केदारनाथ में वीआईपी दर्शन पर रोक, केंद्र से एनडीआरएफ और आईटीबीपी की मदद
Kedarnath Yatra 2022: केदारनाथ मंदिर में VIP गेट से प्रवेश पर लगी रोक, हेली सेवा से आने वालों को भी नहीं मिलेगी खास सुविधा
प्रशासन ने बैरिकेडिंग लगाकर केदारनाथ मंदिर का वीआइपी प्रवेश द्वार बंद किया है। अब हेली सेवा से आने वाले श्रद्धालु भी सामान्य लाइन में खड़े होकर दर्शन करेंगे। लाइन में खड़े श्रद्धालुओं को हर हाल में दो घंटे के भीतर दर्शन कराने होंगे। इसके अलावा दर्शन को समय पांच घंंटे बढा रात्रि साढ़े 10 बजेे कर दिया गया है।
केदारनाथ मंदिर में वीआइपी द्वार से श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। फाइल फोटो
रुद्रप्रयाग 12 मई: केदारनाथ मंदिर में वीआइपी द्वार से श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। अब हेली सेवा से पहुंचने वाले श्रद्धालु भी लाइन में लगकर ही बाबा के दर्शन करेंगे। इसके लिए वीआइपी द्वार पर बैरिकेडिंग लगाई गई है। दर्शनों का समय भी पांच घंटे बढ़ा दिया गया है।
यात्रियों को नियंत्रित करने के लिए लगाई बैरिकेडिंग
अब तक बड़ी संख्या में श्रद्धालु वीआइपी द्वार से मंदिर में प्रवेश कर रहे थे, इससे दर्शनों के दौरान धक्का-मुक्की तक की नौबत आ जा रही थी। वहीं, लाइन में खड़े श्रद्धालुओं को हर हाल में दो घंटे के भीतर दर्शन कराने होंगे। मंदिर परिसर में यात्रियों को नियंत्रित करने के लिए भी बैरिकेडिंग लगाई गई है।
बाबा केदार के दर्शनों को उमड़ रहा श्रद्धालुओं का सैलाब
बाबा केदार के दर्शनों को इस बार श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है। इससे व्यवस्थाएं बनाने में प्रशासन के पसीने छूट रहे हैं। अब तक सवा लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा के दर्शन कर चुके हैं। इससे दर्शनों के दौरान धक्का-मुक्का से भारी अव्यवस्था फैल रही है।
प्रशासन ने लिया वीआइपी दर्शनों पर रोक लगाने का निर्णय
दरअसल, हेली सेवा से प्रतिदिन आने वाले लगभग दो हजार श्रद्धालु भी वीआइपी द्वार से दर्शनों को पहुंच रहे। इससे अव्यवस्था और बढ़ गई है। इसी को देखते हुए प्रशासन ने वीआइपी दर्शनों पर रोक लगाने का निर्णय लिया।
श्रद्धालुओं को दो घंटे में दर्शन कराने के निर्देश
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि धाम में आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु को अब सामान्य लाइन में खड़े होकर दर्शनों के लिए अपनी बारी का इंतजार करना होगा। लाइन में खड़े श्रद्धालुओं को दो घंटे में दर्शन कराने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रति मिनट 30 श्रद्धालुओं को कराए जा रहे दर्शन
इसके लिए पुलिस फोर्स तैनात की गई है, जो लाइन में खड़े श्रद्धालुओं को दर्शन कराने में सहयोग कर रही है। जिलाधिकारी ने बताया कि प्रति मिनट 30 श्रद्धालुओं को दर्शन कराए जा रहे हैं, ताकि समय पर सभी श्रद्धालु दर्शन कर सकें।
तैनात है आइटीबीपी और पीआरडी के जवान
बताया कि मंदिर परिसर में व्यवस्थाएं बनाने और श्रद्धालुओं की मदद के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी), पुलिस व प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) के जवान, सेक्टर मजिस्ट्रेट और स्वास्थ्य कर्मी तैनात हैं। इसके अलावा ठंड से बचाव के लिए एक हजार से अधिक कंबल केदारनाथ भेजे गए हैं। यह उन श्रद्धालुओं को दिए जा रहे हैं, जो बिना गर्म कपड़ों के दर्शनों को पहुंच रहे हैं।
तीर्थयात्रियों की मौत बाद केंद्र ने भेजी एनडीआरएफ और आईटीबीपी की टीम, तबीयत बिगड़ी तो यात्रियों को मिलेगी मदद
चारधाम यात्रा करने वाले यात्रियों की मदद के लिए केंद्र की ओर से एनडीआरएफ की टीमें भेजी गई हैं। इसके साथ ही आईटीबीपी के जवानों को तैनात किया गया।
केदारनाथ जाते श्रद्धालु
चारधाम यात्रा पर तीर्थयात्रियों की मौत के बाद केंद्र सरकार ने मदद के लिए एनडीआरएफ की टीम भेजी है। इसके अलावा आईटीबीपी के जवान भी पैदल यात्रा मार्गों पर मदद को तैनात किये गये है। पैदल यात्रा करते समय अचानक तबीयत बिगड़ने पर एनडीआरएफ और आईटीबीपी के जवान तीर्थयात्रियों की मदद कर उन्हें तत्काल नजदीकी मेडिकल कैंप तक पहुंचाएंगे।
प्रदेश में तीन मई को गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा शुरू हुई है। शुरूआत में ही केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम जाने वाले तीर्थ यात्रियों की मौत पर पीएमओ ने संज्ञान लेकर राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी थी। साथ ही चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों की मदद के लिए केंद्र ने एनडीआरएफ की टीम भेजी है। खास तौर पर केदारनाथ धाम के पैदल मार्ग पर एनडीआरएफ टीम तैनात की गई है। इसके अलावा आईटीबीपी के जवानों को यात्रियों की मदद के लिए तैनात किया गया है। केदारनाथ धाम के पैदल मार्ग पर यदि किसी यात्री की अचानक तबीयत खराब होती है तो एनडीआरएफ और आईटीबीपी के जवान तत्काल मदद कर उन्हें मेडिकल कैंप तक पहुंचाएंगे, ताकि समय पर इलाज मिल सके।
चारधाम यात्रा करने वाले यात्रियों की मदद को केंद्र की ओर से एनडीआरएफ की टीमें भेजी गई हैं। इसके साथ ही आईटीबीपी के जवान तैनात किये गये। एसडीआरएफ की टीमें पहले ही चारधामों में हैं। एनडीआरएफ और आईटीबीपी एक सीमित समय को है। जरूरत पड़ने पर समय बढ़ाया जाएगा। -डॉ. एसएस संधु, मुख्य सचिव
धामों की क्षमता के अनुसार भेजे जा रहे यात्री
कोविड महामारी के कारण दो साल बाद चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। चारधामों में कपाट खुलने के दिन क्षमता से दोगुने यात्री पहुंचे थे। जिससे धामों में यात्रियों को अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ा। मुख्य सचिव ने कहा कि चारधामों की वहन क्षमता के अनुसार यात्रियों का पंजीकरण कर दर्शन के लिए भेजा जा रहा है। पिछले तीन दिनों से धामों में स्थित पूरी तरह से नियंत्रण में है। उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग व चमोली जिले के जिलाधिकारियों से प्रतिदिन व्यवस्थाओं की समीक्षा की जा रही है।
फिजिशियन को दिया गया कॉर्डिक का प्रशिक्षण
प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग के पास कॉर्डियोलॉजी की कमी है। सरकार व स्वास्थ्य विभाग की ओर से कार्डियोलॉजी के लिए हरसंभव प्रयास किए हैं। अन्य राज्यों से ज्यादा वेतन देने के बाद भी कॉर्डियोलॉजी नहीं मिल रहे हैं। चारधाम यात्रा पर यात्रियों को हार्ट अटैक, श्वास की दिक्कतों को देखते हुए फिजिशियन को कॉर्डिक की ट्रेनिंग देकर तैनात किया गया है। मुख्य सचिव के मुताबिक, कोविड के बाद भी लोगों में स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें बढ़ी हैं।