रुट्स 2 रुट्स ने UK और HP में स्थापित किये सुदूरवर्ती क्षेत्रों में 100 डिजिटल क्लास रूम
रूट्स2रूट्स ने उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के सुदूरवर्ती इलाकों में स्थापित किए 100 डिजिटल क्लासरूम
देहरादून, 06 जून, 2024: देश के दूरदराज के इलाकों में छात्रों के लिए शिक्षा को सुलभ और समावेशी बनाने के उद्देश्य से, दिल्ली स्थित गैर-मुनाफा प्राप्त संगठन रूट्स2रूट्स (R2R) ने उत्तराखंड तथा हिमाचल प्रदेश के दूरस्थ भागों में डिजिटल क्लासरूम स्थापित किए हैं। यह संगठन देश में कला, संस्कृति और विरासत को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। रूट्स2रूट्स (R2R) ने इन दो राज्यों में 100 इंटरेक्टिव फ्लैट पैनल (आईएफपी) लगाए हैं।
इस पहल के लिए औली, केदारनाथ, स्पीति घाटी और किन्नौर आदि जिलों को चुना गया है। रूट्स2रूट्स (R2R) ने हिमाचल प्रदेश के 12 तथा उत्तराखंड के 13 जिलों में प्रत्येक में चार स्कूलों को डिजिटाइज़्ड किया है, जिसके परिणामस्वरूप देश के सबसे सुदूर भागों में आधुनिक एजुकेशनल टूल्स को पहुंचाया गया है। महत्वाकांक्षी जिलों के तौर पर चिन्हित इन जिलों में शिक्षा तथा छात्रों के सर्वांगीण विकास में सुधार पर ध्यान दिया जा रहा है।
रूट्स2रूट्स (R2R)द्वारा तैयार किए गए आर्ट एवं कल्चर कन्टेंट के अलावा, आईएफपी को एनसीईआरटी पाठ्यक्रम के अनुसार K-12 शैक्षिक कन्टेंट से भी सुसज्जित किया गया है। इनमें 50,000एजुकेशनल वीडियो और 100,000प्रश्न एवं उत्तर, शामिल हैं जो छात्रों के लर्निंग अवसरों को बढ़ाएंगे। इस पहल के अंतगर्त शिक्षकों की भी विस्तृत ट्रेनिंग की व्यवस्था की गई है ताकि वे नए उपकरणों का कारगर तरीके से इस्तेमाल कर सकें।
इस पहल के बारे में, राकेश गुप्ता, संस्थापक, रूट्स2रूट्स (R2R) ने कहा, “Routes2Rootsमें हमारा मिशन अत्यंत दूरस्थ इलाकों समेत देशभर के सभी छात्रों के लिए लर्निंग के समान अवसरों को उपलब्ध कराना है। हम भविष्य की पीढ़ियों के लिए उत्तम शिक्षा उपलब्ध कराने वाले उत्प्रेरक के तौर पर पहचान बनाने का इरादा रखते हैं। हालांकि कुछ इलाकों तक पहुंचना बेहद कठिन है लेकिन हमारी टीम ने ऐसी बाधाओं को पार कर हरेक छात्र के लिए क्वालिटी एजुकेशन उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता प्रदर्शित की है। हम आगे भी देश के सुदूरतम भागों में रहने वाले छात्रों के लिए उसी प्रकार की शैक्षिक सुविधाएं मुहैया कराने के प्रयास जारी रखेंगे जैसे कि शहरी इलाकों में रह रहे छात्रों के लिए उपलब्ध होती हैं।”