हाथरस के नाम पर दंगों की तैयारी में फंडिंग विदेश तक से,ईडी करेगी FIR
Hathras Case: उत्तर प्रदेश में माहौल बिगाड़ने के लिए वेबसाइट के जरिये फंडिंग की जांच करेगी ईडी
Hathras Case: उत्तर प्रदेश में माहौल बिगाड़ने के लिए वेबसाइट के जरिये फंडिंग की जांच करेगी ईडीहाथरस कांड में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी जल्द एफआईआर दर्ज करेगी।
लखनऊ, 05 अक्तूबर।। हाथरस कांड के जरिये उत्तर प्रदेश माहौल बिगाड़ने के लिए एक वेबसाइट के जरिये फंडिंग भी हुई थी। अब इस इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी जल्द एफआईआर दर्ज करेगी। ईडी इसके लिए हाथरस में दर्ज एफआईआर का परीक्षण कर रही है।
बताया जा रहा है कि पूरे प्रकरण में अब पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) समेत कुछ अन्य संगठनों की भूमिका की भी गहनता से छानबीन की जा रही है। एक फर्जी वेबसाइड के जरिए सोशल मीडिया पर आपत्तजिनक व भ्रामक संदेश प्रसारित किए जाने को लेकर भी पड़ताल की जा रही है। वेबसाइट के जरिए बड़े पैमाने पर राज्य सरकार को बदनाम करने का षड्यंत्र रचा गया।
एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि सभी मुकदमों में वीडियो और तस्वीरों के जरिये आरोपितों को चिह्नित कराने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। कई संगठनों की भूमिका की भी गहनता से छानबीन के निर्देश दिए गए हैं। खुफिया तंत्र को भी सभी बिंदुओं पर जांच के लिए सक्रिय किया गया है। जल्द वीडियो व तस्वीरों के जरिए आरोपितों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध विधिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
हाथरस कांड के बाद उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानूम (सीएए) की तर्ज पर दंगों के साथ जातीय हिंसा को भड़काने की बड़ी साजिश रची गई। मकसद उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को बदनाम करना था। इस साजिश में विदेशियों के साथ में हमारे देश के लोग भी शामिल हैं। इस बड़ी साजिश का योगी आदित्यनाथ सरकार ने राजफाश कर दिया है। इस मामले में एक वेबसाइट justiceforhathrasvictim.carrd.co की भूमिका सामने आई है, जिसको विदेशों से फंड मिल रहा था। इस वेबसाइट के माध्यम से लोगों को हाथरस कांड के अभियान से अधिक संख्या में जोड़ने का प्रयास चल रहा था।
उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि इस तरह की वेबसाइट का मुख्य लक्ष्य सीएम योगी आदित्यनाथ, पीएम नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश व केंद्र सरकार की छवि को खराब करना है। वेबसाइट पर फर्जी आईडी से कई लोगों को जोड़ा गया। इसके साथ ही इसमें दंगे कैसे करें और फिर दंगों के बाद कैसे बचें, इसके कानूनी उपाय की जानकारी वेबसाइट पर दी गई है।