प्रॉमिस डे: आज ही के दिन त्यागपत्र दे कुछ वादे किए थे वाजपेयी ने जिन्हें पूरा किया मोदी ने

 

नई दिल्ली: प्रतिष्ठित मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद (एमएम समूह) के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी ने शनिवार को कहा कि अल्लाह के पहले पैगम्बर का जन्म यहीं हुआ था और यह मुसलमानों का पहला वतन है। मदनी ने साथ में यह भी कहा कि यह देश जितना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत का, उतना ही उनका भी है। उन्होंने यह दावा भी किया कि देश में पिछले कुछ वर्षों में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं और सरकार तथा प्रशासन को जिस तरह कार्रवाई करनी चाहिए थी, नहीं की। उन्होंने कहा, इस तरह की घटनाओं के खिलाफ ‘हम आवाज़ भी उठाएंगे और लड़ाई भी लड़ेंगे।’
‘RSS और भाजपा से सिर्फ मतभेद है न कि मनभेद’
मदनी ने कहा कि अल्पसंख्यकों का आरएसएस, भारतीय जनता है, न कि मनभेद है’। राष्ट्रीय राजधानी के रामलीला मैदान में आयोजित संगठन के 34वें महा अधिवेशन को संबोधित करते हुए राज्यसभा के पूर्व सदस्य ने कहा, ”हमें और उन्हें भी समझ लेना चाहिए कि यह मतभेद ज़िंदगी को खूबसूरत बनाता है और विरोध तंग दिली का लक्षण है।”
यह धरती इस्लाम की जन्मस्थली है- मदनी
उन्होंने कहा, ‘इस मुल्क की आबादी कम से कम 140 करोड़ है। यह लाखों वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। बेशुमार तहज़ीबें (संस्कृति), ज़बानें (भाषाएं), खान पान के तरीके और सोचने के अंदाज़ अलग-अलग होने के बावजूद यह मुल्क जुड़ा कि

हिंदुत्व की गलत व्याख्या चिंता की बात- मदनी
जमीयत प्रमुख ने कहा, ‘यह देश जितना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का है, उतना ही यह महमूद  और उसके सर संघचालक मोहन भागवत जी और उनके अनुयायियों को आपसी भेदभाव, द्वेष और अंहकार को भूलकर एक दूसरे को गले लगाने और अपने प्यारे देश को दुनिया का सबसे विकसित, आदर्श , शांतिपूर्ण और महाशक्ति मुल्क बनाने के लिए आमंत्रित करते हैं।’ मदनी ने कहा कि जमीयत आरएसएस से अपील करती है कि वह मौजूदा हालात में अपने समान विचारधारा वाले संगठनों को इस बात के लिए सहमत करे कि नफरत और सांप्रदायिकता की चादर उतार फेंके। उन्होंने कहा, ‘हमें हिंदू धर्म के प्रचार से कोई शिकायत नहीं है और आपको भी इस्लाम के प्रचार से कोई शिकायत नहीं होनी चाहिए।’

मुसलमानों के खिलाफ कार्रवाई, ऐसा होता रहा तो…. असम में बाल विवाह एक्शन पर मौलाना मदनी की हिमंत को चेतावनी
मदनी ने कहा कि देश में अगर कोई घटना होती है, तो उसे पूरे समाज या देश का आईना नहीं बताया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बहुसंख्यकों का बड़ा तबका मुसलमानों के साथ खड़ा होने को तैयार है और बहुत कम संख्या में ऐसे लोग हैं, जो दुश्मनी पर आमादा हैं और नफरत फैला रहे हैं। मदनी ने कहा, दलितों, अल्पसंख्यकों, खासकर मुसलमानों पर होने वाले हमले और मॉब लिंचिंग की घटनाएं, बिना शक बेहद अफसोसनाक और मुल्क के लिए  जड़ी बूटियां आज ही कपिवा स्लिम जूस आजमाएं |
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आपके लिए तैयार हो रही है विकसित देश की नींव… रेल मंत्री ने स्टूडेंट्स को सुनाई वंदे भारत ट्रेन की कहानी
आपके लिए तैयार हो रही है विकसित देश की नींव… रेल मंत्रइम्स लिटरेचर फेस्टिवल की शुरुआत हो गई। दो दिन तक चलने वाले इस फेस्ट का उद्घाटन केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने किया। उन्होंने इसके साथ वहां मौजूद छात्रों से दिलचस्प संवाद भी किया। उन्होंने छात्रों से पूछा कि 7,8,9,10 सीजीपीए आने पर आपके परिवार वाले क्या कहते हैं?

नई दिल्ली: दिल्ली में टाइम्स लिटरेचर फेस्टिवल का उद्घाटन केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने किया और फेस्ट में आए युवाओं से दिलचस्प संवाद किया। मंत्री ने कहा, आप हिंदुस्तान की आकांक्षा से भरी पीढ़ी है। आपके पास एक्सपोजर है, दुनिया में जो हो रहा है आपको सब कुछ पता है। आपको दुनिया की बेस्ट चीजें चाहिए, जैसे यूरोप, जापान, अमेरिका में होती ह रील नहीं’

रेल मंत्री ने वंदे भारत ट्रेन की कहानी सुनाते हुए युवाओं से कहा, यह स्टोरी इसलिए सुना रहा हूं क्योंकि आपकी पीढ़ी के लिए क्या तैयारी हो रही है, आपको पता होना चाहिए। यह रियल स्टोरी है ‘रील’ नहीं। इसमें देश को मजबूत नींव देने का माइंडसेट है, जिसमें बड़े से बड़े से चुनौती लेने का जज्बा होता है और गोल को पाने का जज्बा। उन्होंने बताया, दुनिया की सबसे कॉम्प्लेक्स मशीन है ट्रेन। एक पावर जनरेशन प्लांट को 180 किलो की स्पीड में दौड़ाना बहुत बड़ा चैलेंज है। 2017 में प्रधानमंत्री ने रेलवे की टीम को वर्ल्ड क्लास ट्रेन बनाने का टास्क दिया था। उन्होंने कहा मेरे हिंदुस्तान के इंजीनियर, टेक्नीशियन, वेल्डर्स, इलेक्ट्रीशियन इसे डिजाइन करेंगे और यह वर्ल्ड क्लास ट्रेन दुनिया को जीतेगी।

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यूके के पूर्व प चुनौतियां आई मगर 2019 में पहली वंदेभारत निकली और इसके बाद दुनियाभर के ट्रेन मैन्युफैक्चरर्स ने कोशिश की कि फिर कोई ट के नॉइस लेवल का 100 गुना कम है। जैसे मैथ्स की क्लास में साइलेंस होती है, वैसी चुप्पी।

 

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नई दिल्ली: ‘ऊंचे से ऊंचा साहित्य पढ़ा जाना चाहिए। कहते हैं वो किताबें पढ़नी चाहिए जो सौ साल से भी ज्यादा पुरानी हैं, प्रतिष्ठित हैं। पॉपुलर लिटरेचर लिखने वाले भी उन किताबों को पढ़कर आप तक नया साहित्य लेकर आते हैं। हम यही कोशिश कर रहे हैं कि अखबार के माध्यम से साहित्य को लिटरेचर फेस्टिवल के जरिए से करोड़ों लोगों तक पहुंचाएं क्योंकि ये किताबें करोड़ों लोग नहीं पढ़ते हैं। इनका सारांश अखबार के माध्यम से आप सब तक पहुंचाया जा सकता है।’ 7वें टाइम्स लिटरेचर फेस्ट मीडिया  होता है। यह अच्छा शब्द है कि अग्रुप के वीसी ने कहा कि धर्म, अध्यात्म और देश को जोड़ा जा सकता है। हम यह ना बोलें कि धार्मिक देश बल्कि हमारा आध्यात्मिक देश है। आध्यात्मिक शिक्षा पर उन्होंने कहा कि जो आप स्कूल-कॉलेज में पढ़ेंगे वो फिजिकल साइंसेज हैं- जैसे फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायॉलजी। यह बहुत छोटी बातें हैं। यूनिवर्सिटी वालों ने बहुत बड़ा शब्द ‘यूनिवर्स’ धर लिया है मगर यूनिवर्सिटी में यूनिवर्स का ज्ञान नहीं दिया जाता है। स्प्रिचुअल एजुकेशन का मतलब है कि ना दिखाई देने वाली चीजों को सीखना, जो स्कूल-कॉलेज में नहीं पढ़ाई जाएगी। वहां सिर्फ जॉब मार्केट के लिए  करते हुए कहा, ‘भारत विश्वबच्चन ने भी सोचा भी नहीं, वो अर्न्र्व्क्त्ध्त्ज‍िििििििििििििििििििििििििििििििििििि

 

जिसे प्रॉमिस डे रूप

है। आज से 27 साल पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी  ने देश के सामने कुछ वादे किए थे, जिन्हें अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरा किया है।

नई दिल्ली: फरवरी के महीने को कई लोग प्यार के महीने के रूप में मनाते हैं। आज 11 फरवरी है इसे ‘प्रॉमिस डे’ के रूप में मनाया जाता है। वैसे तो ये दिन प्रेमी-प्रेमिकाओं के लिए है, लेकिन आज हम एक खास राजनीतिक प्रॉमिस यानी वादे के बारे में बता रहे हैं। ये वादा देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी  ने किया था, जिसे वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरा किया। सोशल मीडिया पर पूर्व प्रधानमंत्री के भाषण का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वो राम मंदिर, धारा-370 और समान नागरिकता कानून जैसे मुद्दों पर बात कर रहे थे। अटल बिहारी  के कार्यकाल में तो सब वादे पूरे नहीं हो पाए थे लेकिन अब पीएम मोदी ने इन्हें साकार कर दिया है।
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27 साल पुराना वादा हुआ पूरा
आपको बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के भाषण का ये वीडियो 27 मई 1996 का है, जब 13 दिनों की सरकार के बाद अटल बिहारी वाजपेयी राष्ट्रपति को इस्तीपा सौंपने से पहले संसद में भाषण दे रहे हैं। 1996 में चुनाव के नतीजे आने के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में शपथ तो ली थी लेकिन एक वोट के चलते बीजेपी बहुमत साबित नहीं कर पाई। इसके बाद उन्होंने इस्तीफा दिया था और एक ऐतिहासिक भाषण संसद में दिया था। उन्होंने कहा था, ‘अभी मैं प्रधानमंत्री हूं, थोड़ी देर बाद नहीं रहूंगा…’

­वाजपेयी ने भाषण में क्या कहा था?

भाषण में एक पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा था ‘ भगवान राम ने कहा था मैं मृत्यु से नहीं डरता, डरता हूं तो बदनामी से डरता हूं… लोक उपहास से डरता हूं। आज मैं प्रधानमंत्री हूं थोड़ी देर बाद नहीं रहूंगा… मेरे ऊपर आरोपों की झड़ी लगाई जा रही है… लेकिन आपने अनेक महत्वपूर्ण मुद्दों को छोड़ दिया… राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कई महत्वपूर्ण मुद्दों को छोड़ दिया है। उनके भाषण में राम मंदिर का मुद्दा नहीं है, धारा 370 समाप्त करने का उल्लेख नहीं है। इसके अलावा शादी-ब्याह का समान कानून का भी जिक्र नहीं है। आपने स्वदेशी का भी परित्याग कर दिया। और ये बातें इस तरह से कही गई हैं, जैसे ये हमारे परित्याग से काफी दुखी हैं। वो तो इन बातों की आलोचना करते रहे हैं, हमें इसलिए दोषी ठहराते हैं क्योंकि हम राम मंदिर बनवाना चाहते हैं। हम देश की एकता कि बात करते हैं इसलिए हम आर्टिकल 370 हटवाना चाहते हैं।’

जब अटल ने परवेज मुशर्रफ से पूछा- मीट क्‍यों नहीं खा रहे? आगरा शिखर वार्ता का वो दिलचस्‍प किस्‍सा
मोदी सरकार ने वाजपेयी के वादे किए पूरे
अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में राम मंदिर और धारा 370 जैसे मुद्दों को कई बार उठाया गया था, लेकिन तब न ये संभव नहीं हो पाया। हालांकि 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद से इन मुद्दों को पहले से ज्यादा बल मिला। बीजेपी पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आई। ऐसे में सरकार ने धारा-370 हटाने का कानून पारित कराया। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अयोध्या में राम मंदिर का काम भी चल रहा है। वहीं, अब मोदी सरकार समान नागरिक संहिता पर काम कर रही है।

Promise Day Former Pm Atal Bihari Vajpayee Promise Which Modi Fulfille

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