की सूरत में प्रार्थी अपने नैतिक दायित्वों, जनहित में मजबूर हो कर प्रेस विभाग के उप निदेशक एवं कर्मचारियोे के खिलाफ विधिक कार्यवाही करने के लिए बाध्य होगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी विभाग की होगी।
दिनांक 29/ 06/2022
सल्गंनक साक्ष्यो के साथ
1- पूर्व शिकायती पत्रो की छाया प्रति सल्गंनक है
2- आज की खबर नाम के प्रामाण पत्र की छाया प्रति सल्गंनक है
एएच इदरीसी
अध्यक्ष
मान्यता प्राप्त उर्दू मीडिया एसोसिएशन, उत्तर प्रदेश लखनऊ 9956475992
मेरे पर उंगली उठाने वाला पत्रकार अफ़जाल इदरीसी हिस्ट्रीशीटर अपराधी है : शारिब जाफ़री
Posted on July 4, 2022
नमस्कार, महोदय आप को विनम्रतापूर्वक अवगत कराना है कि अफ़ज़ाल इदरीसी हुसैनगंज कोतवाली कमिश्नरेट लखनऊ का हिस्ट्रीशीटर अपराधी है, जिस के ख़िलाफ़ एक दर्जन से ज़्यादा मुक़दमा दर्ज है। अधिकतर मुक़दमों में चार्जशीट अदालत में दाख़िल की जा चुकी है।
उक्त अपराधी विभिन्न लोगों के ख़िलाफ़ प्रार्थना पत्र दे कर गुण्डा टैक्स / वसूली का प्रयास करता है। मेरे विरुद्ध भी यह प्रार्थना पत्र देता रहता है। यह शातिर अपराधी है। इसका भाई इक़बाल इदरीसी भी बलात्कार के आरोप में चौक कोतवाली लखनऊ से जेल जा चुका है।
मेरे विरुद्ध उक्त अपराधी जो आरोप लगा रहा है, वो निराधार एवं बेबुनियाद है। उक्त अपराधी द्वारा जिस वेब पोर्टल ‘आज की ख़बर’ को फ़र्ज़ी बताया जा रहा है, वो आज भी चल रहा है। उस का लिंक भी आप उपलब्ध करा रहा हूँ।
अपराधी की क्रिमिनल हिस्ट्री आप को सुलभ सन्दर्भ हेतु प्रेषित कर रहा हूँ।
आपराधिक इतिहास
अफ़ज़ाल इदरीसी पुत्र अब्दुल रशीद इदरीसी
निवासी- 50/113 जय नारायण रोड हुसैनगंज लखनऊ
एच एस न – 119ए
1- मु.अ.सं. 484/08 धारा 384,323, 504 आईपीसी कोतवाली बाज़ारख़ाला, लखनऊ
2- मु.अ.सं. 82/08 धारा 506 आईपीसी कोतवाली हुसैनगंज, लखनऊ
3- मु.अ.सं. 268/09 धारा 452,323,504, 506 आईपीसी कोतवाली हुसैनगंज, लखनऊ
4- मु.अ.सं. 311/11 धारा 323, 504, 506 आईपीसी कोतवाली हुसैनगंज, लखनऊ
5- मु.अ.सं. 22/12 धारा 507 आईपीसी थाना ठाकुरगंज, लखनऊ
6- मु.अ.सं. 188/12 धारा 406,420, 506 आईपीसी थाना गोमतीनगर, लखनऊ
7- मु.अ.सं. 107/12 धारा 384,504, 506, 427 आईपीसी कोतवाली बाज़ारख़ाला, लखनऊ
8- मु.अ.सं. 163/12 धारा 504,506 आईपीसी कोतवाली वजीरगंज, लखनऊ
9- मु.अ.सं. 235/12 धारा 392, 506 आईपीसी कोतवाली हुसैनगंज, लखनऊ
10- मु.अ.सं. 364/12 धारा 420,467,468आईपीसी व 103/104 ट्रेड मार्क अधिनियम कोतवाली वजीरगंज, लखनऊ
11- मु.अ.सं. 10/13 धारा 110जी द. प्र. सं. कोतवाली हुसैनगंज, लखनऊ
12 – मु .अ. स. 55/14 धारा 323 /504 आईपीसी, कोतवाली हुसैनगंज लखनऊ
धन्यवाद
शारिब जाफ़री
वरिष्ठ प्रमुख संवाददाता
आलमी सहारा
सहारा टीवी नेटवर्क
* भडास फॉर मीडिया से साभार